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बेनी गेंट्ज़ का यू-टर्न, इजरायल में 'एकता सरकार' बनाने के लिए विरोधी नेतन्याहू के साथ शामिल

गैंट्ज़ ने अपने ब्लू एंड व्हाइट गठबंधन को तोड़ कर पहले तीन वर्षों के लिए नेतन्याहू को प्रधानमंत्री के रुप में स्वीकारते हुए 'राष्ट्रीय एकता सरकार' में शामिल हो गए।
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इजरायल की संसद के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विपक्षी ब्लू एंड व्हाइट गठबंधन के नेता बेनी गैंट्ज़ को कल यानी 26 मार्च को इजरायल की संसद का अध्यक्ष चुना गया। संसद में मौजूद 92 सदस्यों में से 74 ने उनके पक्ष में मतदान किया जबकि 18 सदस्यों ने उनके खिलाफ मतदान किया। 120 सदस्यीय केसेट (इजरायल की संसद) के कुछ सदस्य इस मतदान प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए।

इजरायल को इस साल 2 मार्च को एक साल के भीतर तीसरा आम चुनाव कराना पड़ा। यह चुनाव भी पिछले साल अप्रैल और सितंबर में हुए अन्य दो चुनावों की तरह किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा था। इन चुनावों में किसी भी पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए अपेक्षित 61 सीटों का बहुमत नहीं मिला था। इजरायल रेजिलिएशन पार्टी के प्रमुख गैंट्ज़ ने पहले बेंजामिन नेतन्याहू के राष्ट्रीय यूनिटी सरकार के अपील को ठुकरा दिया था और अरब ज्वाइंट लिस्ट (15 सीटों), एविगडोर लिबरमैन के नेतृत्व में इजरायल बेइतनु (7) और वामपंथी दलों द्वारा समर्थन देने के बाद 61 सदस्यों का समर्थान हासिल करने में सफल रहे थे।

हालांकि, गुरुवार की घटना का मतलब साफ है कि प्रधानमंत्री के पद के रोटेशन के साथ नेतन्याहू और गैंट्ज़ के बीच यूनिटी सरकार बनाने के लिए समझौता हुआ होगा। स्पीकर के रूप में गैंट्ज़ अस्थायी हो सकते हैं। उनसे नेतन्याहू के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है। सरकार बनाने के क्रम में गैंट्ज़ ने वर्षों पुराने ब्लू एंड व्हाइट गठबंधन को तोड़ते हुए अपने सहयोगियों याएर लैपिड को भी नजरअंदाज कर दिया जो यश एटिड पार्टी के मुखिया हैं और मोशे या'अलन (टेलेम) की भी परवाह नहीं की।

गैंट्ज़ का राजनीतिक यू-टर्न और लिकुड के नेतृत्व वाले गठबंधन में धार्मिक रूढ़िवादी दलों के साथ ऐसे समय में हाथ मिलाना जब नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले अभी भी जारी हैं; इसको लेकर पहले उनकी तरफ से कड़े विरोध किए गए, अरब ज्वाइंट लिस्ट के समर्थन के साथ सरकार के गठन के लिए उनकी अनिच्छा का प्रतिबिंब हो सकता हैं जो कि यहूदी-विरोधी है और फिलिस्तीन के लिए द्विराष्ट्र सिद्धांत के पक्ष में है।

इस बीच, गेंट्ज़ ने Covid-19 प्रकोप के "इस तरह के एक चुनौतीपूर्ण समय" में देश में दूसरे चुनाव से बचने के लिए इसे वक्त की जरूरत बताते हुए अपने फैसले को सही ठहराने की कोशिश की। इजरायल में Covid-19 के 2600 से अधिक मामले सामने आए हैं जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

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