Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

हरियाणा: पी० डब्ल्यू० डी० विभाग के कर्मचारी क्यों कर रहे हैं आंदोलन?

पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट के कर्मचारियों ने सरकार पर विभाग का निजीकरण करने का आरोप लगाया। इसके साथ अन्य मांगों को लेकर कर्मचारीयों ने 27 को पंचकुला की ओर कूच करेंगे ।
harayana

हरियाणा सरकार के पी ०डब्ल्यू०डी० विभाग के कर्मचारियों  और  करनाल, पानीपत जनस्वास्थ्य, सिंचाई विभागभवन और सड़क मार्ग के फील्ड कर्मचारियों ने अधीक्षक अभियंता जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी परिमंडल करनाल के कार्यालय के सामने दो दिन, 19 -20 नबंर को आठ घंटे की भूख हड़ताल की। ये कर्मचारी हरियाणा सरकार के सोनीपत और करनाल शहर की वाटर सप्लाई और सीवेज व्यवस्था को नगर निगम के हवाले करने के  फैसले का विरोध कर रहे हैं।

कर्मचारियों का कहना है कि सरकार  विभागों को निजी हाथों मे सौंपना चाहती है। कर्मचारियों की मांग है कि नगरनिगमों को दी गई जल और सीवेज सेवाओं को वापस जनस्वस्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को दी जाए। कैशलेस मेडिकल सुविधा और पुरानी पेंशन योजना लागू हो। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो सभी कर्मचारी 27 नवंबर को संगठन प्रमुख अभियंता जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग पंचकूला के कार्यालय का घेराव  करेंगे।

कर्मचारी क्यों कर रहे है विरोध ?        

 पी०डब्ल्यू०डी० मैकनिकल वर्करस यूनियन, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से जुड़ी हुई है। इसके महासचिव शीलकराम मलिक ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि सरकार सरकारी विभागों को तबाह करने की साज़िश कर रही है। उन्होंने बात करते हुए कहा कि सरकार की इस निति का विरोध करने का  मुख्य कारण यह है कि हमारे सर्विस रुलस और निगम के रुल भिन्न है। इसके साथ हमें नगर निगम विभाग का हिस्सा बना देने पर पेंशन के साथ कई अन्य सामजिक सुरक्षा का लाभ नही मिलेगा क्योंकि नगर निगम के कर्मचारियों को पेंशन,रिटायर फंड जैसी सुविधाएं नहीं मिलती हैं।

शीलकराम मलिक ने कहा हमारे पास शहर में साफ सफाई और सीवेज साफ करने के सभी संसाधन हैं। अभी भी निगम हमारे कर्मचारियों के माध्यम से ही काम कर रही है लेकिन धीरे-धीरे इसे पंचायतो के माध्यम से निजी लोगो को सौंप दिया जाएगा | शीलकराम आगे कहते हैं कि हमारा विभाग पूर्णत सरकारी है जबकि निगम पूर्णत सरकारी नहीं है ,अगर सरकार को यह काम निगम के माध्यम से करना है तो नए कर्मचारी की भर्ती करे हमारे विभाग के कर्मचारी को क्यों ले रही है जबकि हमारे विभाग में कर्मचारियों की संख्या की पहले ही कम है |

इसके अलावा आंदोलनकारियों के  दो और मुख्य मुद्दे है जिसको लेकर वो विरोध कर रहे हैं। 

•        कैशलेस मेडिकल सुविधा :- हरियाणा सरकार  ने केवल कुछ गंभीर  बीमारियों के लिए ही कैशलेस मेडिकल सुविधा उपलब्ध करा रखी है बाकि बीमारियों में कर्मचारी को अपने जेब से खर्च करके बिल सरकार से पास करना होता है तब जाकर उन्हें रिफंड मिलाता है। कर्मचारी यूनियन की मांग है कि इस पूरी प्रक्रिया में बहुत ही लंबा समय लगता है इसलिए कर्मचारियों की मांग है कि सरकार सभी बीमारियों के लिए कैशलेस मेडिकल सुविधा  दे जिससे कर्मचारी अपना ईलाज बिना किसी बाधा के करा सकें।

 पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए:- कर्मचारियों की दूसरी सबसे अहम मांग है पुरानी पेंशल की बहाली। सरकार की नए पेंशन नीति का विरोध केवल हरियाणा के कर्मचारी ही नहीं बल्कि सभी निगमों के कर्मचारी कर रहे हैं। उनके मुताबिक इस नई नीति के तहत कर्मचारी की पेंशन सुनिश्चित नहीं है,जो पहले निश्चित होती थी। अब उनके पैसों को सरकार शेयर मार्केट में लगा रही हैउस पर फायदा हो या नुकसान वो कर्मचारी का होगा। यानी इसमें बड़ा जोखिम है। इसी को लेकर सभी कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं।

इस पर शीलकराम ने कहा कि जो पेंशन कर्मचारी की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा होती थीयह सरकार उसके इस पक्ष को पूरी तरह से खत्म कर रही है। अब कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद कोई सुरक्षा नहीं है। वो आगे कहते हैं कि विधायक और सांसदों को एक दिन के कार्यकाल के बाद भी एक निश्चित पेंशन दी जाती है तो जो कर्मचारी अपना पूरा जीवन काम करने में बिताता है उसको पेंशन क्यों न मिलेअगर सरकार हमरी मांग को नही मानती तो हम 27 तारीख को पंचकुला में प्रमुख अभियंता के कार्यालय पर धावा बोलंगे |

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest