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गोवा : बिना सबूत के यूपी-बिहार के मज़दूरों को अपराधी कह रहे हैं सीएम सावंत!

उत्तर प्रदेश और बिहार के तमाम प्रवासी मज़दूर अलग-अलग राज्यों में काम करते हैं, इसी में गोवा भी है, लेकिन वहां के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दोनों राज्यों के मज़दूरों को अपराधी कह दिया है।
Sawant collage

कभी किसानों के ख़िलाफ, कभी राजनीतिक दलों के ख़िलाफ, कभी देश के बड़े नेताओं के ख़िलाफ तो कभी महिलाओं के ख़िलाफ ऊल-जुलूल बयान देने वाले वीरों की फौज़ भारतीय जनता पार्टी ने ही भर रखी है, इन वीरों में इस बार निकलकर बाहर आए हैं, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने ज्ञान के लिए इस बार दिन चुना 1 मई यानी मज़दूर दिवस। और निशाने पर रखा बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले प्रवासियों पर।

बग़ैर किसी साक्ष्य और सुबूत प्रमोद सावंत ने गोवा में होने वाले करीब 90 प्रतिशत अपराधों का ठीकरा यूपी और बिहार से आने वाले प्रवासियों पर फोड़ दिया।

पंजिम के श्रम शक्ति भवन में आयोजित मजदूर दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा में अधिकतम अपराध प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं, और उन्होंने ठेकेदारों और नियोक्ताओं से अपील की है कि वे राज्य में काम करने से पहले एक श्रम कार्ड प्राप्त करें, उन्होंने कहा, ‘‘गोवा में काम करने वाले हर प्रवासी मजदूर के पास मजदूर कार्ड होना चाहिए, हमने बजट में लेबर कार्ड देने का वादा किया था, यहां अपराध करने के बाद प्रवासी मजदूर अपने राज्य लौट जाते हैं और उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है। अनुपात देखा जाए तो अधिकतम गोवा में 90 प्रतिशत अपराध प्रवासी मजदूरों द्वारा किए जाते हैं, चाहे वह बिहार, उत्तर प्रदेश या अन्य क्षेत्रों से हो। मैं उसके विवरण में नहीं जा रहा हूं।‘’

द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों द्वारा किए गए अपराधों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है, अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मजदूरों को कार्ड जारी करना सुनिश्चित करने के लिए दो एनजीओ को साथ लाया गया है, उन्होंने कहा कि जल्द ही सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी। सावंत ने कहा कि एक बार प्रवासी मजदूरों के श्रम विभाग में पंजीकृत हो जाने के बाद, सरकार के पास उनके संबंधित पते का एक डेटाबेस होगा और यदि आवश्यक हो तो पुलिस को किसी भी मामले की जांच करने या ट्रैक करने में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने श्रम आयोग को श्रमिक समुदाय की बेहतरी और उत्थान के लिए कल्याणकारी कोष का उपयोग करने का निर्देश दिया है।

हालांकि यहां ये कहना ग़लत नहीं होगा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का ये बयान गोवा में होने वाले अपराधों को तो दर्शाता ही है, साथ में राज्य की पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है, इसके अलावा बग़ैर किसी आंकड़े के उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासियों पर निशाना साध देना हीन भावना को भी दर्शाता है।

सावंत के इस बयान के बाद जमकर राजनीतिक शुरु हो गई और उनपर बिहार और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों ने आरोप लगाने शुरु कर दिए। उधर सावंत के इस बयान पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी क़ड़ी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने ट्वीट किया कि- “केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल जी के बाद अब गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शर्मनाक बयान देकर बिहार और बिहारियों का घोर अपमान किया है, बीजेपी और बीजेपी के नेताओं को बिहार और बिहारियों से नफरत क्यों है? केंद्र की बीजेपी सरकार बिहार के सभी हकों, वाजिब मांगों व अधिकारों को लेकर सदा नकारात्मक और उदासीन क्यों रहती है?”

उधर जेडीयू के नेता और प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने भी प्रमोद सावंत पर पलटवार किया, उन्होंने कहा कि भाजपा शुरु से ही उत्तर भारतीयों की विरोधी रही है, यह बात जगज़ाहिर है कि भाजपा शाषित राज्यों में बिहारी मज़दूरों को हीनभावना से देखा जाता है और उनका हर तरीके से शोषण किया जाता है।

इसके बाद जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा एक देश एक कानून की बात करती है, और उसी पार्टी से गोवा के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और बिहार के मज़दूरों को अपराधी कहते हैं। उन्हें अमित शाह के विभाग से संबंधित नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़े का अवलोकन करना चाहिए। गुजरात में सबसे ज़्यादा फर्जी मुकदमें करके बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने कहा कि आपलोग फर्जी हिंदू हो, क्योंकि गोवा में बहुसंख्यक हिंदू ही होंगे और आप लोग उन्हें ही अपराधी कह रहे हो।  

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने भी गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के बयान को भाजपा दोहरा चाल-चरित्र बताते हुए कहा है कि, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अविलम्ब बिहार और उत्तर भारतीयों के लोगों से माफी मांगें, राजेश राठौड़ ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री और बाजपा के नेता प्रमोद सावंत से अपने राज्य में कानून व्यवस्था संभल नहीं रही है और न ही वहां स्थानीय निवासियों के लिए लिए रोजगार सृजन कर पा रहे हैं। इसलिए मेहनतकश बिहारियों और यूपी सहित उत्तर भारतीयों पर अपनी नाकामयाबी का ठीकरा फोड़ कर दोषमुक्त होने की कवायद कर रहे हैं, बिहारियों ने अपनी मेहनत के बदौलत कई राज्यों को विकसित बनाया है, उनका नाम अपराध से जोड़कर उन्हें बदनाम करने की जो साजिश बीजेपी और उसके सहयोगी रच रहे हैं, वो कांग्रेस को बर्दाश्त नहीं है. इस दुस्साहस के लिए बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व, बिहार बीजेपी के नेता सहित गोवा के मुख्यमंत्री अविलंब सार्वजनिक माफी मांगे।

इन राजनीतिक नेताओं के अलावा आम यूज़र्स भी प्रमोद सांवत की ख़िलाफत कर रहे हैं, ट्वीटर यूज़र्स ने लिखा कि गोवा के राज्यपाल भी बिहार के ही रहने वाले हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री का ऐसा बयान बहुत अशोभनीय है।

फिलहाल आपको बता दें कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की प्रिज़न स्टैटिस्टिक्स इंडिया 2021 रिपोर्ट कहती है,  उस साल 31 दिसंबर तक गोवा की जेलों में बंद 70 दोषियों में से 43 गोवा राज्य के ही थे, जबकि 19 अन्य राज्यों के थे जबकि 8 विदेशी नागरिक थे।

यानी ये आंकड़े साबित करते हैं कि प्रमोद सावंत के बयानों में कितनी सच्चाई है? इसके अलावा यहां ग़ौर करने वाली बात ये भी है, कि प्रमोद सावंत ने उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों राज्यों के मज़दूरों को अपराधी बताया है, लेकिन पलटवार महज़ बिहार से ही हो रहे हैं। जबकि उत्तर प्रदेश की सरकार प्रमोद सावंत को कुछ कहने से परहेज कर रही है, बजाय इसके कि उसकी राज्य के मज़दूरों पर बेबुनिया इल्ज़ाम लगाया गया है।

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