डॉ अम्बेडकर की नज़र:वर्णाश्रमी समाज में महामारी और जनतंत्र!
डॉ अम्बेडकर एक क्रांतिदर्शी चिंतक और उत्पीड़ितों के महानायक हैं. उनकी जयंती के खास मौके पर आज अम्बेडकर-साहित्य के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश बता रहे हैं--वर्णाश्रम व्यवस्था वाले भारत जैसे समाज में महामारी, मनुष्यता और जनतंत्र को लेकर क्या सोचते थे डॉ अम्बेडकर! आज के सन्दर्भ में जब पूरे विश्व के साथ भारत भी कोविड-19 से जूझ रहा है, बाबासाहेब के इन विचारों का खास महत्व है:
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