उपचुनाव: मैनपुरी लोकसभा समेत देश की 6 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न, ओडिशा में बंपर वोटिंग
5 दिसंबर यानी सोमवार का दिन देश की राजनीतिक के लिए बेहद अहम रहा, इस दिन गुजरात चुनाव में दूसरी चरण की 93 विधानसभा सीटों के साथ, 6 अलग-अलग राज्यों की विधानसभा सीटों पर भी मतदान हुए। वहीं इसके अलावा उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी मतदान हुए, जो प्रदेश की राजनीति के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के भविष्य के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। देश में हुए उपचुनावों पर नज़र डालें तो सबसे ज्यादा मतदान ओडिशा की विधानसभा सीट पर पड़े।
शाम 5 बजे तक किस सीट पर कितने प्रतिशत मतदान
उत्तर प्रदेश, मैनपुरी(लोकसभा)--- 51.89
उत्तर प्रदेश, रामपुर(विधानसभा)--- 31.22
उत्तर प्रदेश, खतौली(विधानसभा)--- 54.50
बिहार, कुढ़नी(विधानसभा)--- 53.00
ओडिशा, पदमपुर(विधानसभा)--- 75.89
राजस्थान, सरदारशहर(विधानसभा)--- 66.87
इन चुनावी आंकड़ों के अलावा जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनका महत्व क्या है, और उनका गणित क्या कहता है, एक-एक कर इसपर नज़र डालते हैं।
मैनपुरी लोकसभा सीट
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हुई थी, जिसके बाद यहां उपचुनाव कराए गए, शाम पांच बजे तक इस सीट पर 51.89 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। वैसे मुलायम सिंह के निधन के बाद से ही यहां माहौल बहुत ज्यादा सियासी है। विधानसभा चुनाव में इतिहास रचने के बाद भाजपा इतनी ज्यादा उत्साहित है कि वो मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव के नाम पर वोट मांग रही है। योगी आदित्यनाथ घूम-घूम कर सभाओं में यही बता रहे हैं कि भाजपा को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नेता जी का आशीर्वाद प्राप्त है, इसलिए मैनपुरी सीट वही जीतेंगे।
हालांकि राजनीतिक जानकार इसे योगी और भाजपा की एक चाल बता रहे हैं और कह रहे हैं कि ये समाजवादी पार्टी की राजनीतिक विरासत पर डेंट करनी की बड़ी कोशिश है, ताकि पार्टी को प्रदेश में खत्म किया जा सके। शायद यही कारण है कि भाजपा ने मैनपुरी सीट से रघुराज सिंह शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो कभी मुलायम सिंह यादव के शिष्य हुआ करते थे। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने मुलायम की बहु और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को चुनावी मैदान में उतारा है, ताकि मुलायम की विरासत बरकरार रह सके।
मैनपुरी लोकसभा सीट के अलावा प्रदेश की 6 विधानसभा सीटों पर भी चुनाव हो रहा है। जिसमें सबसे बात करेंगे रामपुर विधानसभा सीट की
रामपुर विधानसभा सीट
उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट बेहद अहम है, लेकिन अहमियत के हिसाब से यहां मतदान बहुत कम हुए हैं। शाम पांच बजे तक इस सीट पर महज़ 31.22 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
आपको बता दें कि, रामपुर सदर विधानसभा सीट आजम खान को नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के कारण खाली हुई थी। जिसके बाद सपा ने यहां से आजम खान के करीबी आसिम राजा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है।
खतौली विधानसभा सीट
मुज़फ्फरनगर की इस विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में शाम पांच बजे तक 54.50 प्रतिशत वोट डाले गए। यहां रालोद-सपा गठबंधन से मदन भैया मैदान में हैं। वहीं खतौली से भाजपा विधायक रहे विक्रम सिंह सैनी लगातार दो बार विधायक चुने जा चुके हैं। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए उन्होंने पहली बार 2017 में सपा के चंदन सिंह चौहान को 31,374 वोट से हराया था, वहीं 2022 में विक्रम सैनी रालोद के राजपाल सिंह सैनी को 16,345 वोट से हराकर विजयी हुए थे। लेकिन मुजफ्फरनगर दंगे से जुड़े केस में सजायाफ्ता होने के बाद विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द हो गई, जिसके बाद खतौली सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। भाजपा ने विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को मैदान में उतारा है। भाजपा एक बार फिर खतौली सीट पर जीत का दावा कर रही है, उधर, कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशी मैदान में न होने से रालोद और भाजपा में सीधी टक्कर है। रालोद जाट-गुर्जर-मुस्लिम समीकरण के साथ-साथ दलित वोटों को भी पाले में खींचने के प्रयास में जुटी है।
सरदारशहर विधानसभा सीट
कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन से खाली हुई सरदारशहर विधानसभा सीट पर शाम पांच बजे तक 66.87 प्रतिशत मतदान हुए। इस बार भाजपा और कांग्रेस के अलावा आरएलपी ने मुकाबले में उतकर त्रिकोणीय बनाने की पूरी कोशिश की है। आपको बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे भंवरलाल शर्मा यहां से सात बार विधायक रहे थे, कांग्रेस ने भंवरलाल शर्मा के पुत्र अनिल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने अपने पुराने चेहरे अशोक पींचा पर ही भरोसा जताया है। आरएलपी ने जाट मतदाताओं के भरोसे लालचंद मूड को अपना उम्मीदवार बनाया है।
सरदारशहर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2 लाख 89 हजार 843 मतदाता हैं। इनमें से 1 लाख 52 हजार 766 पुरुष और 1 लाख 37 हजार 77 महिला मतदाता हैं। चुनाव मैदान में कुल 10 प्रत्याशी डटे हुए हैं, सरदारशहर सीट दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा का गढ़ मानी जाती है, उन्होंने यहां से 7 बार चुनाव जीता, वो ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष भी रहे, उनकी अपने इलाके में जबर्दस्त पकड़ थी, इसलिए कांग्रेस ने उनके बेटे अनिल शर्मा पर ही दांव लगाया है, कांग्रेस ने यहां भी प्रदेश में पूर्व में हुए उपचुनावों की तर्ज पर सहानुभूति का कार्ड खेला है।
भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट
छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में ज़बरदस्त वोटिंग हुई। यहां शाम पांच बजे तक 64.86 प्रतिशत मतदान दर्ज किए गए। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते मतदान सिर्फ दोपहर 3 बजे तक ही कराया गया। यहां के 256 बूथों में से 99 नक्सल प्रभावित हैं। इसके चलते करीब छह हजार जवानों की तैनाती की गई है।
यह चुनाव मनोज मंडावी के निधन से खाली होने के कारण कराया जा रहा है। कांग्रेस ने जहां इस सीट पर स्वर्गीय मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा की ओर से ब्रह्मानंद नेताम को उम्मीदवार बनाया गया है। वैसे तो इस सीट को फतह करने के लिए चुनावी मैदान में सात उम्मीदवार हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस के बीच ही टक्कर देखी जा रही है।
पदमपुर विधानसभा सीट
ओडिशा की पदमपुर विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई। यहं शाम पांच बजे तक 75.89 प्रतिशत मतदान हुए। इस सीट पर उपचुनाव के लिए 319 केंद्र बनाए गए। यहां मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की ख़बर नहीं आई है। हालांकि सीईओ एस. के. लोहानी ने बताया कि चार मतदान केंद्रों पर ईवीएम में तकनीकी खराबी सामने आई, जिसके बाद उन्हें बदला गया। इस सीट पर 2.57 लाख से अधिक लोगों के पास मताधिकार है, जिनमें 12 लोग ट्रांसजेंडर समुदाय के हैं। आपको बता दें कि इस सीट से भाजपा ने पूर्व विधायक प्रदीप पुरोहित को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने सत्य भूषण साहू को उम्मीदवार बनाया है।
कुढ़नी विधानसभा सीट
बिहार की इस विधानसभा सीट गणित पूरी तरह से बदला हुआ नज़र आ रहा है, फिलहाल यहां शाम पांच बजे तक 53 प्रतिशत मतदान दर्ज किए गए हैं। इस सीट पर कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, देखा जाए तो सीधी टक्कर महागठबंधन से जेडीयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा और भाजपा के उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता के बीच है। केदार गुप्ता और मनोज कुशवाहा दोनों ही पूर्व मुखिया होने के साथ विधायक रह चुके हैं। जेडीयू की ओर से साल 2015 तक मनोज कुशवाहा कुढ़नी में विधायक थे, इसके बाद साल 2020 में आरजेडी से अनिल साहनी विजयी हुए थे, जेडीयू के मनोज कुशवाहा चुनाव में नहीं उतरे थे, 2020 में चुनाव में भाजपा का भी प्रदर्शन अच्छा रहा था, मात्र 712 मतों से केदार गुप्ता हारे थे और अनिल साहनी ने चुनाव जीता था। इस बार का चुनाव भी काफी दिलचस्प रहा।
वैसे कुढ़नी सीट का इतिहास रहा है कि यहां तीसरे नंबर पर रहने वाला कैंडिडेट गेम चेंजर होता है। 2010 में मनोज कुमार कुशवाहा जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते थे। 36757 मतों से दूसरे स्थान पर रहे थे विजेंदर चौधरी जो 35787 मतों पर थे। 1570 मतों से विजेंद्र चौधरी मनोज कुशवाहा से चुनाव हार गए थे। 2010 के चुनाव में बाहुबली शाह आलम तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं चौथे नंबर पर आईएनसी उम्मीदवार विनोद चौधरी रहे थे, जिन्हें 9896 वोट मिले थे। 5वें स्थान पर बसावन भगत थे।
उपचुनावों में कहां-कहां रही हलचल
एकमात्र मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में सपा-भाजपा के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा नेता गुंडई पर उतर गए हैं। और बूथ कैप्चरिंग करवा रही है।
चुनाव जीतने के लिए गुंडई पर उतरे भाजपा नेता !
किशनी विधानसभा के बूथ संख्या 350 पर भाजपा के पूर्व प्रधान बूथ कैप्चरिंग करवा रहे।
संज्ञान ले चुनाव आयोग !@ceoup@ECISVEEP— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 5, 2022
सपा ने आरोप लगाया कि सपा नेताओं की फर्जी गिरफ्तार कर प्रशासन चुनाव प्रभावित करना चाह रहा है।
करहल विधानसभा के सेक्टर 45 घिरोर में समाजवादी पार्टी के पूर्व चेयरमैन श्री अनिल कुमार गुप्ता को एसडीएम घिरोर, सीओ और इंस्पेक्टर जबरन थाने ले गए हैं।
सपा नेताओं की फर्जी गिरफ्तार कर चुनाव प्रभावित करना चाह रहा भाजपाई प्रशासन।
कृपया संज्ञान ले चुनाव आयोग !@ceoup@ECISVEEP pic.twitter.com/0PV0UR8j8r— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 5, 2022
समाजवादी पार्टी ने रामपुर में पुलिस पर सपा के मतदाताओं को गलत जानकारी देकर भ्रमित करने का आरोप लगाया कि पुलिस बिना वोट डाले वापस भेज दे रही है। सपा ने चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की अपील की है।
रामपुर में पुलिस समाजवादी पार्टी के मतदाताओं को गलत जानकारी देकर भ्रमित कर रही है और बिना वोट डाले वापस भेजे दे रही।
संज्ञान ले चुनाव आयोग !@ceoup@ECISVEEP pic.twitter.com/YLQgvB8yBF— Samajwadi Party (@samajwadiparty) December 5, 2022
रामपुर में सपा विधायक अब्दुल्ला आजम की एएसपी संसार सिंह से तीखी नोक झोंक हुई। अब्दुल्ला ने पुलिस पर एक खास वर्ग के मतदाताओं को बूथ पर आने से रोकने का आरोप लगाया।
वैसे तो उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा और विधानसभा सीटों पर उपचुनावों का असर सीधे तौर पर तो किसी पार्टी पर नहीं पड़ेगा, लेकिन अगर मैनपुरी और रामपुर में सपा हारती है, तो पार्टी के भविष्य को लेकर चिंताएं ज़रूर बढ़ जाएंगी। दूसरी ओर कोई भी पार्टी चुनाव जीते, साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए मनोवैज्ञानिक तौर पर पार्टियों पर दबाव ज़रूर होगा।
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