Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

स्वाज़ीलैंड में लोकतंत्र-समर्थक शक्तियों पर कार्रवाई जारी

स्वाज़ीलैंड में लोकतंत्र-समर्थक दलों ने राजा मस्वाती की सेना द्वारा किए गए अत्याचारों को नज़रअंदाज़ करने के लिए साउदर्न अफ़्रीका डेवलपमेंट कम्युनिटी के प्रतिनिधिमंडल की आलोचना की है।
स्वाज़ीलैंड में लोकतंत्र-समर्थक शक्तियों पर कार्रवाई जारी

फरार राजा मस्वाती की सेना की कार्रवाई को सहन कर रहे स्वाज़ीलैंड में लोकतंत्र समर्थक शक्तियों ने प्रदर्शनकारियों की मांगों की वैधता को स्वीकार करने में विफल रहने और पिछले हफ्ते सुरक्षा बलों द्वारा उनके खिलाफ किए गए अत्याचारों पर चुप रहने को लेकर साउदर्न अफ्रीकन डेवलपमेंट कम्युनिटी (एसएडीसी) की निंदा की है।

रविवार 4 जुलाई को एसएडीसी का एक प्रतिनिधिमंडल स्वाज़ीलैंड की अपनी यात्रा पर सरकार से मिला लेकिन विपक्षी दलों को सुनने में विफल रहा जिन पर 1973 से सम्राट ने प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बोत्सवाना के राष्ट्रपति और एसएडीसी के ऑर्गन ऑन पॉलिटिक्स, डिफेंस एंड सिक्योरिटी के अध्यक्ष मॉकग्वीट्सी मैसिसी ने किया।

दो दिन पहले 2 जुलाई को मैसिसी ने एक बयान जारी कर कहा था कि सुरक्षा बलों द्वारा एक प्रदर्शनकारी को मार दिया गया था। इस पूरी ख़ामोशी ने कई राजनीतिक दलों और नागरिक समाज संगठनों को नाराज कर दिया है।

जिस दिन मैसिसी ने यह बयान जारी किया उसी दिन पांच राजनीतिक दलों के गठबंधन पॉलिटिकल पार्टीज असेंबली (पीपीए) ने घोषणा की थी कि उसने लोकतंत्र-समर्थक विरोध प्रदर्शनों में मारे गए कम से कम 43 प्रदर्शनकारियों के नाम और पते का दस्तावेज तैयार किया था।

कथित तौर पर सेना को सम्राट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को कुचलने का आदेश देने के बाद अफ्रीका के अंतिम निरंकुश सम्राट राजा मस्वाती सोमवार 28 जून को देश से भाग गए जिसके बाद सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया जो पहली बार ग्रामीण स्वाज़ीलैंड में फैल गया। पीपीए के अनुसार, करीब एक हजार लोग घायल हुए हैं जिनमें से बड़ी संख्या घायल लोगों को गोलियां लगी हैं।

अधिकांश हत्याएं 29 जून को उस समय हुईं जब सेना ने उन सैकड़ों युवाओं पर गोलियां चला दीं जिन्होंने राजा के स्वामित्व वाली संपत्तियों और व्यवसायों पर हमला करना शुरू कर दिया था। लोकतांत्रिक सुधारों की मांग करने वाली मांगों की याचिकाओं को देने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा देश भर में एक अभूतपूर्व शांतिपूर्ण मार्च पर पुलिस द्वारा हिंसक कार्रवाई के बाद सम्राट के खिलाफ विरोध आंदोलन आक्रामक रुप ले लिया जो स्वाज़ीलैंड की अर्थव्यवस्था के अधिकांश हिस्से के मालिक है।

हालांकि बुधवार 30 जून को भी विरोध प्रदर्शन और गोलीबारी की खबरें आई थीं। इस दिन तक देश के अधिकांश इलाकों को सेना के नियंत्रण में ले लिया गया था। सेना कथित तौर पर लोगों के घरों में घुस रही है और विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के संदेह में लोगों पर हमला कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है। पीपीए का अनुमान है कि करीब 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest