Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

अल्जीरिया में एक अन्य पत्रकार को जेल की सजा हो सकती है

इस महीने की शुरुआत में पत्रकार खालिद दरानी के मुक़दमे और जेल की सजा के बाद एक अन्य पत्रकार अब्देलक्रीम जेगिलेचे को जेल की सजा हो सकती है।
al

अब्देलक्रीम ज़ेगिलेचे दो सप्ताह के भीतर दूसरे पत्रकार बन सकते हैं जिन्हें जेल की सजा के लिए अभियोजन पक्ष 23 अगस्त से शुरू होने वाली सुनवाई में तीन साल जेल की सजा की मांग कर सकता है। सोमवार 17 अगस्त को अभियोजन पक्ष इसी तरह की सजा की मांग करने की बात कही है। जेगिलेचे पर लोकप्रिय हीरक आंदोलन के कथित समर्थन के लिए "राष्ट्रीय एकता को कमज़ोर" करने का आरोप लगाया गया है।

अभियोजन पक्ष ने ज़ेगिलेचे पर "गणराज्य के राष्ट्रपति के व्यक्तित्व को नुकसान पहुंचाने" का भी आरोप लगाया। जेलिगेचे रेडियो सर्बाकेन के निदेशक है जो कि पूर्वोत्तर अल्जीरियाई शहर में स्थित एक ऑनलाइन रेडियो नेटवर्क है।

जेलिगेचे को 23 जून से प्री-ट्रायल हिरासत में रखा गया है। उनके कार्यालयों और रेडियो स्टेशन पर भी पिछले साल सुरक्षा बलों ने छापा मारा था जिसके परिणामस्वरूप अधिकारियों ने उपकरण और दस्तावेज़ों को ज़ब्त कर लिया था। छापेमारी के बाद रेडियो स्टेशन ने संचालन बंद कर दिया है और अभी तक प्रसारण फिर से शुरू नहीं किया है।

ज़ेगिलेचे अपनी राजनीतिक सक्रियता के साथ-साथ सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष को बोलने के लिए मार्ग प्रशस्त करने और अल्जीरिया के सामने आने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई बार सरकार के आमने सामने हो गए हैं। वे वर्तमान सत्ताधारी सरकार और साथ ही साथ अपदस्थ पूर्व राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बाउटेफ्लिका के निशाने पर रहे हैं।

जेगिलेचे लोकप्रिय हीरक आंदोलन से जुड़े दूसरे पत्रकार हैं जिन्हें सरकार द्वारा विपक्ष को कुचलने, आलोचना को दबाने और डर पैदा करने और भय फैलाने के प्रयासों के द्वारा इस तरह से निशाना बनाया जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में इसी तरह के आरोप में खालिद दरेनी को अदालत ने तीन साल क़ैद की सजा सुनाई थी। ऐसा इस सच्चाई के बावजूद हुआ है कि चुने जाने के बाद नई सरकार हराक प्रदर्शनकारियों की मांगों को सुनने और उनके मुद्दों को निपटाने के लिए अपने इरादे को ज़ाहिर किया था।

दिसंबर 2019 में सत्ता में आने के तुरंत बाद सरकार ने कई विपक्षी नेताओं और अन्य कार्यकर्ताओं को रिहा करके बातचीत करने और संबंध बेहतर करने की कोशिश की। हालांकि, ये सरकार देश की राजनीति में व्यवस्था संबंधी बदलावों के लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा अपनी मांगों से समझौता करने से इनकार करने पर विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए क़ैद करने, सेंसरशिप और मनमाने व पुरजोर तरीके से दमनकारी रणनीति को आगे बढ़ाते हुए अपने पुराने तरीकों को अपनाने लगी

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest