यूपी की ज़मीन पर इस बार किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर कांड और हाथरस कांड की गूंज थी। कोविड की पहली लहर और दूसरी लहर की मार थी, छुट्टा पशु की परेशानी थी, महंगाई, बेरोज़गारी जैसे बड़े मुद्दे थे। विपक्ष यानी अखिलेश का ओल्ड पेंशन बहाली का वादा था। लेकिन जनता ने शायद फ्री राशन, 6 हज़ार की किसान सम्मान निधि, श्रम कार्ड इत्यादि मुद्दों को तरजीह दी।
यूपी में योगी आदित्यनाथ का अस्सी-बीस से लेकर बुलडोज़र चलाने तक का फार्मूला काम कर गया है। हालांकि अखिलेश ने भी इस बार अच्छी टक्कर दी लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उनकी साइकिल बहुमत से काफी दूर रह गई। यूपी की ज़मीन पर हालांकि किसान आंदोलन से लेकर लखीमपुर कांड और हाथरस कांड की भी गूंज थी। कोविड की पहली लहर और दूसरी लहर की मार थी, छुट्टा पशु की परेशानी थी, महंगाई, बेरोज़गारी जैसे बड़े मुद्दे थे। विपक्ष यानी अखिलेश का ओल्ड पेंशन बहाली का वादा था। लेकिन जनता ने शायद फ्री राशन, 6 हज़ार की किसान सम्मान निधि, श्रम कार्ड इत्यादि मुद्दों को तरजीह दी और योगी सरकार को वापस ले आए।