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डेली राउंड अप: पंजाब पुलिस ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा को गिरफ़्तार किया और अन्य ख़बरें

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि पंजाब पुलिस द्वारा बग्गा के पिता को पीटे जाने के आरोप में राष्ट्रीय राजधानी के जनकपुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।

 

 

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स्कूल में यौन शोषण मामला : ईडीएमसी ने प्रधानाचार्य, शिक्षिका को निलंबित किया

नयी दिल्ली/भाषा: पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) ने उसके द्वारा संचालित एक स्कूल में कक्षा के भीतर दो लड़कियों के कथित यौन शोषण मामले में प्रधानाचार्य और एक शिक्षिका को निलंबित करने का फैसला किया है। महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 
मामला पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में एक सरकारी स्कूल का है, जहां अनुबंध पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने दो छात्राओं का कथित तौर पर यौन शोषण किया था।
 
महापौर अग्रवाल ने बताया कि यह फैसला ईडीएमसी के अधिकारियों ने किया है। इस संबंध में शुक्रवार को एक आधिकारिक आदेश जारी किए जाने की उम्मीद है।
     
गौरतलब है कि घटना 30 अप्रैल को पूर्वी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में हुई थी, जहां आरोपी ने कथित तौर पर कक्षा में घुसकर छात्रों के सामने अपने कपड़े उतारे और उनके सामने पेशाब किया। इसके पहले उसने आठ साल की दो लड़कियों का कथित तौर पर यौन शोषण किया था।

जम्मू को छह नयी विधानसभा सीटें मिलीं, 12 सीटें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित

जम्मू: पांच मई जम्मू कश्मीर को लेकर गठित परिसीमन आयोग ने एकसमान जनसंख्या अनुपात बनाए रखने के लिए जम्मू क्षेत्र की अधिकांश विधानसभा सीटों की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया है और निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 37 से बढ़ाकर 43 कर दी है।
    
आयोग ने जम्मू में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों को क्रमशः सात और पांच सीटें आरक्षित करके बड़ा प्रतिनिधित्व दिया है। तीन सदस्यीय आयोग ने बृहस्पतिवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए।
    
नयी सीटें छह जिलों- डोडा, किश्तवाड़, सांबा, राजौरी, कठुआ और उधमपुर से बनाई गई हैं। इसके साथ ही डोडा, किश्तवाड़ और सांबा में अब तीन-तीन सीटें, उधमपुर में चार, राजौरी में पांच और कठुआ की छह सीटें हो जाएंगी।
    
किश्तवाड़ जिले को एक विधानसभा सीट पद्देर नागसेनी मिली है। डोडा जिले की नयी सीट डोडा पश्चिम है। जसरोटा कठुआ में नयी सीट है, उधमपुर में रामनगर और सांबा में रामगढ़ नयी सीट है।
    
आयोग ने जनता के आक्रोश को देखते हुए जम्मू जिले के सुचेतगढ़ निर्वाचन क्षेत्र को बरकरार रखा है।
    
आयोग ने पांच सीटें - राजौरी, थानामंडी (राजौरी जिला), सुरनकोट, मेंढर (दोनों पुंछ जिला) और गुलबगढ़ (रियासी) - अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए आरक्षित की हैं, सात सीटें - रामनगर (उधमपुर), कठुआ, रामगढ़ (सांबा), बिश्नाह, सुचेतगढ़, माढ़ और अखनूर (सभी जम्मू) - को अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आरक्षित किया गया है।

उन्होंने बताया कि एक ‘स्केच’ के आधार पर एक व्यक्ति को मामले में हिरासत में लिया गया है।

दिल्ली: केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद : न्यायालय ने मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपा

भाषा: उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र और दिल्ली के बीच राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण के विवाद से जुड़ा मामला शुक्रवार को पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ को स्थानांतरित किया।
     
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।
     
प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने कहा कि संविधान पीठ ने सेवाओं पर नियंत्रण के मुद्दे के अलावा विवाद से उत्पन्न सभी मुद्दों पर विचार किया है।
     
शीर्ष अदालत ने केन्द्र और आम आदमी पार्टी (आप) नीत दिल्ली सरकार के वकीलों से 11 मई को मामले पर अपनी दलीलें पेश करने को कहा।
    
शीर्ष अदालत ने मामले को पांच सदस्यीय पीठ के पास भेजने के संबंध में 28 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
     
यह याचिका 14 फरवरी 2019 के उस विभाजित फैसले को ध्यान में रखते हुए दायर की गयी है, जिसमें न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की दो सदस्यीय पीठ ने भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को उनके विभाजित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए तीन सदस्यीय पीठ का गठन करने की सिफारिश की थी। दोनों न्यायाधीश अब सेवानिवृत्त हो गए हैं।
     
न्यायमूर्ति भूषण ने तब कहा था कि दिल्ली सरकार के पास प्रशासनिक सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं हैं। हालांकि, न्यायमूर्ति सीकरी की राय उनसे अलग थी।

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार किया 

चंडीगढ़/नयी दिल्ली/भाषा: पंजाब पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। भाजपा नेताओं ने यह जानकारी दी।

पंजाब पुलिस की ओर से गिरफ्तारी के संबंध में अब तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

दरअसल, बग्गा सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं।
बग्गा ने कुछ समय पहले 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर केजरीवाल के खिलाफ ट्वीट कर उनकी आलोचना की थी, जिसके बाद से वह आम आदमी पार्टी (आप) के निशाने पर आ गए थे।

गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, शत्रुता को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में बग्गा के खिलाफ पिछले महीने मामला दर्ज किया था। पुलिस ने मोहाली में रहने वाले एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर बग्गा के खिलाफ यह मामला दर्ज किया था।
     
भाजपा की पंजाब इकाई के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने ट्वीट किया, ''पंजाब पुलिस ने तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को उनके घर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बग्गा और उनके पिता के साथ अमानवीय व्यवहार किया। लेकिन, अरविंद केजरीवाल जी याद रखें, आपकी ऐसी हरकतें एक सच्चे सिख को डरा नहीं सकतीं।''

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया, ''तेजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस के 50 जवान घर से गिरफ्तार करके ले गए हैं। ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल ने बग्गा को चुप कराने के लिए पंजाब पुलिस की ताकत का इस्तेमाल किया है।''     

कपिल मिश्रा ने कहा कि पंजाब पुलिस का इस्तेमाल राज्य में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की बजाए कार्यकर्ताओं के खिलाफ किया जा रहा है।

पंजाब पुलिस ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा को गिरफ़्तार किया, हरियाणा में रोका गया क़ाफ़िला

नयी दिल्ली/भाषा: पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसने मोहाली में दर्ज एक मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को राष्ट्रीय राजधानी में उनके आवास से गिरफ्तार किया है।

हालांकि, बग्गा को दिल्ली से मोहाली ले जा रहे पंजाब पुलिस के वाहनों को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में रोक दिया गया।

सूत्रों के मुताबिक, बग्गा को ले जा रहे पंजाब पुलिस के वाहनों को कुरुक्षेत्र के पीपली पुलिस थाने ले जाया गया है।

पंजाब पुलिस की टीम को रोके जाने के सवाल पर हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "ऐसी जानकारी मिली है कि बग्गा को उनके आवास से जबरन उठाया गया। हमें इन चीजों को सत्यापित और इसकी पुन: जांच करनी होगी।"

मौके पर हरियाणा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बग्गा की गिरफ्तारी के विरोध में भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं के पीपली थाने पहुंचने की भी खबरें हैं।

दरअसल, बग्गा सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। बग्गा ने कुछ समय पहले 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर केजरीवाल के खिलाफ ट्वीट कर उनकी आलोचना की थी, जिसके बाद से वह आम आदमी पार्टी (आप) के निशाने पर आ गए थे।

उधर, बग्गा की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा और आप के नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली पुलिस ने बग्गा के पिता की शिकायत के आधार पर जनकपुरी थाने में उनके (बग्गा के) अपहरण का मामला दर्ज किया है। बग्गा के पिता ने शिकायत की कि शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे कुछ लोग उनके घर आए और उनके बेटे को ले गए।

पंजाब पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि बग्गा को पंजाब ले जाया जा रहा है, जहां उन्हें एक अदालत में पेश किया जाएगा।

पंजाब पुलिस ने दावा किया कि पांच नोटिस भेजे जाने के बावजूद बग्गा (36) जांच में शामिल नहीं हुए थे, जिसके बाद उन्हें कानून की उचित प्रक्रिया के बाद सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया गया।

गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, शत्रुता को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में बग्गा के खिलाफ पिछले महीने मामला दर्ज किया था। पुलिस ने मोहाली में रहने वाले आप नेता सन्नी अहलूवालिया की शिकायत के आधार पर बग्गा के खिलाफ यह मामला दर्ज किया था।

पंजाब पुलिस ने बताया कि एक अप्रैल को दर्ज की गई प्राथमिकी के मुताबिक, 30 मार्च को बग्गा ने दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चा के विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

चुनावी वादे पूरे नहीं करने की नाकामी को छिपाने के लिए शाह सीएए का मुद्दा उठा रहे हैं: माकपा

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के मुद्दे को फिर से उठा रहे हैं ताकि भाजपा के चुनाव पूर्व के वादे को लागू करने में नाकामी को छुपा सकें।
     
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने दावा किया कि शाह का यह कहना कि सीएए को पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा, इस तथ्य को छिपाने का एक प्रयास है कि 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का वादा झूठा था।
     
शाह ने बृहस्पतिवार को सिलीगुड़ी में दावा किया कि सीएए एक वास्तविकता था, है और रहेगा। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केवल घुसपैठ जारी रखना चाहती हैं और पश्चिम बंगाल में आए शरणार्थियों को नागरिकता देने के खिलाफ हैं।
     
चक्रवर्ती ने सवाल किया, ‘‘क्या वह (शाह) उन लोगों की नागरिकता पर सवाल उठा सकते हैं जिनके वोटों से उन्होंने चुनाव जीता था?’’
     
नागरिकता के मुद्दे में मुख्यमंत्री की भी भूमिका होने का आरोप लगाते हुए चक्रवर्ती ने दावा किया कि 2003 तक देश के नागरिकता कानून में ‘‘अवैध प्रवासी’’ या ‘‘एनआरसी’’ शब्द नहीं थे, जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार, जिसमें ममता बनर्जी मंत्री थीं, इन शब्दों को संशोधन के माध्यम से कानून में शामिल किया।
     
चक्रवर्ती ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जो कोई भी प्रासंगिक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकता, वह असुरक्षित हो जाता है। यह गरीब वर्ग है, जिसने हो सकता है बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे कारणों से विस्थापन का सामना किया हो, जिसके दौरान ये कागजात खो गए होंगे। उन्हें सबसे अधिक नुकसान हुआ होगा।’’
     
चक्रवर्ती ने कहा कि सिलीगुड़ी में एक जनसभा में बृहस्पतिवार को भाजपा के दो विधायकों द्वारा उत्तर बंगाल को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने को लेकर की गई मांग अनुचित थी क्योंकि यह क्षेत्र के कथित कम विकास की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।

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