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यूपी जल निगम: 4 महीने से सैलरी नहीं, डेढ़ साल से रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन नहीं, अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कर्मचारी

कर्मचारियों की यूनियन ने कहा है ''प्रबन्ध निदेशक से कई दौर की बैठकों, वार्ताओं के बावजूद एक-डेढ़ साल से सेवानिवृत्त/मृतक कर्मचारियों के परिजनों को पेंशन नहीं दी जा रही है।''
UP Jal Nigam

उत्तर प्रदेश जल निगम के कर्मचारियों ने एक बार फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए उ.प्र. जल निगम जल संस्थान मजदूर यूनियन ने कहा है ''उत्तर प्रदेश जल निगम में 30-35 वर्षों से कार्यरत नियमित फील्ड कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर, जल निगम प्रशासन द्वारा उन्हें पेंशन एवं पेंशनरी लाभों से वंचित करने से, उनका परिवार भुखमरी, लाचारी एवं इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मरने को विवश हैं”।

यूनियन ने कहा है ''प्रबन्ध निदेशक से कई दौर की बैठकों, वार्ताओं के बावजूद एक-डेढ़ साल से सेवानिवृत्त/मृतक कर्मचारियों के परिजनों को पेंशन नहीं दी जा रही है। उ.प्र. जल निगम जल संस्थान मजदूर यूनियन द्वारा 20 सितम्बर 1995 के विजयी संघर्ष की 26वीं वर्षगांठ पर संगठन के प्रतिनिधियों, सेवानिवृत्त कर्मियों एवं मृतक कर्मचारियों की विधवाओं और परिजनों ने आज से अनिश्चितकालीन धरना एवं प्रदेश व्यापी सत्याग्रह प्रारम्भ कर दिया है।''

कार्यक्रम का आगाज यूनियन के संस्थापक डा. वेद प्रकाश श्रीवास्तव के क्रान्ति गीत के साथ शुरू हुआ।

यूनियन के अध्यक्ष राम सनेही यादव ने बताया ''मा. सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 02.09.2019 को पारित आदेश में सभी कार्मिकों को नियुक्ति की तारीख से गणना करते हुए पेंशनरी लाभ दिये जाने के निर्देश जारी किये हैं, लेकिन 30-35 वर्ष की सेवा करने वाले कार्मिकों को जल निगम प्रशासन पेंशन नहीं दे रहा है।''

आपको बता दें कि वेतन को लेकर भी जलनिगम के कर्मचारी बेहद परेशान रहते हैं, इससे पहले वे कई मर्तबा प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, हर बार सरकार वेतन देने का वायदा करती है, कर्मचारी अपना धरना प्रदर्शन रोक देते हैं, लेकिन एक दो महीने की तनख्वाह देकर कर्मचारियों को बहलाया जाता है।

यूनियन के अध्यक्ष राम सनेही यादव ने आगे बताया ''अभी अप्रैल की सैलरी मिली थी। लेकिन मई 2021 से लेकर अभी सितंबर तक कोई वेतन या पेंशन नहीं दी गई।''

यूनियन के महामंत्री सतीश कुमार शर्मा ने भी विभाग में आर्थिक संकट के नाम पर पेयजल योजनाओं, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों में कार्यरत 1238 फील्ड कर्मचारियों को मनमानें तरीके से नगर निकायों में समायोजित करने की तानाशाही पूर्ण कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया।

यूनियन के संरक्षक वीरेन्द्र सिंह ने चार महीने के बकाया वेतन-पेंशन का तुरन्त भुगतान करने की मांग की। ऐसे ही पूर्व संरक्षक आरएस गिरि ने पेंशनर्स को 189 प्रतिशत महंगाई राहत दिये जाने की मांग की।

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