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आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम को किया गया गिरफ्तार 

आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में  पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम को एक सक्षम अदालत द्वारा जारी वारंट के आधार पर बुधवार रात गिरफ्तार किया गया। इससे पहले चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कि वह कानून से भाग नहीं रहे हैं एवं उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं।
chidambaram arrest
Image courtesY:Times of India

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद बुधवार रात उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। 

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि चिदंबरम को एक सक्षम अदालत द्वारा जारी वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। चिदंबरम बुधवार की शाम अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने रात सवा आठ बजे मीडिया को संबोधित किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम ने कहा था, ‘मैं जीने और आज़ादी के अधिकारों में से आज़ादी का अधिकार चुनूंगा।  मुझे लोकतंत्र में भरोसा है। ’

उन्होंने कहा कि पिछले 48 घंटों में जो हुआ है उससे देश में गलत संदेश गया है।  पिछले कई दिनों से मेरे बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है।  मुझे हैरत है कि लोग मुझे फरार बता रहे हैं।  उन्होंने कहा कि ऐसी धारणा पैदा की जा रही है कि बड़ा अपराध हुआ है और उनके एवं उनके बेटे ने अपराध किया है।  यह सब झूठ है। 

उन्होंने कहा, ‘आईएनएक्स मीडिया घोटाले में आरोपी नहीं हूं, मेरे परिवार का कोई भी सदस्य इस मामले में अभी तक आरोपी नहीं है।  उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी ने ऐसी कोई चार्जशीट नहीं दाखिल की है जिसमें मेरा नाम हो। 

उन्होंने कहा, ‘मेरे बारे में फैलाई गईं सभी बातें पूरी तरह झूठी हैं. पिछले 13-14 महीनों से मुझे अंतरिम जमानत दी गई थी।  पिछले दिनों हाईकोर्ट ने मेरी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।  मैं सुप्रीम कोर्ट से अपील करता हूं कि वह तत्काल मेरी याचिका पर सुनवाई करे और मुझे अंतरिम जमानत दी जाए। 

पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं कानून से बच नहीं रहा था, कानूनी बचाव का प्रयास कर रहा था।  मैं न्यायालय के आदेश का सम्मान करता हूं।  मैं कानून का पालन करूंगा।  मैं सिर्फ यही उम्मीद करूंगा कि जांच एजेंसियां भी कानून का सम्मान करेंगी। 

आपको बता दें कि ये मामला साल 2007 का है और आईएनएक्स (INX) मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी थे। इस मामले में ये दोनों भी आरोपी हैं। आरोपों के मुताबिक पी. चिदंबरम ने उस वक्त वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर INX मीडिया हाउस को 305 करोड़ रु. का फंड लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) से मंजूरी दिलाई थी।

इस प्रक्रिया में जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। इस मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। वहीं 2018 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम आरोपी हैं। कार्ति पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया। मार्च 2018 में इंद्राणी मुखर्जी ने CBI को दिए बयान में बताया था कि INX मीडिया को FIPB से मंजूरी दिलाने के लिए उनके और कार्ति चिदंबरम के बीच 10 लाख अमेरिकी डॉलर की एक डील हुई थी। इसके बाद जुलाई 2019 में दिल्ली हाईकोर्ट ने शीना वोरा हत्याकांड की मुख्य दोषी इंद्राणी को INX केस मामले में मुख्य गवाह बनाने की सहमति दे दी थी।

20 अगस्त 2019 दिल्ली हाईकोर्ट ने INX मीडिया मामले में हुई अनियमितता को लेकर पी. चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए गिरफ्तारी पर 3 दिन की रोक लगाने की अपील भी ठुकरा दी थी।  अब इस मामले में कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। 

( भाषा के इनपुट के साथ )

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