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महिला उत्पीड़न : योगी सरकार के खिलाफ सड़कों पर महिलाएं

महिलाओं की मांग है कि चिन्मयानंद पर बलात्कार की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाए। प्रदर्शन में महिला संगठनों द्वारा सुल्तानपुर में एक दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता का मुद्दा भी उठाया गया।
women harassment

प्रदेश में बढ़ रहे महिला उत्पीड़न के ख़िलाफ़ प्रशासन के दबाव के बावजूद राजधानी लखनऊ में बुधवार को बड़ी संख्या में महिलाओं ने योगी आदित्यनाथ सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया। महिलाओं की मांग है कि चिन्मयानंद पर बलात्कार की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया जाए। प्रदर्शन में महिला संगठनों द्वारा सुल्तानपुर में एक दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता का मुद्दा भी उठाया गया।

महिला संगठनों का आरोप है कि योगी आदित्यनाथ सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गम्भीर नहीं है। इसके अलावा प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ते अत्याचारों के ख़िलाफ़ होने वाले आंदोलनों को भी सरकार दबाना चाहती है। महिला संगठनों ने भाजपा सरकार पर आरोप ऐसे समय में लगाया है जब सोमवार को जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट (2017) में भी सामने आया है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पूरे देश में सबसे अधिक हैं।

साझी दुनिया की सचिव प्रो०रूप रेखा वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सुल्तानपुर के दुबेपुर ब्लॉक के पलिया गाँव में एक दलित लड़की (23) की बर्बरता से हत्या कर दी गई थी। प्रो०रूप रेखा वर्मा ने कहा कि दलित लड़की की शव को सितम्बर 10  को गाँव वालों ने देखा था। शव को देखकर ऐसा लग रह था कि  बर्बरता की सभी सीमाओं को पार कर दिया गया था। शव के पास से शराब की बोतलें भी मिली थी।

प्रो० रूप रेखा ने आरोप लगाया कि इतने गम्भीर मामले में प्रदेश पुलिस ने लापरवाही की और शव का पोस्ट्मॉर्टम 72 घंटे बाद कराया गया, जो नियम के ख़िलाफ़ है। लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को मीडिया से छुपाने की कोशिश की जबकि यह मामला निर्भया कांड से भी भयानक है।

प्रो० रूप रेखा वर्मा ने बताया कि इस मामले की शिकायत करने के लिए उन्होंने और कई दूसरे महिला संगठनों ने डीजीपी से मिलने का समय माँगा था। लेकिन समय देने के बावजूद वह महिला संगठनों से नहीं मिले। इसके अलावा इस घटना को लेकर वह 05 अक्टूबर को सुल्तानपुर के एसपी से भी मिलने गई थी।लेकिन वह भी नहीं मिले।
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साझी दुनिया ने माँग की है कि सुल्तानपुर के पलिया गाँव की दलित लड़की के हुए सामूहिक बलात्कार का मुक़दमा अनुसूचित जाति के अधिनियम की धाराओं के तहत लिखा जाये।इसके अलावा लड़की के घर वालों की सुरक्षा और आर्थिक सहायता देने की माँग की है। उन्होंने चिन्मयानन्द के ख़िलाफ़ बलात्कार की धाराओं के अंतर्गत मुक़दमा लिखाए जाने की माँग भी की है।

क्योंकि अभी हाल में ही अक्टूबर 15 को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर हो रहे एक प्रदर्शन के दौरान साझी दुनिया के कार्यकर्ताओं से पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया था। जिस से नाराज़ होकर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने भी बुधवार को हुए साझी दुनिया के प्रदर्शन को समर्थन दिया।

अखिल भारतीय महिला समिति की वरिष्ठ सदस्य मधु गर्ग ने प्रदर्शनकारीयों को सम्बोधित करते हुए कहा की योगी सरकार, उत्तर प्रदेश में महिला आन्दोलनो को दबाने की कोशिश कर रही है। मधु गर्ग ने बताया की महिला मुद्दों पर प्रदर्शन करने के लिए सरकार की तरफ़ से उन पर विभिन धाराओं में मुक़दमे दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया की विधान सभा से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित गांधी प्रतिमा पर अगर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया जाता है, तो स्थानीय पुलिस आकर प्रदर्शनकारियों से अभद्र व्यवहार करती है और उनको पाकिस्तानी कहती है। जबकि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकना संविधान के विरुद्ध है।

उन्होंने ने कहा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2017 की जारी रिपोर्ट से मालूम हुआ है की महिलाओं के प्रति अपराध में उत्तर प्रदेश प्रथम रहा है।उन्होंने योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर गम्भीर नहीं है, और अगर आगे भी हालत नहीं सुधरे तो 2018 के आँकड़े और भी भयानक हो सकते हैं।अपने भाषण के अंत में उन्होंने में कहा की उत्तर प्रदेश में सिर्फ़ भगवा ब्रिगेड के लोगों को बोलने का अधिकार है और अन्य लोगों के लिए आपातकाल जैसी स्थिति है।

धरने में आये नजम फ़ारूक़ी ने कहा की मौजूदा सरकार में ना सिर्फ़ महिलाओं बल्कि छात्रों,अल्पसंखियाको,दलितों, किसानो और मज़दूरों आदि सभी का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने का इन सभी में सरकार के ख़िलाफ़ आक्रोश है।नजम फ़ारूक़ी ने कहा की सभी पीड़ित लोगों को एक साथ मिलकर आवाज़ उठाना चाहिए और सरकारी दमन के ख़िलाफ़ सत्याग्रह करना चाहिए है।

बता दें की लखनऊ की गांधी प्रतिमा(जीपीओ) के पास हुए प्रदर्शन में अक्टूबर 15, 2019 को  साझी दुनिया के सचिव प्रो० रूपरेखा वर्मा के साथ राजधानी पुलिस ने अभद्र व्यवहार किया था। प्रो०रूपरेखा वर्मा जो एक वरिष्ठ नागरिक है उनका आरोप है कि चिन्मयानन्द और सुल्तानपुर मामले को लेकर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या पुलिसकर्मी गांधी प्रतिमा (प्रदर्शनस्थल) के पास पहुंच गए और प्रदर्शन समाप्त करने के लिए दबाव बनाने लगे।

साझी दुनिया का यह भी आरोप है कि प्रदर्शन  रोकने पर पुलिस ने प्रदर्शन में मौजूद समाजिक कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता और मारपीट की।पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ धक्का-मुक्की भी की थी। जिसमें दो कार्यकर्ताओं कुलदीप और शावेज़ को मामूली चोटें भी आई थी।

उल्लेखनीय है  कि सोमवार नई दिल्ली में जारी की गई, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार  उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में महिलाओं के प्रति कुल 56,011 अपराध दर्ज हुए हैं। जबकि सम्पूर्ण देश में कुल 3,59,849 लाख अपराध दर्ज किए गए हैं।

वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति कुल 35,908 और 2016 में 49,262 अपराध दर्ज किए गए थे। उत्तर प्रदेश में में 2017 में प्रदेश में बलात्कार के कुल 4246 मामले दर्ज हुए थे। 

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