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जंतर-मंतर: क्या महिला पहलवानों के आंसू बदल देंगे आंदोलन की दिशा? 

23 अप्रैल से दोबारा धरने पर बैठे कुश्ती पहलवानों ने बीती रात पुलिस पर मारपीट और महिला पहलवानों के साथ बुरी तरह से पेश आने का आरोप लगाया, जिसके बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान, छात्र संगठन, महिला संगठन, पहलवान और वकीलों के साथ ही आम लोग जंतर-मंतर पर पहुंच कर धरने को समर्थन दे रहे हैं। 
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आंखों से गिरने वाले आंसुओं की ताकत क्या होती है ये सरकार एक बार पहले भी देख चुकी है। किसान आंदोलन के दौरान राकेश टिकैत की आंखों से आंसुओं को गिरते देख पूरे देश में उबाल आ गया था और देशभर के किसानों ने दिल्ली कूच किया था। इसके बाद की कहानी सबको मालूम है कि सरकार को आख़िरकार किसान और जनविरोधी क़ानूनों को वापस लेना ही पड़ा। 

imageदिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन जंतर-मंतर पहुंचे

एक बार फिर वही कहानी दोहराई जा रही है बुधवार रात दिल्ली का जंतर-मंतर हाई वोल्टेज घटनाक्रमों का साक्षी रहा। कुश्ती में देश के लिए ओलंपिक में मेडल लाने वाली साक्षी मलिक को जिसने भी बिलख कर रोते हुए देखा होगा उसकी कल रात कुछ बोझिल हो गई होगी। 

साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट बदहवास रोती हुई नज़र आईं, जबकि बजरंग पूनिया बेहद गुस्से में दिखे। धरने पर बैठे पहलवानों ने पुलिस पर मारपीट और महिला पहलवानों के साथ बुरी तरह से पेश आने का आरोप लगाया। ये सारा हंगामा उस वक़्त शुरू हुआ जब बारिश की वजह से धरना स्थल पर पानी भर गया था और सोने के लिए फोल्डिंग चारपाई लाई गई थी। आरोप है कि पुलिस वालों ने इन फोल्डिंग चारपाई को अंदर जाने से रोकने की कोशिश की और इसी दौरान अचानक अफरा-तरफी का माहौल बन गया। इस हंगामे और हाथापाई के दौरान दो लोगों को चोट भी आई।  

जिन्हें चोट लगी है उनमें एक किसान यूनियन से जुड़े राहुल यादव हैं और दूसरे दुष्यंत फोगाट ( विनेश फोगाट के भाई )। राहुल ने न्यूज़क्लिक को बीती रात क्या हुआ था बताया '' विनेश फोगाट के बाल पकड़ के खींचे गए, गाली गलौज की, पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी, उन्होंने मेरे फोल्डिंग खींच कर मारी जो मेरे सिर पर आकर लगी''

imageबीती रात जिसके सिर पर चोट लगी

इस पूरे घटनाक्रम से आहत बजरंग पूनिया ने अपने पदक लौटाने की बात कही। साथ ही देशवासियों से उनकी इस आत्मसम्मान की लड़ाई में साथ देने की गुज़ारिश की। 

बीती रात क़रीब 11 बजे ये सारा हंगामा शुरू हुआ, हंगामे की तस्वीर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई कई बड़े नेताओं के साथ ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पहुंची लेकिन उन्हें धरना स्थल पर जाने से रोक दिया गया। 

स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि '' बृजभूषण एक गुंडा है जिसे जेल से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने आज ये हाल कर रखा है कि ओलंपिक रेसलर आज सड़कों पर बैठी हैं और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को हिरासत में लिया जा रहा है''। हालांकि सुबह वे एक बार फिर जंतर-मंतर पर पहुंची और महिला पहलवानों से मुलाकात की। 

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी बुधवार रात को जंतर-मंतर पहुंचे थे लेकिन उन्हें भी जाने से रोक दिया गया और हिरासत में ले लिया। 

लेकिन आज गुरुवार दोपहर दीपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर जंतर-मंतर पहुंचे और धरने पर बैठे पहलवानों से मिलकर उनसे बातचीत की और धरने को समर्थन दिया। 

आज पूरा दिन दिल्ली के जंतर-मंतर पर तमाम नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। शाम को किसान नेता राकेश टिकैत भी जंतर मंतर पहुंचे। लेकिन ख़ास लोगों के साथ ही बजरंग पूनिया की पुकार पर दिल्ली के आस-पास से लोग भी जंतर-मंतर पर पहुंच रहे हैं, हालांकि दिल्ली से लगने वाले बॉर्डर पर कई जगह पुलिस के द्वारा धरने में शामिल होने आ रहे लोगों को रोकने की भी ख़बरें आ रही हैं। 

पुलिस-प्रशासन ने भले ही लाख कोशिश की लेकिन दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई किसान संगठन, छात्र संगठन, महिला संगठन, वकीलों से जुड़े ग्रुप, खाप पंचायत से जुड़े नेता, पहलवानों के ग्रुप पहुंच रहे हैं और कल रात की घटना के खिलाफ विरोध दर्ज करवा रहे हैं। 

imageधरने में आए बुजुर्ग किसान

जहां एक तरफ़ जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों के लिए नारे लग रहे थे ''बेटियों के आंसू टपक रहे हैं हमारे दिल धड़क रहे हैं'' वहीं दूसरी तरफ हर किसी की सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई पर नज़र बनी हुई थी। दोपहर तक फैसला आ गया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अपने यहां केस को बंद करते हुए निचली अदालत में जाने के निर्देश दिए। 

हालांकि कोर्ट के इस फैसले से जंतर-मंतर पर कोई भी निराश नहीं दिखा इस मामले पर हमने भारतीय भीम अवार्डी, अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति( एडवा ) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगमति सांगवान से बातचीत की उन्होंने कहा कि '' सुप्रीम कोर्ट में जब FIR के लिए बोला था वे एक बहुत बड़ी बात थी लेकिन अब जब उन्होंने बोला है कि निचली कोर्ट में जाएं तो निचली कोर्ट में भी लड़ा जाएगा और ये आंदोलन सड़क पर लड़ा जाएगा, अब ये आह्वान किया गया है कि किसान आंदोलन की तरह इस आंदोलन को आगे बढ़ाया जाए, ये आंदोलन जन के सहयोग से लड़े जाएंगे और इसमें जितनी और जहां से भी क़ानूनी मदद की ज़रूरत होगी उसे लिया जाएगा छोड़ा नहीं जाएगा''

imageजगमति सांगवान, एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष 

वहीं इस मामले पर हमने NFIW( National Federation of Indian Women, Chandigarh की नेशनल सेक्रेटरी डॉ. कंवलजीत  ढिल्लों से बात की उन्होंने कहा कि '' हम अपनी बेटियों के लिए जो पहलवान हैं उनके धरने को समर्थन देने के लिए आए हैं, हम मोदी सरकार की आलोचना करते हैं जो उनका रवैया है और इनको जल्द से जल्द इंसाफ मिलना चाहिए जो उनका अधिकार है।'' 
वे बीती रात की घटना पर कहती हैं कि '' ये तो बर्बरता है, एक तानाशाह सरकार ही ऐसा कर सकती है और कोई नहीं कर सकता ये कहते हैं कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' हमने बेटी पढ़ा भी ली और बचा भी ली लेकिन वे जब देश का मान बनती हैं तो सत्ता के गलियारों में बैठे हुए लोग उनसे ज्यादती करते हैं, ये उनको इंसान नहीं समझते, हम बेटियां सम्मान से जीने का हक चाहती हैं''। 

imageNFIW से जुड़ी कार्यकर्ता

भारी संख्या में महिला संगठन जंतर-मंतर पर पहुंच कर महिला पहलवानों के साथ बीती रात हुई घटना की आलोचना कर रही थीं और जल्द से जल्द बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग कर रही थीं। AIMSS ( ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन ) की दिल्ली राज्य सचिव रितु कौशिक ने कहा कि '' कल रात जिस तरह से महिला रेसलर के साथ पुलिस ने हाथापाई की है उनके बाल खींचे हैं, गाली गलौज की है, रात के अंधेरे में ये सब किया गया जब धरना स्थल पर बहुत कम लोग होते हैं तब ये सब किया गया पूरा दिन जब यहां भीड़ होती है तब उनकी हिम्मत नहीं हुई, उसके विरोध में पूरे देश की जनता यहां पहुंच रही है, और इसी कड़ी में AIMSS भी यहां पहुंचा है और हम मांग करते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह जो BJP के MP हैं वे सरकार के लिए इतने अहम हो गए हैं कि पूरे देश की महिलाएं एक तरफ हैं और बृजभूषण शरण सिंह एक तरफ है तो हम मांग करते हैं कि उनकी तुरंत गिरफ़्तारी हो और उनके पास जो भी पद हैं उससे उन्हें हटा दिया जाए''

imageAIMSS से जुड़ी कार्यकर्ता

दिल्ली की अलग-अलग यूनिवर्सिटी के छात्र भी आज जंतर-मंतर पर पहुंचे, कल दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों के ज़ोरदार प्रदर्शन के दौरान कई छात्राओं को गंभीर चोट भी आई थी उन्हीं में से एक छात्रा जिसका पैर टूट गया था वे प्लास्टर लगे पैर के साथ धरना स्थल पर पहुंची और महिला पहलवानों के धरने को समर्थन दिया,  'क्रांतिकारी युवा संगठन' से जुड़ी प्रिया ने कहा कि '' जो महिलाएं देश का मान बढ़ाती हैं वे तक सुरक्षित नहीं, वे फिर भी अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए धरने पर बैठी हैं लेकिन यहां भी उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है लेकिन फिर भी वे डटी हैं और उनकी इसी हिम्मत को देखकर मैं उनके धरने को समर्थन देने यहां पहुंची हूं''

imageDU की छात्रा जिनका कल प्रदर्शन के दौरान पैर टूट गया 

वहीं छात्र संगठन आइसा से जुड़ी छात्रा श्रेया ने कहा कि '' ये महिला रेसलर धरने पर बैठी हैं इन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है कल रात उन्हें मैन हैंडल किया गया, उनके साथ बदतमीजी भी की गई, तो हम देखते हैं कि बीजेपी सरकार, पूरा प्रशासन एक यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपी को बचाने में लगा हुआ है, ये खिलाड़ी जब गोल्ड मेडल लेकर आती हैं तो देश की बेटियां हो जाती हैं लेकिन जब ये कोई आरोप लगाती हैं तो उल्टे उन्हीं के साथ धरना स्थल पर बदतमीजी होती है, उन्हें इंसाफ नहीं दिया जाता, उनसे इंसाफ पाने का अधिकार भी छीनने की कोशिश होती है''। 

imageछात्र संगठन आइसा से जुड़े कार्यकर्ता

वहीं मेवात से पहुंचे पहलवानों के एक ग्रुप ने कहा कि '' रात को जो महिला पहलवानों के साथ घटना हुई है उससे हम बहुत दुखी हुए हैं, जैसे ही हमें ये बात पता चली हम रात को ही आने को तैयार थे लेकिन जिस तरह से पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी है उससे थोड़ी मुश्किल हो रही थी लेकिन हम फिर भी नहीं रुके हम पहलवान एकता का संदेश देने के लिए यहां पहुंचे हैं''। 

imageमेवात से आए पहलवानों का ग्रुप

वहीं खाप से जुड़े चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि '' बीती रात जो भी  हुआ है वे शर्मसार करने वाली घटना है, ये घटना नहीं होनी चाहिए थी, ये लोग न्याय की उम्मीद लेकर यहां बैठे हैं, और शांतिपूर्ण तरीके से 11 दिन से यहां आंदोलन चल रहा है, लेकिन इस तरह की घटना पूरे देश को समाज को शर्मसार करने वाली है, एक तरफ तो दोषी व्यक्ति के ऊपर कार्रवाई नहीं होती उसे गिरफ़्तार नहीं किया जाता लेकिन जो पक्ष न्याय की उम्मीद लेकर यहां बैठा है उसी को प्रताड़ित किया जा रहा है, उसी का खाना रोका जाता है, उसी का बिस्तर रोका जाता है, उसकी लाइट काटी जाती है इससे बड़ा दुर्भाग्य देश का क्या हो सकता है ? हम साफ करते हैं कि या तो सरकार मान जाए बृजभूषण को गिरफ़्तार कर ले, उसको सभी पदों से हटा दे वर्ना सरकार भुगतने के लिए तैयार हो जाए देशभर के लोग यहां के आदेश का इंतजार कर रहे हैं''

imageचौधरी सोलंकी ( खाप नेता ) 

 भारतीय किसान यूनियन हरियाणा से भी किसान जंतर-मंतर पहुंचे और उन्होंने कहा कि '' हम ट्रेनों से आए हैं और सैकड़ों की संख्या में आए हैं, हम तीन रूट से आए हैं एक हिसार, कैथल, और चंडीगढ़-अंबाला-दिल्ली वाली लाइन से, ऐसा लगता है कि सरकार एक बार फिर लंबा आंदोलन चलाने पर मजबूर कर रही है वे देखना चाहती है कि इन खिलाड़ियों का मनोबल कितना मज़बूत है, अगर ये अपने मनोबल की बदौलत देश के लिए सोना ला सकते हैं, अपने शरीर को लोहा बनाकर देश को सोना दिलाते हैं तो इनके पास बहुत बड़ी हिम्मत होगी ये सरकार को याद रखा चाहिए''। 

imageकिसानों का जत्था जंतर-मंतर पहुंचा

कहते हैं इतिहास ख़ुद को दोहराता है लेकिन 2014 के बाद इतिहास ख़ुद को कुछ जल्दी-जल्दी दोहरा रहा है, शाहीन बाग़ से निकली लौ ने किसान आंदोलन को राह दिखाई और जिस तरह से आज जंतर-मंतर पर लोगों को नाइंसाफी के खिलाफ एकजुट होते देखा वे इस बात की आहट लगता है कि अगर जल्द ही ये मसला नहीं सुलझा तो वाकई आंदोलन लंबा खिंचने वाला है। 

imageकिसानों की तरफ से सेवा करते एक बुजुर्ग किसान

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