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यूपी: बलिया के सामूहिक विवाह में 'गड़बड़ी' का असल ज़िम्मेदार कौन?

इस पूरे मामले में ज़िला समाज कल्याण अधिकारी समेत 9 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज हुई है।
Balia

उत्तर प्रदेश का जिला बलिया एक बार फिर राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है। इसकी प्रमुख वजह एक सरकारी योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन है, जिसमें बड़े स्तर पर 'घपले' की बात सामने आ रही है। स्थानीय मीडिया की मानें तो इस विवाह में 90 प्रतिशत फर्जीवाड़ा होने का आरोप लगा है, जिससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इस पूरे मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी समेत 9 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज हुई है।

बता दें कि यूपी में 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के तहत गरीब घर की लड़कियों की शादी सरकार के खर्चे पर करवाई जाती है। समाज कल्याण विभाग इन शादी कार्यक्रमों का आयोजन करवाता है और शादी में शामिल होने वाली हर लड़की के बैंक खाते में 35 हजार रुपये, कपड़े, बिछिया, पायल और बर्तन खरीदने के लिए 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके साथ बारातियों के स्वागत और बाकी कामों के लिए 6 हजार रुपये दिए जाते हैं।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बलिया के मनियर नगर पंचायत का है। यहां 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बड़े पैमाने पर 568 जोड़ों के शादी समारोह का आयोजन कराया गया था। इसके बाद दावा किया जा रहा है कि समारोह में इतनी दुल्हनें हो गईं कि दूल्हों की कमी पड़ गई। फिर कुछ दुल्हनों ने खुद को ही वरमालाएं पहना लीं और इस शादी योजना के लाभार्थियों की भीड़ में शामिल हो गईं।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि शादी में शामिल होने आईं कई दुल्हनें पहले से शादीशुदा थीं, तो वहीं ज्यादातर महिलाओं के बच्चे भी हैं। बात अगर दुल्हों की कि जाए तो ऐसा कहा जा रहा है कि इस समारोह को देखने आए कुछ नाबालिग लड़कों को ही दो-तीन हजार रुपयों का लालच देकर जबरदस्ती दूल्हा बनाकर बैठा दिया गया। और शायद यही कारण है कि वायरल वीडियो में दूल्हे बने लड़कों को गमछे या मास्क से अपना चेहरा छुपाते हुए देखा जा सकता है। ये पूरा मामला सुनने में जितना हास्यासपद लग रहा है, वास्तव में उतना ही गंभीर है।

एक ओर आरोप है कि महिलाएं सरकार की तरफ से मिलने वाले गिफ्ट और पैसे लेने के लिए सामूहिक विवाह में शामिल हुई थीं। हालांकि सवाल यहां दुल्हनों से ज्यादा शासन-प्रशासन पर उठता है कि आखिर उनकी मौजूदगी में ये सब चुपचाप कैसे होता रहा। इन दूल्हे-दुल्हनों की कोई जांच पहले क्यों नहीं हुई। सोशल मीडिया पर मामला तूल पकड़ने के बाद ही प्रशासन हरकत में क्यों आया। ऐसे ही कई सवाल हैं, जो भ्रष्टाचार से लेकर फर्जीवाड़े तक कई गंभीर आरोपों की ओर इशारा करते हैं।

प्रशासन क्या कह रहा है?

पूरे मामले पर प्रशासन का कहना है कि योजना से संबंधित धनराशि अभी कन्याओं के खाते में हस्तांतरित नहीं की गई है। सीडीओ ने जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांगजन अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी की तीन सदस्यीय समिति गठित की है। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट भी सीडीओ सौंप दी है। खबरों की मानें, तो कई लाभार्थी इसमें अपात्र पाए गए हैं। सत्यापन करने वाले अधिकारी सहायक विकास अधिकारी की पूरी लापरवाही मिली है। अपात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। वहीं अन्य ब्लाकों में भी जांच के लिए टीम लगाई गई है। मामले की पूरी रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई का आश्वासन प्रशासन दे रहा है।

इस पूरे विवाद पर जिलाधिकारी रवींद्र कुमार का बयान भी सामने आया है। उनका कहना है कि "इस योजना में धांधली करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण अधिकारी सहित नौ के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। साथ ही एडीओ को निलंबित करने की संस्तुति भी कर दी गई है। धांधली करने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।"
ये बातें तो शासन-प्रशासन की ओर से सामने आ रही हैं और वो भी तब जब मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के चलते सुर्खियों में आ गया। इस विवाद को देखते हुए बाकि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों में भी गड़बड़ी की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। राशन योजना को लेकर तो कई खुलासे पहले भी हो चुके हैं। हालांकि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली यूपी सरकार फिलहाल मामले पर चुप्पी साधे हुए है।

गौरतलब है कि साल 2021 में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में कहा था कि “अब तो बलिया का नाम लेते ही डर लगता है”, बात हँसी में कही गई थी, लेकिन ये हँसी नहीं वास्तविकता है और ज़िले में अपराधियों की कोई कमी नहीं है। कभी अपराध के ग्राफ को लेकर जिला सुर्खियों में आ जाता है, तो कभी स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामियों को लेकर। जनता परेशान है और सीएम योगी आदित्यनाथ से वाकई 'रामराज' की आस लगाए बैठी है।

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