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गौमूत्र में 14 तरह के हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, ये इंसानों के लिए उपयुक्त नहीं : अध्ययन

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के शोध से पता चला है कि गौमूत्र में रोगजनक बैक्टीरिया होते हैं।
Cow
PTI

क्या कोविड-19 से लड़ने के लिए गौमूत्र के सेवन की वकालत करने वाले भाजपा नेताओं ने समय और ऊर्जा को 'व्यर्थ' किया है? बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) का शोध तो यही दर्शाता है।

द टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) की रिपोर्ट के अनुसार देश के प्रमुख पशु अनुसंधान निकाय का शोध बताता है कि ताजा गौमूत्र, जिसमें संभावित हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं, सीधे-सीधे इस्तेमाल के लिए उपयुक्त नहीं है।

तीन पीएचडी छात्रों के साथ संस्थान के भोज राज सिंह के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि ताजे गौमूत्र में एस्चेरिचिया कोलाई की उपस्थिति के साथ कम से कम 14 प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जो पेट में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। ये निष्कर्ष विशेषज्ञयों की शोध के ऑनलाइन शोध वेबसाइट ResearchGate पर प्रकाशित किए गए हैं।

संस्थान में महामारी विज्ञान विभाग के प्रमुख भोज राज सिंह ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया, “हमने भैंसों और मनुष्यों के नमूनों के साथ-साथ स्थानीय डेयरी फार्मों से तीन प्रकार की गायों- साहीवाल, थारपारकर और विंदावानी के मूत्र के नमूने एकत्र किए। जून और नवंबर 2022 के बीच किए गए हमारे अध्ययन से निष्कर्ष निकला है कि स्पष्ट रूप से स्वस्थ व्यक्तियों से मूत्र के नमूनों में बड़ा अनुपात संभावित रोगजनक बैक्टीरिया का होता है।”

उन्होंने कहा, "कुछ व्यक्तियों का मूत्र, लिंग और ब्रीडर प्रजातियों के बावजूद, बैक्टीरिया के एक चुनिंदा समूह के लिए निरोधात्मक हो सकता है लेकिन आम धारणा है कि गौमूत्र जीवाणुरोधी है, इसे स्वीकृत नहीं किया जा सकता है। किसी भी मामले में मानव उपभोग के लिए मूत्र की सिफारिश नहीं की जा सकती है।"

सिंह ने आगे कहा कि आईवीआरआई इस दावे पर और शोध कर रहा है कि शुद्ध किए गए (distilled) मूत्र में संक्रामक बैक्टीरिया नहीं होते हैं।

आईवीआरआई ने गाय, भैंस और मनुष्यों के 73 मूत्र नमूनों के विश्लेषण के बाद यह भी सुझाव दिया कि “भैंस के मूत्र में जीवाणुरोधी गतिविधि गायों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर थी। एस एपिडर्मिडिस और ई रापोंटिसी जैसे बैक्टीरिया पर भैंस का मूत्र काफी अधिक प्रभावी था।”

25 वर्षों से गौमूत्र पर शोध कर रहे आईवीआरआई के पूर्व निदेशक आरएस चौहान ने कहा कि "शुद्ध किए गए (distilled) मूत्र के नमूनों पर उक्त शोध नहीं किया गया था, जिसे हम लोगों को वास्तव में इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।"

चौहान ने कहा, "हमने पाया है कि शुद्ध किया गया गौमूत्र मनुष्यों की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है और कैंसर और कोविड-19 के खिलाफ मदद करता है।"

गौरतलब है कि मार्च 2020 में जब पहली बार COVID-19 मामलों का पता चला था तब एक भाजपा कार्यकर्ता को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था जब एक स्वयंसेवक कोरोना वायरस से बचने के लिए एक पार्टी में गौमूत्र पीने के बाद बीमार पड़ गया था। कोलकाता के पुलिस प्रमुख अनुज शर्मा ने एएफपी को बताया था कि नारायण चटर्जी को "गौमूत्र सेवन कार्यक्रम आयोजित करने और एक नागरिक स्वयंसेवक को गौमूत्र पीने के लिए मजबूर करने" के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

चौंकाने वाली बात ये है कि गौमूत्र कई आपूर्तिकर्ताओं द्वारा FSSAI ट्रेडमार्क के बिना बाजार में बड़े पैमाने पर बेचा जाता है।

COVID-19 के भारत में आने के बाद, कई भाजपा नेताओं ने दावा किया था कि गौमूत्र और गोबर SARS-CoV-2 के कारण होने वाले संक्रमण सहित कई बीमारियों को ठीक कर सकते हैं। कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने महामारी के दौरान गौमूत्र पीने के कार्यक्रम आयोजित किए।

जुलाई 2020 में, तत्कालीन पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दुर्गापुर में शूट किए गए एक वीडियो में कोविड-19 के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गौमूत्र के इस्तेमाल की वकालत की थी। उन्हें यह कहते हुए सुना गया, “अगर मैं गायों के बारे में बात करता हूं, तो बहुत से लोग असहज महसूस करते हैं। गधे कभी गाय की कीमत नहीं समझेंगे। यह भारत है, भगवान कृष्ण की भूमि और यहां हम गायों की पूजा करते हैं। हम स्वस्थ रहने के लिए गौमूत्र पिएंगे। जो लोग शराब पीते हैं वो गाय की कीमत कैसे समझेंगे।”

मई 2021 में महामारी की दूसरी लहर के दौरान, बलिया जिले के बैरिया के तत्कालीन भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने वायरस से बचाव के लिए लोगों से गौमूत्र पीने का आह्वान किया था। उन्होंने गौमूत्र पीते हुए अपना एक वीडियो भी पोस्ट किया था।

उसी महीने, भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं के समक्ष ये दावा किया कि गौमूत्र पीने से कोरोना वायरस को मात देने में मदद मिल सकती है, “मैंने प्रतिदिन गौमूत्र का सेवन किया और यह एक प्रकार का अम्ल है जो मेरे शरीर को शुद्ध करता है। यह फेफड़ों को भी शुद्ध करता है और मुझे COVID-19 संक्रमण से बचाता है। मैं कोरोना के खिलाफ कोई दवा नहीं लेती लेकिन मैं सुरक्षित हूं।”

अंग्रेज़ी में प्रकाशित रिपोर्ट को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Cow Urine Contains 14 Types of Harmful Bacteria, Unfit for Humans: Study

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