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फ़िल्म: रॉकी और रानी की प्रेम कहानी समाज के कई स्टीरियोटाइप एक साथ तोड़ती है!

फ़िल्म को सिर्फ मनोरंजन के लिए मत देखिए, इसलिए भी देखिए कि ये हमारे समाज की सच्चाई है।
Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani

सिनेमा घरों में आज शुक्रवार, 28 जुलाई को रिलीज़ हुई फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी असलियत में हमारे समाज की हक़ीक़त को बयां करती है। एक ऐसा समाज जहां औरतों और मर्दों के लिए अलग-अलग दायरे बनाने की कोशिश की जाती है। फ़िल्म समाज के उन कथित मर्दों को आईना दिखाती है, जो रौब दिखाने और औरतों को दबाने को ही मर्दानगी मानते हैं। फ़िल्म उन महिलाओं को भी अपने सपनों का महत्व समझती है, जो अपनी सभी इच्छाओं को शादी के आगे मार देती हैं और त्याग से महान बनने की होड़ में लग जाती हैं।

धर्मा प्रोडक्शंस की ये फ़िल्म रणवीर सिंह और आलिया भट्ट के रॉकी-रानी किरदार में लिपटे चलती जरूर पर्दे पर है, लेकिन इसे देखते-देखते आप अपनी ज़िन्दगी की तमाम कश्मकश से जुड़ने लगते हैं। उदाहरण के तौर पर फ़िल्म में रॉकी के परिवार को बहुओं का सिर न ढकना, लड़कियों का अपने लिए जीना या किसी से ऊँची आवाज़ में बात करना और लड़कों का नाचना-गाना बिल्कुल पसंद नहीं है, वह इसे परिवार और संस्कारों की तौहीन मानता है।

वहीं रानी का परिवार एक खुले विचारों का मॉडर्न परिवार है जहां औरतें इंडिपेंडेंट हैं, रसोई के अलावा देश दुनिया की खबरों में रुचि रखती हैं। उनके पिता (तोता रॉय चौधरी) कथक करते और सीखते भी हैं, और उन्हें इस पर गर्व है। तो कुल मिलाकर दोनों परिवार रहते तो दिल्ली में हैं लेकिन रॉकी के घरवाले पंजाब और रानी के घरवाले बंगाली परंपरा और संस्कृति के अलावा विचारों में भी काफी भिन्नता रखते हैं। लेकिन रॉकी और रानी की कहानी में इससे भी बड़ी मुश्किल कुछ और ही है। और वो है पितृसत्ता के लिए सबसे बड़ा खतरा यानी एक आत्मविश्वास से भरी स्त्री और यही कारण ही की रॉकी की दादी रानी को बिल्कुल पसंद नहीं करती।

संस्कारों के नाम पर रूढ़िवादी ढकोसलों को नकारती है रानी

रॉकी खुद भी एक मस्तमौला दिल्ली वाले लड़के की इमेज रखता है, जिसे बिना मेहनत के ही धनलक्ष्मी स्वीट्स का फ्यूचर सीईओ घोषित कर दिया जाता है। रॉकी आईक्यू में जीरो है लेकिन दिल का हीरो है और नाचने में उसे खुशी मिलती है, जिसे वो परिवार के सामने नहीं कर सकता, क्योंकि इज्जत खराब हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर रानी है, अच्छी पढ़ी-लिखी बेबाक न्यूज़ एंकर, जो बिना किसी से डरे लाइव शो में प्रधान जी से लड़कियों के कपड़ों पर कमेंट सुनते ही उन्हें दो टूक कहती है, 'नज़रें आपकी खराब हैं और पर्दा हम करें।' यही नहीं रानी प्यार और परिवार दोनों चाहती है लेकिन बिना किसी एकतरफा समझौते के। वो प्यार में खुद को भूलने के खिलाफ है। संस्कारों के नाम पर रूढ़िवादी ढकोसलों को नहीं मानती। वो सर झुकाकर नहीं सम्मान से सिर उठाकर जीना चाहती है। अब ये कहानी इन्हीं दोनों के मिलने बिछड़ने और फिर मिलने की कहानी है।

फ़िल्म में धर्मेंद्र जो रॉकी के दादा और शबाना आजमी जो रानी की दादी का किरदार निभा रहे हैं आपको बहुत कुछ सिखाते हैं। अनचाही शादी, परिवार के लिए प्यार को छोड़ना और अपने आखिरी पलों में उसी सच्चे प्यार को फिर तलाशना कई जज्बातों को आपके सामने रखता है। इसके अलावा रॉकी की मां (क्षिती जोग) का रानी के दिए हौसले से अपने सपनों को दोबारा उड़ान देना, उसकी बहन गायत्री (अंजली आनंद) जिसे मोटा होने के चलते गोलू बोला जाता है, की बार-बार बॉडी शमिंग होती है और हर दूसरे दिन शादी के लिए तैयार होकर एक नए लड़के के सामने बैठा दिया जाता है ये लगभग हमारे हर घर की कहानी कहता है, लेकिन यहां भी आखिर में वो अपने लिए लड़ती है और समझती है कि बिना आवाज़ उठाए कुछ हासिल नहीं होगा।

फ़िल्म आपको अपने अंदर भी झांकने को मजबूर करती है कि कहीं आप भी किसी ऐसे रिश्ते में तो नहीं जी रहे जहां जया बच्चन यानी रॉकी की दादी चाह कर भी रूढ़िवादी ढकोसलों को छोड़ नहीं पा रही, उल्टा उसे बढ़ावा दे रही है और इसे अपनी आन-बान-शान समझ रही है। ये फ़िल्म समाज में बराबरी की बात तो करती ही है, साथ ही बदलाव के लिए समय देने की बात भी कहती है।

रॉकी और रानी आपको प्यार और लड़ाई दोनोंं में बहुत कुछ बता और सिखा जाते हैं। फ़िल्म हमें ये भी बताती है कि हम में से कोई परफेक्ट नहीं है, बस हमें निरंतर सच्ची कोशिश करने की जरूरत है। फ़िल्म में बिना किसी ताम-झाम के एक साथ कई संदेश दिए गए हैं। जैसे बराबरी सिर्फ बोलने से नहीं आती, अपने बराबर सामने वाले को समझना भी पड़ता है। घर में खाना सिर्फ लड़कियां ही क्यों बनाएं, लड़के क्यों नहीं, रिश्ते सिर्फ खून से नहीं बनते, महोब्बत से भी बनते हैं और उनमें ज्यादा ताकत होती है। प्यार के लिए पूरी उम्र नहीं, बल्कि कुछ पल ही काफी हैं, जो आपको जिंदगीभर का एहसास दे जाते हैं।तो बस इन्हीं हंसते-रुलाते रिश्तों की कहानी है रॉकी और रानी की प्रेम कहानी।

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