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बिहार: शिक्षक दिवस पर हज़ारों शिक्षकों का प्रदर्शन

बिहार भर के 72 हजार स्कूलों के नियोजित शिक्षक राजधानी पटना में 'समान काम-समान वेतन' की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षक शामिल हैं।
Bihar teachers protest

5 सिंतबर को देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति सभी ने देशवासियों को शिक्षक दिवस की बधाई दी है। लेकिन आज ही के दिन बिहार के 72 हज़ार स्कूलों के नियोजित शिक्षक राजधानी पटना में अपने 'समान काम-समान वेतन' की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 

इसमें प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षक शामिल हैं।शिक्षक संघ ने बुधवार को ही कहा था कि पूर्व निर्धारित रणनीति के तहत धरना प्रदर्शन होगा और प्रदेश भर के शिक्षक राजधानी पटना में आ रहे हैं।

शिक्षकों को अन्य कर्मचारी महासंघ का भी समर्थन मिला। महासंघ ने कहा है कि राज्य के लाखों शिक्षकों द्वारा शिक्षक दिवस पर वेदना प्रकट करना राज्य सरकार के लिए ठीक नहीं है। प्रदर्शन कर रहे है शिक्षकों ने शिक्षा विभाग द्वारा हड़ताल को जबरन समाप्त करने की कोशिश की आलोचना की और इसे अलोकतांत्रिक बतया है।

शिक्षक संघ ने प्रदर्शन के लिए गांधी मैदान आवंटित नहीं करने को गलत कहा है। यह प्रदर्शन गर्दनीबाग स्थिति धरना स्थल के पास स्टेडियम में दिया गया है।

दूसरी तरफ इन शिक्षकों की मांग पर करवाई करने के बजाए सरकार ने एक तुगलकी फरमान जारी किया। सरकार ने कहा था कि किसी कीमत पर शिक्षक दिवस को शिक्षकों को स्कूल नहीं छोड़ना है।

ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों के ख़िलाफ़ नियम के मुताबिक कार्रवाई होगी। सरकार के इस फरमान के बाबजूद शिक्षक सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने सरकार के विरोध में नारे लगाए और 'समान काम-समान वेतन' की मांग की। 

इसे भी पढ़े :बिहार : शिक्षकों की मांगों को अनसुना करती सरकार 

बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष मार्कडेंय पाठक ने मिडिया से बात करते हुए सरकार के रवैये पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों की मांग को सुनने को तैयार नहीं है। 

शिक्षकों की प्रमुख मांगों में नियमित शिक्षकों की तरह ही नियोजित शिक्षकों को भी वेतनमान, पुरानी पेंशन योजना, सामान्य भविष्य निधि एवं ग्रुप बीमा का लाभ सभी शिक्षकों को उपलब्ध कराने, शिक्षकों के अप्रशिक्षित आश्रितों की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति, समान स्कूल प्रणाली लागू करने की मांगें शामिल हैं। 

आगे उन्होंने कहा कि जब तक मांगें नहीं पूरी होती तब तक शिक्षक शांतिपूर्ण आंदोलन करते रहेंगे।

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