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छत्तीसगढ़ : बिलासा एयरपोर्ट की 'उपेक्षा' को लेकर बिलासपुर रहा बंद, नागरिक और व्यापारिक संगठनों का मिला समर्थन

बंद के चलते आज पूरे शहर में दुकान और बाज़ार नहीं खुले तो वहीं जनसंघर्ष समिति के लोगों ने बाइक रैली और पैदल मार्च का आयोजन भी किया।
Bilaspur Bandh

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बेहतर हवाई कनेक्टिविटी और विमान सेवा सुविधाजनक बनाने को लेकर आज शुक्रवार, 7 अप्रैल को पूरे शहर में बंद का आवाहन किया गया। हवाई सेवा जन संघर्ष समिति द्वारा बुलाए इस बंद को तमाम व्यापारी संगठन, चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स, क्रेडाई संघ समेत कई दर्जन व्यापारिक और सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिला। बंद के चलते आज पूरे शहर में दुकान और बाज़ार नहीं खुले तो वहीं जनसंघर्ष समिति के लोगों ने बाइक रैली और पैदल मार्च का आयोजन भी किया। रैली के दौरान सदस्यों के हाथों में सरकार विरोधी तख्तियां भी नज़र आईं।

रैली में शामिल लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार एक ओर तो देश के आम नागरिक को उड़ाने की बात करती है, लेकिन दूसरी ओर हवाई सफर को इतना कठिन बना देती है कि ये आम लोगों के पहुंच से बाहर हो जाता है। विमानन कंपनियां अपनी मनमानी कर रही हैं, लेकिन सरकार कोई कदम नहीं उठा रही। कभी कोई फ्लाइट रद्द कर दी जाती है, तो कभी अचानक से किराए में वृद्धि हो जाती है। ऐसे में हवाई चप्पल वाला हवाई जहाज में कैसे उडेगा।

बिलासा एयरपोर्ट की लगातार उपेक्षा का आरोप

प्रदर्शन में शमिल जनसंघर्ष समिति के सदस्यों ने न्यूज़क्लिक को बताया कि छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल तमिलनाडु के क्षेत्रफल से बढ़ा है। इसके बावजूद तमिलनाडु में आठ हवाईअड्डे चल रहे हैं और छत्तीसगढ़ को केवल रायपुर एयरपोर्ट के भरोसे छोड़ दिया गया है। संगठन का कहना है कि बीते 3 साल से लगातार विरोध दर्ज करवाने के बावजूद बिलासा एयरपोर्ट की लगातार उपेक्षा हो रही है।

जनसंघर्ष समिति के सदस्य विजय वर्मा ने बताया कि पांच-पांच महीने में फ्लाइट शुरू होती है, फिर बंद हो जाती है। जो फ्लाइटें चल रही हैं उनका किराया भी इतना ज्यादा है कि मजबूरी में इंसान को बिलासपुर की जगह रायपुर जाकर फ्लाइट पकड़नी पड़ती है। इसके अलावा बिलासा एयरपोर्ट पर बेसिक सुविधाओं का भी अभाव नज़र आता है, जो इस शहर की उपेक्षा का साक्षात उदाहरण है।

एक अन्य सदस्य रवि बताते हैं कि बिलासपुर रायपुर के बाद सबसे बड़ा व्यवसायिक हब है। यहां हाई कोर्ट, एनटीपीसी, एसईसीएल समेत कई महत्वपूर्ण केंद्रीय संस्थान है। कई छोटे-बड़े उद्योग-धंधे यहां से संचालित होते हैं। यहां उच्च शिक्षा के लिए बच्चे दूर-दूर से पढ़ने आते हैं। ऐसे में बिलासपुर में सुचारू हवाई सेवा जरूरी है, जिससे लोगों के आवागमन को आसान बनाया जा सकता है। लेकिन मौजूदा समय में यहां एयरपोर्ट होते हुए भी न के बराबर सुविधाएं हैं। फ्लाइट शुरू करने और रनवे विस्तार में लगातार देरी हो रही है। मनमानी तरीके से यात्री किराया बढ़ोतरी हो रही है और ये सब सरकार चुप-चाप देख रही हैं।

पक्ष-विपक्ष की सियासत में उलझी जनसुविधा

ध्यान रहे कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार है। और इस बंद को कांग्रेस कमेटी का पूर्ण समर्थन मिला है। हालांकि इस पूरे मामले में राजनीति भी जमकर देखने को मिल रही है। खबरों के मुताबिक बिलासा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए राज्य सरकार ने 27 करोड़ रुपए दिए हैं. तो वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य सरकार एयरपोर्ट में कोई रूचि नहीं दिखा रही जिसके चलते संचालन और विस्तार में दिक्कतें हो रही है। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि राज्य सरकार पहले ही सुविधा विस्तार के लिए फंड जारी कर चुकी है, लेकिन केंद्रीय विमानन मंत्रालय अपने हिस्से की जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है।

गौरतलब है कि बीते लंबे समय से बिलासपुर हवाई सुविधाओं के विस्तार को लेकर संघर्ष कर रहा है। बीते दिनों बिलासपुर-इंदौर की फ्लाइट सेवा बंद कर दी गई थी। वहीं इससे पहले भोपाल की फ्लाइट सुविधा को भी बंद कर दिया गया था। जिसके बाद लोगों में खासा आक्रोश है। इनका कहना है कि बड़े संघर्षों के बाद बिलासपुर में हवाई सेवा शुरू हुई थी, लेकिन आज भी उन्हें हवाई सेवा के लिए सड़कों पर ही उतरना पड़ रहा है, ऐसे में इन लोगों ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द ही बिलासा एयरपोर्ट का विस्तार नहीं हुआ तो ये बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।

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