सावित्री बाई फुले, पंडिता रमाबाई, एक अज्ञात हिन्दू औरत, रुकैया सख़ावत हुसैन, ताराबाई शिंदे समेत कुछ अन्य महिलाओं ने आगे आकर पितृसत्ता के विरुद्ध स्त्री मुक्ति की जंग छेड़ दी।
आमिर ख़ान आज उस स्टेज पर पहुंच चुके हैं जहाँ वह किसी सीमित काल या स्थान के लिए सिनेमा नहीं बनाते। ऐसे में चार बरस बाद आई लाल सिंह चड्ढा उनकी मेहनतों को साबित करती नज़र आती है।
यह आकर्षक डूडल गूगल आर्ट्स एंड कल्चर द्वारा हाल ही में शुरू की गई ‘इंडिया की उड़ान’ परियोजना के बाद पेश किया गया है, जो इन 75 वर्षों के दौरान भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाता है और ‘देश की अटूट और…
1946 में स्वतंत्रता की खातिर अंतिम जंग, रॉयल इंडियन नेवी म्युटिनी द्वारा लड़ी गई थी, उस आईएनए से प्रेरित युवा रॉयल इंडियन नेवी के नौसैनिकों के ऐतिहासिक विद्रोह की घटना को प्रमोद कपूर एक बार फिर से…