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यूपी: हवाई चप्पल वाले का रोडवेज से सफर भी हुआ मुश्किल, महंगे टोल डाल रहे आम आदमी की जेब पर डाका!

उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में संचालित ई बसों के किराये में एक बार फिर से बढ़ोत्तरी की गई है। अगस्त माह में हुई यह बढ़ोत्तरी 6 महीने में दूसरी बार है जिसमें 2-5 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
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"वादा था हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज के सस्ते सफर कराने का लेकिन बढ़ती महंगाई ने आम आदमी के ट्रेन और बसों के सस्ते सफर को भी मुश्किलों भरा बना दिया है। पेट्रोल डीजल, गैस और बिजली की आसमां छूती कीमतों ने सार्वजनिक परिवहन को इतना महंगा कर दिया है कि आम आदमी सफर पर निकलने से पहले सौ बार अपनी जेब टटोलता है। वहीं, रही सही कसर महंगे टोल ने पूरी कर दी है। यूपी की ही बात करें तो आलम यह है कि यूपी में 10 साल में जहां रोडवेज बसों का किराया 85 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया है तो वहीं, हर तीसरे चौथे माह पर टोल की दरें बढ़ जा रही हैं। यही नहीं, महंगी बिजली के चलते ई बसों के किराये में भी बार बार बढ़ोत्तरी हो रही तो महंगे डीजल व टोल से माल भाड़ा आदि बढ़ने के चलते महंगाई अलग सता रही है।"

यूपी में ई-बसों का सफर दो से पांच रुपये तक महंगा, 6 महीने में दूसरी बार बढ़ा किराया

उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में संचालित ई बसों के किराये में एक बार फिर से बढ़ोत्तरी की गई है। अगस्त माह में हुई यह बढ़ोत्तरी 6 महीने में दूसरी बार है जिसमें 2-5 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले इसी फरवरी माह में यूपी रोडवेज बसों का किराया बढ़ाया गया था। रोडवेज ने बसों के किराये में लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि की थी। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के नगर परिवहन विभाग की इलेक्ट्रिक बसों में AC में सफर करने के लिए यात्रियों को दो से पांच रुपये अतिरिक्त किराया देना पड़ेगा। नगरीय परिवहन निदेशालय द्वारा जनवरी 2023 के बाद फिर से अगस्त माह में किराये में बढ़ोत्तरी कर दी गई है।

न्यूनतम 12 रुपये और अधिकतम 55 रुपये करने होंगे खर्च

इलेक्ट्रिक बसों का किराया दो रूपए से पांच रूपए तक बढ़ाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी की सिटी बसों में सफर करने पर न्यूनतम 12 रूपये और अधिकतम 55 रूपए चुकाने होंगे। इन बसों का किराया प्रति किलोमीटर के हिसाब से बढ़ाया गया है। इस किराए में जीएसटी और एक्सीडेंट फंड को दूरी के अनुसार बढ़ा दिया गया है। न्यूनतम जीएसटी 50 पैसे और अधिकतम 2.50 रूपये वसूला जा रहा है, जबकि एक्सीडेंट फंड के रूप में न्यूनतम 50 पैसे और अधिकतम एक रूपये वसूला जा रहा है।

10 साल में 85 प्रतिशत महंगा हुआ यूपी रोडवेज का सफर

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने रोडवेज बसों के किराये में 25 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोत्तरी की है। इस बढ़ोत्तरी के बाद रोडवेज से प्रति किमी किराया अब 1.05 रुपये से बढ़कर 1.30 रुपये हो गया। पिछले 10 सालों में यह सातवीं बढ़ोत्तरी है। कुल मिलाकर देंखे तो बीते 10 सालों में यूपी रोडवेज का किराया 85 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया है। इसी वित्तीय वर्ष के शुरू होने से जस्ट पहले फरवरी माह में हुई इस बढ़ोत्तरी को यूपी रोडवेज में सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। यूपी राज्य परिवहन निगम के अफसरों के मुताबिक, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते बस किराये में इजाफा हुआ है। डीजल के दाम बढ़ने के कारण ऑपरेशनल कॉस्ट में बढ़ोतरी की वजह से निगम द्वारा किराय बढ़ाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया।

इतना हुआ AC बसों का किराया

बसों के किराये में बढ़ोतरी से निगम की एसी बसों के किराये में भी बढ़ोतरी हुई है। जनरथ बस 3x2 का किराया 163.86 पैसे प्रति किलोमीटर, जनरथ बस 2x2 का किराया 193.76 पैसे किलोमीटर, एसी स्लीपर बस का किराया 258.78 पैसे और वॉल्वो बसों का किराया 286.14 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर हो गया है।

2012 में 70 पैसे प्रति किलोमीटर था यूपी रोडवेज का किराया, अब 1.30 रूपये प्रति किलोमीटर है

UP रोडवेज बसों में रोजाना 14-15 लाख यात्री सफर करते हैं। किराया बढ़ने से रोडवेज की आय प्रतिमाह करीब ढाई करोड़ रुपये बढ़ जाएगी। इस पैसे का इस्तेमाल बसों के मेंटेनेंस और अधिकारियों-कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में किया जा सकेगा। लेकिन देखा जाए तो पिछले 10 साल में यूपी रोडवेज ने ये सातवीं बार किराया बढ़ाया है। 

यही नहीं, पहले के सालों में किराये में 4-4, 5-5 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोत्तरी होती थी लेकिन 2020 में 10 पैसे तथा अब 2023 में सीधे 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाया गया है। 2012 में यूपी रोडवेज का किराया 70 पैसे प्रति किलोमीटर था जो अब 2023 में 1.30 रुपया प्रति किलोमीटर हो गया है। 85 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, परिवहन निगम ने 2012 और 2013  में 4-4 पैसे प्रति किलोमीटर, 2014 में 5 पैसे, 2016 में 7 पैसे, 2017 में 9 पैसे और 2020 में 10 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाया था। अब साधारण बस सेवा का 1.30 रूपये प्रति किलोमीटर किराया है। 

फरवरी 2023 से इतना हैं यूपी रोडवेज की बसों में किराया 



उत्तराखंड रोडवेज ने भी बढ़ाया किराया

उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में भी सफर महंगा हो गया है। दरअसल, यूपी में फरवरी माह में रोडवेज बसों का किराया प्रति किमी 25 पैसे बढ़ने के बाद, उत्तराखंड की भी यूपी से होकर गुजरने वाली बसों का किराया बढ़ गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम ने मंगलवार से 13 ऐसे रूटों पर किराये में 5 रुपये से लेकर 60 रुपये तक की बढ़ोतरी लागू कर दी है। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन एवं तकनीकी दीपक जैन ने बताया कि, चूंकि यूपी रोडवेज की बसों का किराया बढ़ा है, इसलिए यह नियम है कि जिस राज्य से होकर उत्तराखंड की बसें गुजरती हैं, वहां का किराया ही लिया जाता है। लिहाजा, उत्तराखंड से यूपी होकर गुजरने वाली बसों का किराया बढ़ा दिया गया है।

इसके हिसाब से दून-दिल्ली मार्ग पर साधारण बस का किराया 45 रुपये बढ़ा है। वर्तमान में उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें दिल्ली के लिए 375 रुपये किराया ले रहीं थी, मगर अब किराया 420 रुपये हो गया है। वाल्वो बस का किराया 47 रुपये बढ़ा है। देहरादून से दिल्ली वाल्वो बस का किराया अब तक 888 रुपये था, जो बढ़कर 935 रुपये हो गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें उत्तर प्रदेश की सीमा में जितने किलोमीटर चलेंगी, उसी हिसाब से किराया अधिक देना होगा।

किराए के बाद अप्रैल 2023 में बढ़ा यूपी में टोल

टोल टैक्स बढ़ाने का असर रोडवेज बसों के किराये पर भी पड़ा है। फरवरी माह में रोडवेज ने किराया बढ़ाया तो अप्रैल माह में टोल की दरें बढ़ गई है जिसका सीधा असर भी यात्रियों की जेबों पर ही पड़ता है। जी हां, टोल बढ़ते ही रोडवेज प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से बस का यात्री किराया बढ़ा दिया है। किराये में 20 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। दिल्ली, लखनऊ, आगरा सहित सभी उन रूटों का किराया बढ़ाया गया है, जहां टोल टैक्स पड़ता है। परिचालकों को बढ़े किराये की सूची दे दी गई है। रोडवेज के सेवा प्रबंधक तुलाराम के मुताबिक टोल में बढ़ोत्तरी की वजह से किराया बढ़ाया गया है। कानपुर से लखनऊ का किराया एक रुपये तो दिल्ली का किराया 20 रुपये बढ़ा है।

एक जुलाई को एनएच ने बढ़ाया टोल

जुलाई माह में एनएच ने अपना टोल बढ़ा दिया है। दिल्ली से देहरादून जाने के लिए अब नेशनल हाईवे पर यात्रियों को ज्यादा टोल देना पड़ेगा। यहां वेस्टर्न यूपी टोल प्लाजा पर नेशनल हाईवे एथॉरिटी ऑफ इंडिया ने शनिवार को टोल टैक्स की नई दरें जारी कर दी हैं। टोल रेट में 5 से 10 रुपए बढ़ाए गए हैं। इससे यात्रियों को ज्यादा टोल भरना पड़ेगा। हालांकि कार वालों को राहत देते हुए टोल टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। नई दरें एक जुलाई से लागू की गई है। एनएच 58 (दिल्ली-देहरादून) पर सिवाया गांव के पास में वेस्टर्न यूपी टोल प्लाजा टोल वसूलता है। कंपनी ने एक जुलाई से टोल टैक्स की दरें बढ़ाई हैं। इस बार लोकल व कार-जीप के किराये में वृद्धि नहीं की गई है। मल्टीएक्सल वाहन पर 10 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। बस-ट्रक पर पांच रुपए बढ़ाए गए हैं। यह पहली बार है जब एनएचएआई ने न्यूनतम टैक्स बढ़ाया है। हर बार किराये में 15 से 20 रुपये तक का इजाफा किया जाता था। 1 जुलाई की रात 12 बजे से ये बढ़ी दरें लागू की गई हैं। 

1 सितंबर से फिर बढ़े एनएच के टोल रेट

1 सितंबर से एनएच के टोल रेट फिर से बढ़ गए हैं जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करने से आपका जेब खर्च बढ़ गया है। अब आपको हाईवे पर आरामदायक सफर के लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 31 अगस्त 2023 की रात 12 बजे से पानीपत से अमृतसर तक सभी टोल प्लाजा पर टोल शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है।हालांकि एनएच ने यह रेट पंजाब और हरियाणा में बढ़ाए है लेकिन महंगे टोल से माल भाड़ा आदि बढ़ने से फर्क तो यूपी पर भी पड़ता ही है। 

हरियाणा पंजाब में 1 सितंबर से 10 से 15 फीसद बढ़ा टोल

बता दे कि अब आपसे 10 से 15 फीसदी ज्यादा टोल वसूला जाएगा। इससे पहले, लाडोवाल टोल प्लाजा पर कारों और जीपों के लिए एक तरफ का टोल 150 रुपये, राउंड-ट्रिप टोल 225 रुपये और मासिक पास शुल्क 4505 रुपये था। अब यानी 1 सितंबर से एक तरफ के लिए 155 रुपये, आने-जाने के लिए 235 रुपये और मासिक पास के लिए 4710 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसी प्रकार पहले एल सीबी एक तरफा वाहन की कीमत 265 रुपये, आने-जाने की 395 रुपये और मासिक पास की कीमत 7880 रुपये है। अब एक तरफ के लिए 275 रुपये, आने-जाने के लिए 410 रुपये और मासिक पास के लिए 8240 रुपये लगेंगे। पहले, 525 वन-वे बस और ट्रक पास, 790 राउंड-ट्रिप पास और मासिक पास की कीमत 15,765 रुपये थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब एक तरफ का पास 550 रुपये, राउंड ट्रिप पास 825 रुपये और मासिक पास 16,485 रुपये कर दिया गया है। भारी वाहनों के लिए पहले एक तरफ के लिए 845 रुपये, दोनों तरफ के लिए 1265 रुपये, मासिक पास 25,335 रुपये था और अब एक तरफ के लिए 885 रुपये, राउंड ट्रिप के लिए 1325 रुपये और मासिक पास के लिए 26,490 रुपये है।

साभार : सबरंग 

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