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चुनाव 2019; दिल्ली: क्या मोदी दिल्ली की 70% आबादी को बेघर करना चाहते हैं?

आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाली 60 से 70 प्रतिशत आबादी को बेघर करने के लिये मोदी सरकार ने इन कॉलोनियों को तोड़ने की योजना बना ली है।
चुनाव 2019; दिल्ली: क्या मोदी दिल्ली की 70% आबादी को बेघर करना चाहते हैं?

दिल्ली में 12 मई को मतदान हैं, और दिल्ली में अनाधिकृत कॉलोनियाँ काफ़ी अहम हैं क्योंकि चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए इन्हे नज़रंदाज़ करना या इनको नाराज़ करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए भा पड़ सकता है। 

दिल्ली में एक बात परंपरागत तौर पर मानी जाती थी कि अनाधिकृत कॉलोनियाँ और झुग्गी बस्तियाँ कांग्रेस का वोट हैं लेकिन 2015 के बाद से स्थितियाँ बदली हैं। अब ये जो पहले कभी कांग्रेस का मज़बूत गढ़ होता था अब वो आम आदमी पार्टी का मज़बूत आधार बना है। इन्हीं के दम पर आम आदमी पार्टी ने 2015  के विधानसभा चुनावो में अप्रत्याशित जीत हासिल की थी। 

इन चुनावों में एक बार फिर से आप अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को अपनी ओर करना चाहती है, इसके लिए आप ने पिछले कुछ सालो में इन इलाक़ों में भारी निवेश किया है। उसने इन इलाक़ों में मुलभुत सुविधाएँ जैसे सड़क, नाली और पीने के पानी के लिए लाइन बड़ी तादाद में लगाई है। उन्हें उम्मीद है कि इस चुनाव में ये सभी आप के पक्ष में मतदान करेंगे। 

केजरीवाल ने बुधवार को कहा, ‘‘केन्द्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हमें बताया है कि दिल्ली में कच्ची कॉलोनियों को हटाकर वो जगह बड़े बिल्डर को दे दी जायेगी ताकि वहाँ बड़े अपार्टमेंट बनाए जा सकें। भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी इस बात को हाल ही में एक जनसभा में स्वीकार किया है।’’ 

आप संयोजक ने कहा कि उन्होंने पाँच महीने पहले भी यह आशंका जताई थी कि केन्द्र सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियाँ तोड़ने की योजना बना ली है। उन्होंने कहा कि सरकार अब इस योजना को अमली जामा पहनाने जा रही है। 
उन्होंने आरोप लगाया कि अनाधिकृत कॉलोनियों में पिछले दो साल से कराये जा रहे विकास कार्यों को रोकने के लिये भी केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर दबाव बनाया था। दिल्ली सरकार द्वारा काम बंद नहीं करने पर केन्द्र सरकार ने अब इन्हें तोड़ने की योजना को आगे बढ़ा दिया है। 

आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार पर ग़रीब-विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा, "वो दिल्ली की 70% आबादी को उजाड़ना चाहती है, उनकी जगह अपने बड़े पूंजीपतियों को बिठाने की कोशिश कर रही है।" साथ ही केजरीवाल ने कहा कि वो किसी भी क़ीमत पर इन्हें उजड़ने नहीं देंगे। उन्होंने इस मौक़े पर इन कॉलोनियों को लेकर अपना विकास का मॉडल भी बताया जिसमें उन्होंने यहाँ मुलभुत सुविधाओं से लेकर सुंदरीकरण की बात कही। उन्होंने कहा, "इन सब में भाजपा की केंद्र सरकार बाधा बनकर खड़ी है इसलिए उनके ख़िलाफ़ मतदान करें दिल्ली की जनता हमें सातों सीट जिता कर हमारे हाथ मज़बूत करे जिससे हम दिल्ली का संपूर्ण विकास कर सकें। 
केजरीवाल ने जो भी आज की प्रेस वार्ता में कहा है अगर ये बात दिल्ली की आम जनता को समझ आ गया है तो भाजपा के लिए दिल्ली में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

इसके अलावा केजरीवाल ने भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी से तीन सवाल किये और कहा कि इनका जवाब आज की रैली में मोदी दें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के उनके पुराने वादे की याद दिलाते हुए उम्मीद जताई कि वह बुधवार को रामलीला मैदान में आयोजित रैली में इस वादे के अधूरे रहने की वजह दिल्ली वालों को बतायेंगे। 

लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र मोदी की दिल्ली रामलीला मैदान में बुधवार शाम को जनसभा आयोजित की गयी है। 
केजरीवाल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की आज दिल्ली में रैली है। हमारा उनसे निवेदन है कि इस रैली में मोदी जी हमारे तीन सवालों का दिल्ली की जनता को जवाब जरूर देंगे।’’ 

उन्होंने कहा कि पहला सवाल यह है कि दिल्ली में इतने लंबे समय से सीलिंग क्यों करायी जा रही है, जिसके कारण दिल्ली का उद्योग जगत तबाह हो गया। दूसरा सवाल पूर्ण राज्य को लेकर है, जिसके लिये मोदी ने 2014 में रामलीला मैदान में ही वादा किया था कि केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा। 

केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली की भोलीभाली जनता ने भाजपा को सातों सीट जिता दीं लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं बन सकी। मोदी जी अब दिल्ली की जनता को इसकी वजह तो बता दें।’’ 

केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से तीसरा सवाल पाकिस्तान के साथ उनके रिश्तों को लेकर पूछा। उन्होंने कहा, कि पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार भारत में किसी व्यक्ति विशेष के प्रधानमंत्री चुने जाने की ज़रूरत पर बल दिया है। केजरीवाल ने कहा कि मोदी को यह बताना चाहिये कि पाकिस्तान के साथ उनके क्या रिश्ते हैं? 

उल्लेखनीय है कि हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत में लोकसभा चुनाव के बाद दोबारा मोदी सरकार के गठन की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा था कि ऐसा होने पर भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया बहाल हो सकेगी। 

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