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छात्र बनाम राजद्रोह : एएमयू को भी जेएनयू बनाने की कोशिश!

एएमयू में हुए बवाल के बाद परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। प्रशासन ने यहां की इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।नुमाइश में होने वाला मुशायरा भी स्थगित कर दिया गया है।
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) एक बार फिर से गरमाया हुआ है। जेएनयू की तरह ही एएमयू में भी  देश विरोधी  नारेबाजी के आरोप में  14 छात्रों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। लेकिन मामला और भी गंभीर होता जा रहा है। छात्रों के विरोध को देखते हुए यहां इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। पूरे एएमयू परिसर को पुलिस छावनी में बदल दिया गया।  इसके साथ ही अगले 24 घंटे में होने वाले सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार 56 छात्रों को गिरफ्तार करने के लिए गैर जमानती वारंट की तैयारी चल रही है।

ऐ मौज-ए-बला उन को भी ज़रा दो चार थपेड़े हल्के से

कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ाँ का नज़ारा करते हैं

ये अहले तरकश कह देंगे, ये बाजी किस ने हारी है

इज्ज़त  से जी लेंगे वरना जामे शाहदत भी लेंगे

मंगलवार को छात्र संघ के एक प्रतिनिधि ने एक सभा को संबोधित करते हुए अपनी बात को इन लाइनों से शुरू किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज पूरा अलीगढ़ विश्विद्यालय एकजुट है और ये सांप्रदायिक लोग जितना हम पर हमला कर रहे हैं, हम उतने ही मजबूत और एकजुट हो रहे हैं। इसके साथ ही लगतार वो एएमयू को बदनाम कर रहे हैं लेकिन उनकी हर कोशिश पहले नाकाम रही थी  और आज भी नाकाम होगी उन्होंने आगे कहा कि इसके साथ ही छात्रों पर हमले हो रहे हैं।  कल भी एक छात्र को अकेला देख उस पर हमला किया गया और वो अभी गंभीर हालत में अस्पताल में है। हिंदुस्तान हमारा मुल्क है। हम इसके निवासी हैं, वो हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं।

छात्र संघ ने रिपब्लिक टीवी पर  प्रतिबन्ध लगाने की मांग की। छात्र नेताओं पर जो  मुक़दमे हैं उनको वापस लेने की मांग की।

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पूरा मामला

बता दें कि एएमयू छात्रसंघ ने मंगलवार को एक कार्यक्रम का अयोजन किया था जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असादुदीन ओवैसी को बुलाया था जिसको लेकर अजय सिंह जिनका सम्बन्ध भाजपा और आरएसएस से है उनके नेतृत्व में  छात्रों का एक  गुट इसका विरोध कर रहा था 

एएमयू के छात्रों का कहना है कि इन्हीं अजय सिंह के कहने पर ही यहां एक टीवी चैनल कि टीम पहुंची तो छात्रसंघ ने उनसे पूछा कि आपके पास परमिशन है जिसको लेकर कुछ बहस हुई। उसके बाद मीडिया चैनल ने अपना लाइव शुरू किया। उनकी शुरुआत ऐसे हुई जिसने वहां खड़े छात्रों को भड़का दिया। छात्रों के मुताबिक उनके शब्द इस प्रकार थे "रिपोर्टिंग लाइव फ्रॉम आतंकवाद का गढ़" इसके बाद छात्र और आक्रमक हो गए। उस दौरान उनकी कैमरा टीम के साथ कुछ बहस हुई। इस तरह का एक वीडियो चल रहा है

पुलिस के अनुसार उसे छात्रों की नारेबाजी का एक वीडियो मिला हैजिसके आधार पर 14 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार  एफआईआर में एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाजसचिव हुजैफा आमिरउपाध्यक्ष हमजा सूफियान और पूर्व छात्रसंघ सचिव नदीम अंसारी का नाम शामिल है।

 

वर्तमान स्थिति

एएमयू में हुए बवाल के बाद परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। प्रशासन ने यहां की इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। डीएम चंद्र भूषण सिंह की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि अलीगढ़ में शांति-व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट सेवाएं बुधवार दोपहर 2 बजे से लेकर गुरुवार दोपहर 2 बजे तक बंद की जा रही हैं।

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आदेश पत्र में कहा गया है कि कोई भी इंटरनेट सेवा इस दौरान पूरे जिले में काम नहीं करेगी। अगले 24 घंटे में होने वाले सभी कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया गया है। इसमें बुधवार को अलीगढ़ कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी में होने वाला कुल हिंद मुशायरे का कार्यक्रम भी शामिल है।

कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि एएमयू के उपद्रवी छात्रों की पहचान की जा रही है। ऐसे  56 ऐसे छात्र हैं जिन पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैंइन छात्रों को गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट से गैर जमानती वारंट निकलवाया जा रहा है। इसके साथ ही इन छात्रों के निष्कासन को लेकर एएमयू को कहा गया है

एएमयू छात्र संघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज़ का कहना है कि बार-बार एएमयू को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि ये सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोलता है जिससे वो परेशान होते हैं इसलिए मोदी और शाह के इशारे पर एएमयू को  बदनाम किया जा रहा है। संघ के लोग बन्दूक लेकर कैंपस में लहरा रहे हैं और छात्रों पर हमला किया  लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि छात्रों पर ही उल्टा देशद्रोह का मुकदमा लगा दिया गया है।

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छात्र संघ का यह भी कहना है  अजय सिंह काफी पहले से लगातर कैंपस का माहौल बिगड़ने का प्रयास कर रहा था। वो तिरंगा यात्रा निकलने के नाम पर हो या फिर कैंपस में मन्दिर बनाने के नाम पर। इस बार भी उसी के इशारे पर ये पूरा हंगामा खड़ा किया गया है उसके साथियों ने ही मीडिया सहित छात्रों पर भी हमला किया

हालांकिरिपब्लिक टीवी के पत्रकार जो विश्वविद्यालय में मौजूद थेउन्होंने आरोप लगाया कि छात्रों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया जब वे विश्वविद्यालय से एक ऐसी कहानी पर रिपोर्ट कर रहे थे जिसका एएमयू से कोई लेना-देना नहीं था।

इसको लेकर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं कि जब चैनल की रिपोर्ट का एएमयू से कोई लेना देना नहीं था तो चैनल वहाँ बिना परमिशन के क्यों गया। कई लोग इसे 9 फरवरी 2016 की जेएनयू की घटना से जोड़कर भी देख रहे हैं, वहां भी पूरे प्रकरण में एक मीडिया हॉउस का नाम था जिसका झुकाव सरकार और भाजपा की ओर रहता है। इसबार एक ऐसा ही चैनल है जो सरकार और भाजपा का समर्थन करता दिखता है। लोग सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि क्या एएमयू को भी जेएनयू बनाने की कोशिश है।

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