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अगर आप शांति चाहते हैं तो आपको सामाजिक न्याय के लिए ज़रूर लड़ना चाहिएः क्रिस हानी

हानी उत्पीड़ित लोगों के लिए न सिर्फ दक्षिण अफ्रीका और अफ्रीकी महाद्वीप बल्कि पूरे विश्व के लिए उम्मीद की एक किरण थें।
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10 अप्रैल 1993 को पूंजीवादी शोषण की जंजीरों से मज़दूरों की पूर्ण मुक्ति के लिए दक्षिण अफ़्रीकी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता क्रिस हानी की उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए हत्या कर दी गई। हानी उमखोंटो वे सिज़वे के चीफ ऑफ स्टाफ थें। उमखोंटो वे सिज़वे अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस का आर्म्ड विंग है। हानी की हत्या कम्युनिस्ट विरोधी अतिदक्षिण पंथी आप्रवासी जैनसूज वालस ने की थी।

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Ayangcangazela amabhunu abulale uChris Hani”

[बोअर्स ने जब क्रिस हानी को मार ही डाला तो आप शांति में रहने की हमसे उम्मीद कैसे करते हैं?

ये बोइर्स जिसने क्रिस हानी को मारा वे भयभीत हैं।]

इस लोकप्रिय संघर्ष की गीत में ये क्रांतिकारी जो विलाप कर रहे हैं वह पहले की तरह अब भी स्पष्ट हैये सफेद प्रभुत्ववादी पूंजीवादी व्यवस्था ऐतिहासिक रूप से मज़लूम मज़दूर और ग़रीबों के ख़ामोश रहने का उम्मीद नहीं कर सकते जब वे लगातार क्रांतिकारी समाजवाद परियोजना और संघर्ष का नेतृत्व करने वाले नेताओं के सिद्धांतों को नष्ट करते है। कॉमरेड हानी की बेरहमी से हत्या कर दी गई क्योंकि उन्होंने मज़दूर के नेतृत्व वाली समाजवादी समाज के क्रांतिकारी संरचना के माध्यम से इस स्वतंत्रता की वकालत की थी।

हानी की हत्या कार्यरत वर्ग पर एक क्रूर हमला था जिसने दक्षिण अफ्रीका में 1990 के दशक के शुरूआती समझौते के दौरान पूंजीवादी व्यवस्था को चुनौती दी थी। हानी ने श्रमिक वर्ग के लड़ाकू की पीढ़ियों को क्रांतिकारी प्रथाओं और संरचनाओं के निर्माण के लिए प्रेरणा और दृढ़ता प्रदान की जो सत्तारूढ़ दमनकारियों में डर पैदा करे।

पूर्व ट्रांसकेई के ग्रामीण कोफिंब्वा में हानी का जन्म हुआ। उनकी परवरिश उपनिवेशवादी महाद्वीप में वर्किंग क्लास अफ्रीकी लोगों के बच्चों की तरह दमनकारी और दयनीय परिस्थितियों में हुई। पूंजीवादी व्यवस्था ने उनके पिता गिल्बर्ट को ग़रीबी से जूझ रहे परिवार को छोड़ने और काले प्रवासी मज़दूर के समूह में शामिल होने के लिए मजबूर किया जिन्हें शहरों में मज़दूरी के लिए सस्ते में बेचा जाता था। अन्य अफ्रीकी मां की तरह उनकी मां मैरी निर्वाह के लिए खेती पर निर्भर छोटी सी आय पर उनके साथ रहती थीं।

जब वे किशोरावस्था में थें यानी उनके हाई स्कूल की पढ़ाई के दिनों में वर्णभेदी शासन ने बंटू शिक्षा की शुरुआत की। इसी के बाद हानी ने सफेद प्रभुत्ववादी और पूंजीवादी वर्णभेदी व्यवस्था को लेकर अपनी राजनीतिक चेतना विकसित करना शुरू किया। वे समझ गए थें कि बंटू शिक्षा को काले छात्रों द्वारा सफेद वर्चस्व और काले शोषण को स्वीकार करने के लिए तैयार किया गया था। इसी ने क्रांतिकारी संघर्ष में उनकी आजीवन भागीदारी को गति प्रदान की।

फोर्ट हरे विश्वविद्यालय में क्रांतिकारी विचारों के लिए हानी की प्रतिबद्धता जर्मन क्रांतिकारी कार्ल मार्क्स के विचारों से और गहरी हो गई:

"मैंने मार्क्सवादी विचारों और नस्लवादी पूंजीवादी व्यवस्था की प्रकृति और ढ़ांचे को सामने लाया। मार्क्सवाद के प्रति मेरे परिवर्तन ने मेरे ग़ैर-नस्लीय परिप्रेक्ष्य को और गहरा कर दिया। "(Biographical note SACP 1991Hani, February 1991)

ऐतिहासिक भौतिकवादी खोज की मार्क्सवादी पद्धति के इस्तेमाल ने उनको अपने समय में मौलिक विरोधी के रूप में उन शक्तियों के संबंधों को जो नस्लवादी और पूंजीवादी व्यवस्था के वर्ग-आधारित उत्पीड़न और शोषण को उजागर करने के लायक बना दिया। हानी ने लगातार असमानशोषणकारी आर्थिक स्थितियों का खुलासा करने के लिए अथक काम कियाइसने समाज को मूल रूप से बदलने के लिए क्रूर और दमनकारी राजनीतिक शक्तियों का रास्ता दिखाया।

यद्यपि हानी 1957 से अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस यूथ लीग के सदस्य रहे। उनकी मार्क्सवादी प्रशिक्षण ने उन्हें राष्ट्रवादी मुक्ति परियोजना की शर्त पर पुनर्विचार करने में सक्षम बनाया:

"वर्ष 1961 में मैं दक्षिण अफ्रीकी कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गया तो मुझे एहसास हुआ कि राष्ट्रीय मुक्ति हालांकि जरूरी है लेकिन ये पूर्ण आर्थिक मुक्ति नहीं लाएगा। पार्टी में शामिल होने का मेरा निर्णय ऐसे महान संघर्षशील लोगों जैसे गोवन मबेकीब्राम फिशरजेबी मार्क्समोसेस कोटेनरे सिमंस आदि से प्रभावित था।” (हानीफरवरी 1991)

इन कम्युनिस्ट नेताओं से प्रेरित होकर हानी संजीदा कम्युनिस्टवादी बन गए और शोषण से मुक्त वर्गीकृत समाज और सभी तरह के उत्पीड़न के लिए संघर्ष करना शुरू कर दिया। हालांकि वर्ष 1962 तक उन्हें विश्वविद्यालय के अध्ययन के आख़िर में विदेश में अध्ययन करने का मौका मिला लेकिन हानी ने महसूस किया कि उनका कर्तव्य है कि क्रांतिकारी सशस्त्र संघर्षों में उमखोंटो वे सिज़वे के (एमकेके प्रमुख नेता के रूप में शामिल हों। हानी को एहसास हुआ कि वर्णभेदी राष्ट्र की सर्वोच्चता को चुनौती देने के लिए हथियार उठाने की एक वास्तविक आवश्यकता थी जो सशस्त्र बल पर उसके एकाधिकार द्वारा बनाए रखा गया था।

एक अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति के रूप में उन्होंने समझा कि पूंजीवाद की वैश्विक प्रकृति अनिवार्य रूप से हमें सभी दमनकारी देशों के साथ एकजुटता और संघर्ष में बांधती है। हानी ज़िम्बाब्वेबोत्सवानाज़ाम्बिया और दक्षिण अफ्रीका और लेसोथो में कई सैन्य प्रशिक्षण और संचालन में शामिल हुए।

सशस्त्र क्रांतिकारी संघर्ष की बुनियादी बातों को समझने और इसका नेतृत्व करने के बावजूद उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों को कभी नज़रअंदाज़ नहीं कियाजिसमें संघर्ष होना चाहिए:

ये सशस्त्र संघर्ष जिसे हम अनन्य रूप में कभी नहीं मानते क्योंकि हम इसे अन्य रूपों के संघर्ष से जोड़ते हैं। ये रंगभेद के वर्तमान संकट को लेकर सामने आया है।(हानीफरवरी 1991)

हानी पीड़ित लोगों के लिए उम्मीद की किरण थेंन सिर्फ दक्षिण अफ्रीका बल्कि पूरे अफ्रीकी महाद्वीप और वास्तव में पूरे विश्व के लिए। वे मज़दूर वर्ग और ग़रीब के सच्चे क्रांतिकारी के रूप में ऐसे समय में खड़े हुए जब जन लोकतांत्रिक आंदोलन में नेताओं ने वर्गहीनसमाजवादी समाज के सपने को त्याग दिया था। यह पता था कि उन्हें "राजद्रोहके लिए सख्त दंड दिया जाएगा।

यह एक स्पष्ट रहस्य है कि हानी ने धोखे वाली वार्ता समझौते का समर्थन नहीं किया। वास्तविक स्वतंत्रता जीतने के लिए वे पीड़ादायी अंत तक लड़ने को तैयार थें। वास्तव में उनके दृढ़ संकल्प ने कॉमरेड विनी मैडिकिज़ेला-मंडेला का रंगभेद शासन के प्रति एक भयावह और घातक क्रांतिकारी सहयोगी बना दिया। हानी की तरह कॉमरेड विनी इसे समाप्त करने के लिए एक लड़ाई चाहते थें। उनकी हत्या दक्षिण अफ्रीका में समाजवादी मूल्यों और सिद्धांतों की हत्या के समान थी।

क्रिस हानी के कार्य और उनकी याद में जो संघर्षशील गीत के संदेश हम गाते हैं वे हमारे क्रांतिकारी पूर्वजों कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंजेल्स की विलाप है जब उन्होंने कहा था:

"ये कम्युनिस्ट अपने विचारों और उद्देश्यों को छुपाने के लिए तिरस्कार करते हैं। वे खुले तौर पर घोषित करते हैं कि उनका ध्येय सभी मौजूदा सामाजिक स्थितियों के जबरन उखाड़ फेंकने से ही प्राप्त किया जा सकता है। शासक वर्गों को कम्युनिस्ट क्रांति से परेशान कर दो। इन सर्वहाराओं को ज़ंजीरों के अलावा खोने के लिए कुछ भी नहीं है। उनके पास जीतने के लिए दुनिया है। सभी देशों के मज़ूदर वर्ग एकजुट हो जाओ! "(मार्क्स एंड एंजेल्स, 1848)

हमारे कॉमरेड क्रिस हानी की विरासत को सम्मानित करने के लिए हमारे गीतों को विरोध के दौरान शामिल करना चाहिए जो एकजुट मज़दूर वर्ग के आंदोलन के बीच संघर्ष के मोर्चे पर हमारे विरोध प्रदर्शनों को उत्साहित करते हैं। यह केवल संयुक्त क्रांतिकारी कार्रवाई के लिए है जो पूंजीवादी उत्पादन के दिल को चीड़ता है जिससे शासक वर्ग डरेगा और हम समाजवादी समाज बनाते हैं जिसके लिए कॉमरेड हानी की मौत हुई।

(इर्विन जिम दक्षिण अफ़्रीका के नेशनल यूनियन ऑफ मेटल वर्कर्स के महासचिव हैंं)

यहां व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैंये न्यूज़क्लिक के विचारों को व्यक्त नहीं करते हैं।

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