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यूपी निकाय चुनाव : छिटपुट घटनाओं के साथ दूसरे चरण के चुनाव संपन्न!

उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग ख़त्म हो गई है, अब 13 मई को नतीजे आएंगे। ऐसे में देखना होगा कि इस बार प्रदेश के शहरों में कौन बाज़ी मारता है?
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फ़ोटो साभार: जागरण

यूपी निकाय चुनाव के दूसरे चरण में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के अनुसार शाम 5 बजे तक कानपुर देहात में 62.28 प्रतिशत वोटिंग हुई। जबकि कानपुर नगर में सबसे कम वोट पड़े, यहां शाम 5 बजे तक सिर्फ़ 39.7 प्रतिशत वोटिंग हुई।

इसके अलावा अयोध्या में 49.98, अलीगढ़ में 46.2, आज़मगढ़ 53.14, शाहजहांपुर में 49.92 प्रतिशत वोटिंग हुई। ये सभी आंकड़े शाम 5 बजे तक हैं, अभी चुनाव आयोग की तरफ से फाइनल आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं, ऐसे में आंकड़ों में तब्दीली हो सकती है।

प्रदेश में 60 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे। इस चरण में 9 मंडलों के 38 ज़िलों में वोट डाले गए। आपको बता दें कि 38 ज़िलों की 7 नगर निगम, 95 नगर पालिका, 267 नगर पंचायत पद और पार्षद सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। मेरठ, गाज़ियाबाद, शाहजहांपुर, बरेली, अलीगढ़, कानपुर, अयोध्या और शाहजहांपुर में लोगों ने मेयर के लिए वोट किया। दूसरे चरण का निकाय चुनाव बसपा, भाजपा, कांग्रेस और सपा के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

राज्य की 7 नगर निगम की मेयर सीटों के लिए 83 उम्मीदवार मैदान में थे। इन्हीं नगर निगमों के पार्षद के 581 पद के लिए 3840 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आज़माई। वहीं, 95 नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए 969 उम्मीदवार और नगर पालिका की 2520 पार्षद सीटों के लिए 13315 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। 276 नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए 2942 उम्मीदवार और इनके 3459 सदस्यों के पद के लिए 17997 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी।

वोटिंग के दौरान कई ज़िलों से मारपीट, झड़प और गड़बड़ी की ख़बरें भी सामने आईं। आज़मगढ़ में फर्जी वोटिंग के आरोपों को लेकर दो पार्षद प्रत्याशियों के समर्थक आपस में भिड़ गए। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और हंगामा कर रहे समर्थकों को दौड़ाकर भगाया। कई लोगों के धार्मिक स्थल में घुसने की खबरें आईं। वहीं, मेरठ करनावल में भाजपा की स्टार प्रचारक और पूर्व मिसेज़ यूनिवर्स रूबी फोगाट को पुलिस ने बूथ से बाहर निकाला। आरोप है कि वो बूथ के अंदर भाजपा प्रत्याशी सतीश का प्रचार कर रही थीं।

इसके अलावा समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से कई वीडियो ट्वीट किए गए।

समाजवादी पार्टी ने महोबा ज़िले को लेकर एक ट्वीट किया कि वहां कहरई नगर पंचायत में भाजपा नेता और हिस्ट्रीशीटर अपराधी भाजपा के पक्ष में मतदान करवाने का प्रयास कर रहे हैं।

इधर, बुलंदशहर नगर पालिका से सपा प्रत्याशी अर्चना पांडे बूथ के बाहर फूट-फूट कर रोती नज़र आईं। वो कुछ भी नहीं बोल रहीं थीं। हालांकि, उनके समर्थकों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर अभद्रता का आरोप लगाया। अर्चना, पूर्व सपा विधायक भगवान शर्मा उर्फ गुड्‌डू पंडित की पत्नी हैं।

इसके अलावा सुबह दूसरे चरण के मतदान शुरु होने के तुरंत बाद ही गाज़ियाबाद के लोनी से झड़प की ख़बर सामने आ गई, जहां एक पोलिंग बूथ पर भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर और बसपा प्रत्याशी के पति असद अली आपस में भिड़ गए। दोनों एजेंट नहीं थे, फिर भी बूथ तक पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने असद को मतदान केंद्र से बाहर कर दिया। असद ने आरोप लगाया कि विधायक मुस्लिमों को वोट नहीं डालने दे रहे हैं। जवाब में भाजपा विधायक ने कहा कि दिल्ली की महिलाओं को बुर्का पहनाकर फर्जी वोटिंग कराई जा रही थी। इसलिए इसका विरोध किया था। उधर कानपुर पुलिस ने भी भाजपा के एजेंट को अरेस्ट किया है। पुलिस ने बताया कि एजेंट नितिन पोलिंग बूथ के अंदर एक मतदाता पर भाजपा को वोट देने का दबाव बना रहा था।

आपको बता दें कि इस बार शाहजहांपुर को भी नगर निगम घोषित किया गया है, ऐसे में यहां पहली बार महापौर पद के लिए चुनाव हो रहा है। भाजपा ने नामांकन के आख़िरी दिन से एक दिन पहले सपा की महापौर प्रत्याशी अर्चना वर्मा को अपने पाले में खड़ा कर एक बड़ा सियासी दांव चला था, ऐसे में सपा ने माला राठौर, बसपा ने शगुफ्ता अंजुम और कांग्रेस ने निकहत इकबाल पर दांव लगाया है। नगर पालिका की सीट के रहते हुए शाहजहांपुर में सपा का दो दशक से कब्ज़ा रहा है, लेकिन इस बार उसके सामने अपने वर्चस्व को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।

इस चुनाव में सीधे तौर पर भाजपा के साथ-साथ बसपा की साख भी दांव पर है। मेरठ और अलीगढ़ सीट पर 2017 में बसपा का मेयर चुना गया था, अयोध्या और बरेली में भाजपा को जीत तो मिली थी, लेकिन अंतर बड़ा नहीं था। गाज़ियाबाद और कानपुर में भाजपा की प्रचंड जीत हुई थी।

अगर एक-एक कर सात नगर निगम सीटों पर उम्मीदवारों की बात करें तो, सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि अयोध्या की जनता किसे अपना आशीर्वाद दे रही है।

अयोध्या में नगर निगम की मेयर सीट के लिए भाजपा ने मौजूदा मेयर ऋषिकेश उपाध्याय की जगह गिरीशपति त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया गया है, जिनके सामने सपा से आशीष पांडेय, बसपा से रामूर्ति यादव, और कांग्रेस से प्रमिला राजपूत मैदान में है। जैसा कि ज़ाहिर है कि अयोध्या भाजपा के लिए राजनीति का केंद्र रहा है, ऐसे में उसके लिए ये सीट काफी अहम है, लेकिन सपा ने जिस तरह से ब्राह्मण और बसपा यादव कार्ड खेला है, उसके चलते मुकाबला काफी रोचक हो गया है।

अब बात करते हैं कानपुर की...

कानपुर नगर निगम में मेयर के लिए भाजपा ने प्रत्याशी के तौर पर प्रमिला पांडेय को मैदान में आगे किया है। जबकि सपा से वंदना बाजपेयी, कांग्रेस से आशनी अवस्थी, और बसपा से अर्चना निषाद चुनाव लड़ रही हैं। यानी बसपा को छोड़कर तीनों बड़ी पार्टियों ने ब्राह्मण प्रत्याशियों पर दांव खेला है। उधर सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी की पत्नी वंदना बाजपेयी के उतरने और भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह को टिकट नहीं मिलने से कानपुर में भाजपा के लिए अपनी सीट को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।

बात बरेली की...

इस सीट से मेयर प्रत्याशी के तौर पर भाजपा ने अपने मौजूदा मेयर उमेश गौतम को आगे किया है, सपा ने आख़िरी वक़्त में संजीव सक्सेना की जगह आईएस तोमर को प्रत्याशी बना दिया। लेकिन बसपा ने युसुफ खां पर दांव लगाकर सपा की मुश्किलें खड़ी कर दी है। बरेली में मुस्लिम वोटों में बिखराव हुआ तो भाजपा की सियासी राह आसान हो सकती है, क्योंकि मौलाना तौकीर रज़ा भी सपा के ख़िलाफ़ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।

मेरठ में कौन मारेगा बाज़ी?

इस सीट पर बसपा की साख दांव पर है क्योंकि पिछली बार ये सीट बसपा के ही खाते में आई थी। मेयर सीट पर भाजपा से पूर्व मेयर हरिकांत अहलूवालिया, सपा से विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान, बसपा से हशमत मलिक और कांग्रेस से नसीम कुरैशी चुनाव मैदान में किस्मत आज़मा रहे हैं।

अलीगढ़ किसको रास आएगा?

अलीगढ़ नगर निगम के लिए भाजपा ने प्रशांत सिंघल को प्रत्याशी बनाया है। बसपा ने सलमान शाहिद, सपा ने ज़मीर उल्ला खां और कांग्रेस ने सीपी गौतम को मैदान में उतारा है।

गाज़ियाबाद में किसका मेयर?

गाज़ियाबाद नगर निगम की मेयर सीट पर भाजपा से सुनीता दयाल मैदान में है जिनके ख़िलाफ़ सपा से सिकंदर यादव की पत्नी पूनम यादव, बसपा से निसारा खान और कांग्रेस से पुष्पा रावत चुनावी ताल ठोक रही हैं। यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और बसपा के बीच माना जा रहा है, सपा को आख़िरी वक़्त में प्रत्याशी बदलने का खामियाज़ा उठाना पड़ सकता है।

शाहजहांपुर में कौन होगा पहला मेयर?

शाहजहांपुर में पहली बार नगर निगम के चुनाव हो रहे हैं। भाजपा ने नामांकन के आख़िरी दिन से एक दिन पहले सपा की महापौर प्रत्याशी अर्चना वर्मा को अपने खेमे में लेकर और उन्हें अपना प्रत्याशी बनाकर बड़ा सियासी दांव चला, ऐसे में सपा ने माला राठौर, बसपा ने शगुफ्ता अंजुम और कांग्रेस ने निकहत इकबाल पर दांव लगाया है। नगर पालिका की सीट के रहते हुए शाहजहांपुर में सपा का दो दशक से कब्ज़ा रहा है लेकिन इस बार उसके सामने अपने वर्चस्व को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है।

ख़ैर, कौन किस पर भारी पड़ेगा ये तो 13 मई को पता लग जाएगा, और ये भी पता चल जाएगा कि शाहजहांपुर का पहला मेयर कौन होगा? इसके साथ इस निकाय चुनाव के ज़रिए ये जानने में भी आसानी होगी कि आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की तस्वीर कैसी दिखने वाली है।

नोट: ख़बर में दिए गए आंकड़े, चुनाव आयोग द्वारा शाम 5 बजे तक उपलब्ध कराए गए आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित है।

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