जंतर-मंतर: क्या महिला पहलवानों के आंसू बदल देंगे आंदोलन की दिशा?

आंखों से गिरने वाले आंसुओं की ताकत क्या होती है ये सरकार एक बार पहले भी देख चुकी है। किसान आंदोलन के दौरान राकेश टिकैत की आंखों से आंसुओं को गिरते देख पूरे देश में उबाल आ गया था और देशभर के किसानों ने दिल्ली कूच किया था। इसके बाद की कहानी सबको मालूम है कि सरकार को आख़िरकार किसान और जनविरोधी क़ानूनों को वापस लेना ही पड़ा।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन जंतर-मंतर पहुंचे
एक बार फिर वही कहानी दोहराई जा रही है बुधवार रात दिल्ली का जंतर-मंतर हाई वोल्टेज घटनाक्रमों का साक्षी रहा। कुश्ती में देश के लिए ओलंपिक में मेडल लाने वाली साक्षी मलिक को जिसने भी बिलख कर रोते हुए देखा होगा उसकी कल रात कुछ बोझिल हो गई होगी।
VIDEO | More visuals from Delhi's Jantar Mantar where a scuffle broke out between protesting wrestlers and cops at midnight. pic.twitter.com/MEStwJS7u4
— Press Trust of India (@PTI_News) May 3, 2023
साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट बदहवास रोती हुई नज़र आईं, जबकि बजरंग पूनिया बेहद गुस्से में दिखे। धरने पर बैठे पहलवानों ने पुलिस पर मारपीट और महिला पहलवानों के साथ बुरी तरह से पेश आने का आरोप लगाया। ये सारा हंगामा उस वक़्त शुरू हुआ जब बारिश की वजह से धरना स्थल पर पानी भर गया था और सोने के लिए फोल्डिंग चारपाई लाई गई थी। आरोप है कि पुलिस वालों ने इन फोल्डिंग चारपाई को अंदर जाने से रोकने की कोशिश की और इसी दौरान अचानक अफरा-तरफी का माहौल बन गया। इस हंगामे और हाथापाई के दौरान दो लोगों को चोट भी आई।
🚨 Exclusive Breaking:
Sakshi Malik reveals how the scuffle broke out between the police and the wrestlers last night at #JantarMantar @BajrangPunia @Phogat_Vinesh @SakshiMalik #WrestlersProtest
pic.twitter.com/AipcONIOcQ— Boria Majumdar (@BoriaMajumdar) May 4, 2023
जिन्हें चोट लगी है उनमें एक किसान यूनियन से जुड़े राहुल यादव हैं और दूसरे दुष्यंत फोगाट ( विनेश फोगाट के भाई )। राहुल ने न्यूज़क्लिक को बीती रात क्या हुआ था बताया '' विनेश फोगाट के बाल पकड़ के खींचे गए, गाली गलौज की, पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी, उन्होंने मेरे फोल्डिंग खींच कर मारी जो मेरे सिर पर आकर लगी''
बीती रात जिसके सिर पर चोट लगी
इस पूरे घटनाक्रम से आहत बजरंग पूनिया ने अपने पदक लौटाने की बात कही। साथ ही देशवासियों से उनकी इस आत्मसम्मान की लड़ाई में साथ देने की गुज़ारिश की।
#WATCH | Delhi: If this is how the wrestlers will be treated, what will we do with the medals? Rather we will live a normal life & return all the medals & awards to the Indian Government: Wrestler Bajrang Punia at Jantar Mantar pic.twitter.com/mvXqqiFVpR
— ANI (@ANI) May 4, 2023
बीती रात क़रीब 11 बजे ये सारा हंगामा शुरू हुआ, हंगामे की तस्वीर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई कई बड़े नेताओं के साथ ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पहुंची लेकिन उन्हें धरना स्थल पर जाने से रोक दिया गया।
देर रात जब पहलवानों ने हिंसा और बदसलूकी की शिकायत हमें दी तो अपनी संविधानिक ज़िम्मेदारी निभाते हुए जंतर मंतर उनसे मिलने पहुँची थी। क्या ये वीडियो में सब साफ़ नहीं है? https://t.co/4HUiRszyAh pic.twitter.com/Akj7NfURX4
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) May 4, 2023
स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि '' बृजभूषण एक गुंडा है जिसे जेल से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस ने आज ये हाल कर रखा है कि ओलंपिक रेसलर आज सड़कों पर बैठी हैं और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष को हिरासत में लिया जा रहा है''। हालांकि सुबह वे एक बार फिर जंतर-मंतर पर पहुंची और महिला पहलवानों से मुलाकात की।
VIDEO | Delhi VIDEO | Swati Maliwal, Chairperson of Delhi Commission for Women, reaches Jantar Mantar to support protesting wrestlers. pic.twitter.com/iWgVu4chBs
— Press Trust of India (@PTI_News) May 4, 2023
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी बुधवार रात को जंतर-मंतर पहुंचे थे लेकिन उन्हें भी जाने से रोक दिया गया और हिरासत में ले लिया।
देश की बेटियों के साथ दिल्ली पुलिस के अत्याचार की जानकारी होते ही कांग्रेस सांसद @DeependerSHooda जी मौके पर पहुंचे.
तानाशाह की पुलिस ने उन्हें हिरासत में रखा है.
देश की बेटियों के साथ कांग्रेस मज़बूती से खड़ी है.
साफ संदेश है- डरो मत, हम साथ हैं. pic.twitter.com/V5vtOVXCv3— Congress (@INCIndia) May 3, 2023
लेकिन आज गुरुवार दोपहर दीपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर जंतर-मंतर पहुंचे और धरने पर बैठे पहलवानों से मिलकर उनसे बातचीत की और धरने को समर्थन दिया।
जब खिलाड़ी धरने पर कल रात की दुर्भाग्यपूर्ण पुलिस कार्यवाही के बाद अंततः आज जंतर-मंतर खिलाड़ियों के बीच पहुँचा तब पहलवान भाई राहुल यादव जो कल रात चोटिल हुए थे उनका भी हाल-चाल जाना। pic.twitter.com/fNvYeGyhKu
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) May 4, 2023
आज पूरा दिन दिल्ली के जंतर-मंतर पर तमाम नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। शाम को किसान नेता राकेश टिकैत भी जंतर मंतर पहुंचे। लेकिन ख़ास लोगों के साथ ही बजरंग पूनिया की पुकार पर दिल्ली के आस-पास से लोग भी जंतर-मंतर पर पहुंच रहे हैं, हालांकि दिल्ली से लगने वाले बॉर्डर पर कई जगह पुलिस के द्वारा धरने में शामिल होने आ रहे लोगों को रोकने की भी ख़बरें आ रही हैं।
किसानों को दिल्ली प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा..दिल्ली बॉर्डर पर भारी पुलिस तैनात किसान आंदोलन के हालत बनते जा रहे हैं..बुवाना जीटी रोड पर हुई गिरफ़्तारी..हमारे साथियों को गिरफ्तार किया जा रहा है..किसान साथियों से अपील अकेल ना निकले जत्थे में आये.!#देश_पहलवानों_के_साथ_है pic.twitter.com/uOxwmRNJrs
— HIMMAT SINGH GURJAR -हिम्मत सिंह गुर्जर (@himmatsinghgur1) May 4, 2023
पुलिस-प्रशासन ने भले ही लाख कोशिश की लेकिन दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई किसान संगठन, छात्र संगठन, महिला संगठन, वकीलों से जुड़े ग्रुप, खाप पंचायत से जुड़े नेता, पहलवानों के ग्रुप पहुंच रहे हैं और कल रात की घटना के खिलाफ विरोध दर्ज करवा रहे हैं।
धरने में आए बुजुर्ग किसान
जहां एक तरफ़ जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों के लिए नारे लग रहे थे ''बेटियों के आंसू टपक रहे हैं हमारे दिल धड़क रहे हैं'' वहीं दूसरी तरफ हर किसी की सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई पर नज़र बनी हुई थी। दोपहर तक फैसला आ गया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अपने यहां केस को बंद करते हुए निचली अदालत में जाने के निर्देश दिए।
The Supreme Court on Thursday closed the petition filed by three women wrestlers, who have represented the country in prestigious international events, taking note of the fact that FIRs have been registered by the Delhi Police against Wrestling Federation of India (WFI) president… pic.twitter.com/zPZZt0OpMy
— Live Law (@LiveLawIndia) May 4, 2023
हालांकि कोर्ट के इस फैसले से जंतर-मंतर पर कोई भी निराश नहीं दिखा इस मामले पर हमने भारतीय भीम अवार्डी, अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति( एडवा ) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगमति सांगवान से बातचीत की उन्होंने कहा कि '' सुप्रीम कोर्ट में जब FIR के लिए बोला था वे एक बहुत बड़ी बात थी लेकिन अब जब उन्होंने बोला है कि निचली कोर्ट में जाएं तो निचली कोर्ट में भी लड़ा जाएगा और ये आंदोलन सड़क पर लड़ा जाएगा, अब ये आह्वान किया गया है कि किसान आंदोलन की तरह इस आंदोलन को आगे बढ़ाया जाए, ये आंदोलन जन के सहयोग से लड़े जाएंगे और इसमें जितनी और जहां से भी क़ानूनी मदद की ज़रूरत होगी उसे लिया जाएगा छोड़ा नहीं जाएगा''
जगमति सांगवान, एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
वहीं इस मामले पर हमने NFIW( National Federation of Indian Women, Chandigarh की नेशनल सेक्रेटरी डॉ. कंवलजीत ढिल्लों से बात की उन्होंने कहा कि '' हम अपनी बेटियों के लिए जो पहलवान हैं उनके धरने को समर्थन देने के लिए आए हैं, हम मोदी सरकार की आलोचना करते हैं जो उनका रवैया है और इनको जल्द से जल्द इंसाफ मिलना चाहिए जो उनका अधिकार है।''
वे बीती रात की घटना पर कहती हैं कि '' ये तो बर्बरता है, एक तानाशाह सरकार ही ऐसा कर सकती है और कोई नहीं कर सकता ये कहते हैं कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' हमने बेटी पढ़ा भी ली और बचा भी ली लेकिन वे जब देश का मान बनती हैं तो सत्ता के गलियारों में बैठे हुए लोग उनसे ज्यादती करते हैं, ये उनको इंसान नहीं समझते, हम बेटियां सम्मान से जीने का हक चाहती हैं''।
NFIW से जुड़ी कार्यकर्ता
भारी संख्या में महिला संगठन जंतर-मंतर पर पहुंच कर महिला पहलवानों के साथ बीती रात हुई घटना की आलोचना कर रही थीं और जल्द से जल्द बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी की मांग कर रही थीं। AIMSS ( ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन ) की दिल्ली राज्य सचिव रितु कौशिक ने कहा कि '' कल रात जिस तरह से महिला रेसलर के साथ पुलिस ने हाथापाई की है उनके बाल खींचे हैं, गाली गलौज की है, रात के अंधेरे में ये सब किया गया जब धरना स्थल पर बहुत कम लोग होते हैं तब ये सब किया गया पूरा दिन जब यहां भीड़ होती है तब उनकी हिम्मत नहीं हुई, उसके विरोध में पूरे देश की जनता यहां पहुंच रही है, और इसी कड़ी में AIMSS भी यहां पहुंचा है और हम मांग करते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह जो BJP के MP हैं वे सरकार के लिए इतने अहम हो गए हैं कि पूरे देश की महिलाएं एक तरफ हैं और बृजभूषण शरण सिंह एक तरफ है तो हम मांग करते हैं कि उनकी तुरंत गिरफ़्तारी हो और उनके पास जो भी पद हैं उससे उन्हें हटा दिया जाए''
AIMSS से जुड़ी कार्यकर्ता
दिल्ली की अलग-अलग यूनिवर्सिटी के छात्र भी आज जंतर-मंतर पर पहुंचे, कल दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों के ज़ोरदार प्रदर्शन के दौरान कई छात्राओं को गंभीर चोट भी आई थी उन्हीं में से एक छात्रा जिसका पैर टूट गया था वे प्लास्टर लगे पैर के साथ धरना स्थल पर पहुंची और महिला पहलवानों के धरने को समर्थन दिया, 'क्रांतिकारी युवा संगठन' से जुड़ी प्रिया ने कहा कि '' जो महिलाएं देश का मान बढ़ाती हैं वे तक सुरक्षित नहीं, वे फिर भी अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए धरने पर बैठी हैं लेकिन यहां भी उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता है लेकिन फिर भी वे डटी हैं और उनकी इसी हिम्मत को देखकर मैं उनके धरने को समर्थन देने यहां पहुंची हूं''
DU की छात्रा जिनका कल प्रदर्शन के दौरान पैर टूट गया
वहीं छात्र संगठन आइसा से जुड़ी छात्रा श्रेया ने कहा कि '' ये महिला रेसलर धरने पर बैठी हैं इन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है कल रात उन्हें मैन हैंडल किया गया, उनके साथ बदतमीजी भी की गई, तो हम देखते हैं कि बीजेपी सरकार, पूरा प्रशासन एक यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपी को बचाने में लगा हुआ है, ये खिलाड़ी जब गोल्ड मेडल लेकर आती हैं तो देश की बेटियां हो जाती हैं लेकिन जब ये कोई आरोप लगाती हैं तो उल्टे उन्हीं के साथ धरना स्थल पर बदतमीजी होती है, उन्हें इंसाफ नहीं दिया जाता, उनसे इंसाफ पाने का अधिकार भी छीनने की कोशिश होती है''।
छात्र संगठन आइसा से जुड़े कार्यकर्ता
वहीं मेवात से पहुंचे पहलवानों के एक ग्रुप ने कहा कि '' रात को जो महिला पहलवानों के साथ घटना हुई है उससे हम बहुत दुखी हुए हैं, जैसे ही हमें ये बात पता चली हम रात को ही आने को तैयार थे लेकिन जिस तरह से पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी है उससे थोड़ी मुश्किल हो रही थी लेकिन हम फिर भी नहीं रुके हम पहलवान एकता का संदेश देने के लिए यहां पहुंचे हैं''।
मेवात से आए पहलवानों का ग्रुप
वहीं खाप से जुड़े चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि '' बीती रात जो भी हुआ है वे शर्मसार करने वाली घटना है, ये घटना नहीं होनी चाहिए थी, ये लोग न्याय की उम्मीद लेकर यहां बैठे हैं, और शांतिपूर्ण तरीके से 11 दिन से यहां आंदोलन चल रहा है, लेकिन इस तरह की घटना पूरे देश को समाज को शर्मसार करने वाली है, एक तरफ तो दोषी व्यक्ति के ऊपर कार्रवाई नहीं होती उसे गिरफ़्तार नहीं किया जाता लेकिन जो पक्ष न्याय की उम्मीद लेकर यहां बैठा है उसी को प्रताड़ित किया जा रहा है, उसी का खाना रोका जाता है, उसी का बिस्तर रोका जाता है, उसकी लाइट काटी जाती है इससे बड़ा दुर्भाग्य देश का क्या हो सकता है ? हम साफ करते हैं कि या तो सरकार मान जाए बृजभूषण को गिरफ़्तार कर ले, उसको सभी पदों से हटा दे वर्ना सरकार भुगतने के लिए तैयार हो जाए देशभर के लोग यहां के आदेश का इंतजार कर रहे हैं''
चौधरी सोलंकी ( खाप नेता )
भारतीय किसान यूनियन हरियाणा से भी किसान जंतर-मंतर पहुंचे और उन्होंने कहा कि '' हम ट्रेनों से आए हैं और सैकड़ों की संख्या में आए हैं, हम तीन रूट से आए हैं एक हिसार, कैथल, और चंडीगढ़-अंबाला-दिल्ली वाली लाइन से, ऐसा लगता है कि सरकार एक बार फिर लंबा आंदोलन चलाने पर मजबूर कर रही है वे देखना चाहती है कि इन खिलाड़ियों का मनोबल कितना मज़बूत है, अगर ये अपने मनोबल की बदौलत देश के लिए सोना ला सकते हैं, अपने शरीर को लोहा बनाकर देश को सोना दिलाते हैं तो इनके पास बहुत बड़ी हिम्मत होगी ये सरकार को याद रखा चाहिए''।
किसानों का जत्था जंतर-मंतर पहुंचा
कहते हैं इतिहास ख़ुद को दोहराता है लेकिन 2014 के बाद इतिहास ख़ुद को कुछ जल्दी-जल्दी दोहरा रहा है, शाहीन बाग़ से निकली लौ ने किसान आंदोलन को राह दिखाई और जिस तरह से आज जंतर-मंतर पर लोगों को नाइंसाफी के खिलाफ एकजुट होते देखा वे इस बात की आहट लगता है कि अगर जल्द ही ये मसला नहीं सुलझा तो वाकई आंदोलन लंबा खिंचने वाला है।
किसानों की तरफ से सेवा करते एक बुजुर्ग किसान
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