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बागेश्वर उपचुनाव: भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर

जैसे-जैसे हर राउंड की काउंटिंग के नतीजे आ रहे हैं, वैसे-वैसे भाजपा और कांग्रेस में टक्कर बढ़ती जा रही है। भाजपा इस चुनाव को जहां सीट बचाने के लिए लड़ रही है, तो कांग्रेस, भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
bjp and congress
बाईं ओर भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास और दाईं ओर कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार

उत्तराखंड की बागेश्वर विधानसभा सीट 5 सितंबर को उपचुनाव हुए थे, जिसके लिए आज काउंटिंग की जा रही है। काउंटिंग के हर राउंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। कभी कांग्रेस के बसंत कुमार तो कभी भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास आगे निकलती दिखाई देती हैं।  

बागेश्वर उप चुनाव मतगणना का 8वां राउंड पूरा होने तक भाजपा की पार्वती दास 2177 वोट से आगे चल रही थीं।

बागेश्वर उप चुनाव की मतगणना के छठवें राउंड में पार्वती दास कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार से 1700 वोट से आगे थीं।

चौथे राउंड में भाजपा कांग्रेस से 474 वोट से आगे थी। तीसरे राउंड में पार्वती को 6774 और बसंत को 6773 वोट मिले।

पहले राउंड में बसंत को 2945, भाजपा की पार्वती दास को 2191, यूकेडी को 52, सपा को 27, यूपीपी को 10 मत मिले. 60 लोगों ने नोटा इस्तेमाल किया. इसमें कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार 754 वोटों से आगे चल रहे थे।

5 सितंबर को यहां सुबह सात बचे से वोटिंग शुरू हो गई थी, जिले के 188 मतदान केंद्रों पर जनता ने वोट डाले थे। बागेश्वर विधानसभा सीट पर चंदन रामदास परिवार का कब्जा पिछले 20 सालों से रहा है, चंदन रामदास पिछले 4 बार से बागेश्वर से विधायक रहे थे। इस सीट पर इस बार कांटे का मुकाबला है। मतदान के वक्त मतदाता पूरी तरह चुप थे।

बता दें कि पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री के पद पर तैनात भाजपा विधायक चंदन राम दास का इस साल अप्रैल में बीमारी के कारण निधन हो गया था, जिसके बाद यह सीट खाली हो गई थी। ऐसे में बागेश्वर विधानसभा सीट पर हुए चुनाव के दौरान भाजपा ने दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की पत्नी पार्वती दास को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने बसंत कुमार को टिकट देकर मैदान में उतारा है।

इस उप चुनाव को लेकर भाजपा ने कहा कि पार्टी कभी जातिवाद के आधार पर चुनाव नहीं लड़ती है, जबकि कांग्रेस प्रत्याक्षी जातिवाद के आधार पर चुनाव लड़ते रहे हैं। स्व चंदन दास को जनता ने अपने मत से श्रद्धांजलि दी। जनता को विकास कार्यों का लाभ भी मिला। जनता ने पहले ही बाजपा के पक्ष में मतदान का मन बना लिया था। भाजपा की जीत सुनिश्चित है। उधर कांग्रेस ने कहा कि 17 सालों में बागेश्वर का विकास ठप हो गया, इस चुनाव में जनता भाजपा से उसके कुशासन का बदला लेने का मन बना चुकी थी। बसंत कुमार को पूरा समर्थन मिला। कांग्रेस का बागेश्वर में चुनाव जीतना तय है।

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हो रहा यह उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के काफी अहम माना जा रहा है, जो भविष्य में होने वाले आम चुनाव के लिए उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के लिए तैयारियों की कसौटी तय करेगा। फिलहाल इस उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के अलावा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के साथ ही दो क्षेत्रीय दलों के नेता शामिल हैं। वहीं इस उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है।

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