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महिला सुरक्षाः राजस्थान बनाम मध्य प्रदेश

भाजपा ये नहीं बता रही कि रेप के मामलों में दूसरे नंबर पर ख़ुद मध्य प्रदेश है औऱ तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है जो बीजेपी शासित प्रदेश है।
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फ़ोटो साभार : FII

आगामी असेंबली चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अभियान तेज़ कर दिया है। इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों में महिला सुरक्षा को लेकर काफी कुछ बोला जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर भाजपा के तमाम नेता, प्रवक्ता और आइटी सेल राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को मुद्दा बना रहे हैं। जाहिर तौर पर राजस्थान की गहलोत सरकार की जवाबदेही बनती है और चुनाव के दौरान उनसे ये सवाल पूछा जाना चाहिए। लेकिन क्या जिन भाजपा शासित राज्यों में चुनाव हैं, वहां भाजपा महिला सुरक्षा को लेकर अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर रही है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की क्या स्थिति है? इस मुद्दे पर कैसे भाजपा का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है? राजस्थान और मध्य प्रदेश की तुलना से इसे समझने की कोशिश करते हैं।

महिला सुरक्षाः राजस्थान बनाम मध्य प्रदेश

भाजपा मध्य प्रदेश के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर ट्वीट किया गया है। जिसमें लिखा है “एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक रेप के मामलों में राजस्थान नंबर वन”। लेकिन भाजपा ये नहीं बता रही कि रेप के मामलों में दूसरे नंबर पर खुद मध्य प्रदेश है औऱ तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है। “रेप के मामलों में पहले नंबर पर राजस्थान, दूसरे पर मध्य प्रदेश और तीसरे पर उत्तर प्रदेश”। क्या भाजपा इसे भी ट्वीट करेगी?

महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है और मध्य प्रदेश छठे पायदान पर है। लेकिन अगर वर्ष 2019 से तुलना करें तो पाएंगे कि राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़ों में कमी आई है और मध्य प्रदेश में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2019 में राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 41,550 मामले दर्ज किए गए थे जो संख्या वर्ष 2021 में घटकर 40,738 हो गई। यानी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में कमी आई है, हालांकि अभी भी आंकड़ा चिंताजनक है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में वर्ष 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 27,560 मामले दर्ज किए गए थे जो आंकड़ा वर्ष 2021 में बढ़कर 30,673 हो गया। यानी महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। यहां आपको ये भी बताते चलें कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में नंबर वन पर भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश है।

मध्य प्रदेश में एसिड अटैक के 5 मामले दर्ज किए गए हैं और राजस्थान में 3 मामले दर्ज किए गए हैं। जबरन शादी करने के लिए नाबालिग लड़कियों के अपहरण के मध्य प्रदेश में 1,262 मामले दर्ज किए गए हैं और एमपी देश में चौथे पायदान पर है। राजस्थान में इस तरह के 226 मामले दर्ज किए गए हैं और यह देश में दसवें पायदान पर है। मध्य प्रदेश में मानव तस्करी के 52 मामले दर्ज किए गए हैं और यह देश में सातवें पायदान पर है। जबकि राजस्थान में मानव तस्करी के 3 मामले दर्ज किए गए हैं और देश में 17वें पायदना पर है। छेड़खानी के मामलों में राजस्थान मध्य प्रदेश से आगे है। मध्य प्रदेश में छेड़खानी के कुल 5,760 और राजस्थान में 9,079 मामले दर्ज किए गए हैं। महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम के आंकड़े मध्य प्रदेश में राजस्थान से ज्यादा है। राजस्थान में कुल 51 और मध्य प्रदेश में 63 मामले दर्ज किए गए हैं।

रेप के मामलों में राजस्थान के हालात गंभीर है। राजस्थान में रेप के 6,337 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि मध्य प्रदेश में 2,947 मामले दर्ज किए गए है। राजस्थान में रेप का आंकड़ा मध्य प्रदेश से डबल है। लेकिन रेप के मामलों में देश में पहले स्थान पर अगर राजस्थान है तो दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है और तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है जहां रेप के कुल 2,845 मामले दर्ज किए गए है।

आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में भाजपा शासित राज्यों में कोई आदर्श स्थिति नहीं है। बल्कि बहुत मामलों में स्थिति गंभीर है। भाजपा अगर सचमुच महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर है तो राजस्थान में तो महिला सुरक्षा के मुद्दे को जोर-शोर से उठाना ही चाहिए, साथ ही भाजपा शासित राज्यों का रिपोर्ट कार्ड भी पेश करना चाहिए और बताना चाहिए कि वो देश में किस पायदान पर है।

नोटः सभी आंकड़े एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट 2021 से लिए गए हैं।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

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