Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

उमर ख़ालिद की गिरफ़्तारी पर जेएनयू टीचर्स और बुद्धिजीवियों ने जताया ऐतराज़

भारत भर में विख्यात हस्तियों ने दिल्ली हिंसा मामले में आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) के तहत जेएनयू के पूर्व छात्र नेता की गिरफ़्तारी पर कड़ा ऐतराज़ जताया है। उमर को अदालत ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।
उमर ख़ालिद

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (JNUTA) सहित कई शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रख्यात बुद्धिजीवियों ने सोमवार को जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद की आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है जो फरवरी महीने में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित मामला है और जिसमें करीब 53 लोग मारे गए थे।

जेएनयूटीए (JNUTA) ने "निर्दयी" यूएपीए के तहत ख़ालिद की गिरफ्तारी की निंदा की है। जेएनयूटीए ने जारी अपने बयान में कहा है कि दिल्ली पुलिस फरवरी 2020 के दंगों के मामले में जांच और पूछताछ करने के नाम पर कभी न खत्म होने वाले दुर्भाव से कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों का शिकार कर रही है, जबकि चल रही जांच में उमर ख़ालिद स्वेच्छा से सहयोग कर रहे थे। 

दिल्ली दंगों के मामले में हाल ही में पुलिस द्वारा शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं को समन भेजना, जांच के लिए बुलाना और फिर उनकी गिरफ्तारी करना "न केवल असंतोष के अपराधीकरण की प्रक्रिया है, बल्कि कानून प्रवर्तन या उस लागु करने की प्रक्रिया का अपराधीकरण भी है," जेएनयूटीए ने यूएपीए जैसे कानूनों का उन लोगों के खिलाफ इस्तेमाल करने को बंद करने की मांग की है जिसे "सीएए का शांतिपूर्ण विरोध करने वालों को शांत करने के लिए किया जा रहा है।”

जेएनयूटीए ने बयान में, "सभी झूठे मामले वापस लेने तथा सभी को रिहा करने की मांग की है, जिन्हे अन्यायपूर्ण ढंग से फंसाया गया है।"

जेएनयूटीए के बयान में यह भी कहा गया है कि 2018 के बाद से, जब ख़ालिद जानलेवा हमले से बच गया था, तो उसे स्टेट की तरफ से सुरक्षा दी जानी चाहिए थी। फिर भी "ख़ालिद को  उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़काने की 'साजिश' का हिस्सा होने का आरोप लगा दिया गया है।"

शिक्षाविदों, कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के एक अन्य समूह ने दिल्ली पुलिस से "दुर्भावपूर्ण  शिकार" को रोकने और ख़ालिद की तत्काल रिहाई की मांग की है।

 "उमर ख़ालिद उन सैकड़ों आवाज़ों में से एक आवाज़ थी, जिन्होंने सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान देश भर में संविधान के पक्ष में बात की थी, हमेशा शांतिपूर्ण, अहिंसक और लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध की जरूरत को रेखांकित किया था," उपरोक्त कथन को उस बयान में कहा गया है जिस पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सईद अख्तर मिर्जा, वकील मिहिर देसाई और प्रशांत भूषण, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, लेखक अरुंधति रॉय, रवि किरण जैन और पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) के शिक्षाविद सतीश देशपांडे, मैरी जॉन, जयति घोष, अपूर्वानंद, नंदिनी सुंदर और शुद्धब्रत सेनगुप्ता; और राइट एक्टिविस्ट हर्ष मंदर, फराह नकवी और बिराज पटनायक, गायक और एक्टिविस्ट टीएम कृष्णा आदि शामिल हैं।  

बयान में आगे कहा गया है कि, "जैसा कि हम नागरिक, संवैधानिक मूल्यों के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध है, हम उमर ख़ालिद की गिरफ्तारी की निंदा करते हैं, जिसे शांतिपूर्ण सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाते हुए दुर्भावनापूर्ण जांच के मद्देनजर गिरफ्तार किया गया है," बड़े ही गहरे दुख और तकलीफ के साथ हमें यह कहने में कोई गुरेज़ नहीं है कि यह जांच राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुई हिंसा के बारे में नहीं है, बल्कि असंवैधानिक सीएए के खिलाफ देश भर में चले शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक विरोध के खिलाफ है।”

उन्होंने कहा, "यह बहुत महत्वपूर्ण बात है कि गिरफ्तार किए गए 20 लोगों में से 19 लोग 31 वर्ष से कम उम्र के हैं। जिनमें से 17 को निर्दयी यूएपीए के तहत आरोपित किया गया है और दिल्ली हिंसा में रची गई एक साजिश के आरोप में कैद किया गया है, जबकि जिन लोगों ने हिंदसा भड़काई थी पुलिस ने उन लोगों को अभी तक छूआ भी नहीं है, ”बयान में ख़ालिद और अन्य युवा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की गई है।

ट्विटर पर, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ख़ालिद जैसे लोगों के साथ खड़े होने का आह्वान किया है, जिसमें उन्होने नागरिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र को खतरे का हवाला दिया है।"....जब लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता को सरकार के कदमों से खतरा होने लगता हैं, चाहे फिर वे [सीताराम] येचुरी, उमर ख़ालिद या कफील खान हों, तो हम सभी को उनके साथ खड़ा होना चाहिए।"

वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ख़ालिद की गिरफ्तारी "जांच की आड़ में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को फँसाने की पुलिस की एक साजिश है"।

अपने ट्वीट में, भूषण ने दंगों से संबंधित एक चार्जशीट का हवाला दिया जिसमें पिछले महीने एक आरोपी के बयान को दर्ज किया गया था, उस बयान के मुताबिक सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी, प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद, पूर्व विधायक चौधरी मतीन और अधिवक्ता महमूद प्राचा ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को भड़काया था। दिल्ली पुलिस ने बाद में एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि इन व्यक्तियों को मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है।

अभिनेता स्वरा भास्कर, जीशान अय्यूब और प्रकाश राज ने भी उमर ख़ालिद का समर्थन करते हुए ट्वीट किया है।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष पेश करने के बाद ख़ालिद की 10 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी। उसे रविवार रात को गिरफ्तार किया गया था। ख़ालिद फिलहाल 10 दिन की पुलिस हिरासत में रहेंगे। 

पुलिस ने कहा कि उन्हे उससे भारी मात्रा में डेटा के बारे में पूछताछ करने की जरूरत है। इसके अलावा, एफआईआर में, पुलिस ने दावा किया है कि सांप्रदायिक हिंसा एक "पूर्व-निर्धारित साजिश" थी जो कथित तौर पर ख़ालिद और दो अन्य छात्रों द्वारा रची गई थी। छात्रों को देशद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और दंगा करने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ख़ालिद के वकील, त्रिदीप पाइस ने अदालत से कहा है कि पुलिस को उस जगह के बारे स्पष्ट बताना चाहिए, जहां जेएनयू के पूर्व छात्र ने भाषण दिए थे और वे सबूत भी दिखाए जिनमें उन्होंने लोगों को आने और विरोध करने के लिए कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि ख़ालिद सीएए के खिलाफ हैं और थे और इसमें उन्हें कोई शर्म नहीं है। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

‘Witch Hunt by Delhi Police’: JNU Teachers, Intellectuals Flay Umar Khalid’s Arrest

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest