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अमेरिका ने जर्मनी से लगभग 12,000 सैनिकों की वापसी की घोषणा की

इस वापसी के बावजूद देश में 25,000 से अधिक अमेरिकी सैनिक रहेंगे।
अमेरिका

अमेरिका ने बुधवार 29 जुलाई को जर्मनी में तैनात 11,900 सैनिकों की वापसी और इस देश से इसके यूरोपीय कमांड के चरणबद्ध तरीके से स्थानांतरण करने की घोषणा की। हालांकि रक्षा सचिव मार्क इस्पर ने कहा कि ये क़दम बेल्जियम के लिए इन बलों के "रणनीतिक स्थानांतरण" को लेकर है, वहीं राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि ये फैसला जर्मनी की अपनी रक्षा के लिए ख़र्च करने के लिए उसकी अनिच्छा का परिणाम है।

जर्मनी से वापस लिए जाने वाले कुल 11,900 सैनिकों में से 6400 अमेरिका वापस चले जाएंगे और शेष यूरोप में नाटो के अन्य सदस्यों अर्थात् बेल्जियम और इटली में पुनः तैनात किए जाएंगे। जर्मनी में क़रीब 25,000 और अमेरिकी सैनिक रहेंगे।

पेंटागन ने जर्मनी में इसके मौजूदा लोकेशन से अपने यूरोपीय कमांड (यूरोकॉम) मुख्यालय और अफ्रीकी कमांड को बेल्जियम में क्रमिक रूप से स्थानांतरित करने की भी घोषणा की। हालांकि सटीक संख्या का पता लगाना मुश्किल है, विभिन्न अनुमानों के अनुसार जर्मनी में लगभग 50,000 अमेरिकी नागरिक और रक्षा कर्मी तैनात हैं जिनमें से लगभग 36,000 सक्रिय अमेरिकी सैनिक हैं।

जर्मनी में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति द्वितीय विश्व युद्ध का परिणाम है और जिसके चलते सोवियत संघ और अमेरिका के बीच शीत युद्ध की स्थिति बनी रही है। यूरोप के कुल सात अमेरिकी सैन्य ठिकानों में से पांच तो केवल जर्मनी में हैं। इस देश में अमेरिकी सैन्य ठिकाने मध्य पूर्व, पूर्वी यूरोप और अफ्रीका में अमेरिकी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ट्रम्प प्रशासन ने कहा है कि सभी नाटो सदस्यों को अमेरिका पर अपनी निर्भरता को कम करते हुए अपनी सुरक्षा का बोझ साझा करना चाहिए। इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए ट्रम्प ने कहा कि "जर्मनी कसूरवार है" और इसने "कई वर्षों से हमारा लाभ उठाया है, इसलिए हम सैनिकों को कम कर रहे हैं क्योंकि वे अपने ख़र्च का भुगतान नहीं कर रहे हैं।" उन्होंने गुरुवार तड़के एक ट्वीट में इन दावों को दोहराया।

नाटो के सदस्यों ने 2014 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके अनुसार सभी सदस्य अपने रक्षा बजट को अपने सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 2% तक बढ़ाएंगे। 29 नाटो सहयोगियों में से केवल सात का ख़र्च अधिक है। जर्मनी वर्तमान में रक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.3% खर्च कर रहा है। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने 2031 तक देश के रक्षा बजट को आवश्यक 2% तक बढ़ाने का वचन दिया है।

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