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25 वर्षों से केरल की महिलाओं को सशक्त बनाता, उनका जीवन बदलता कुडुम्ब्श्री

46 लाख सदस्यों वाली कुडुम्ब्श्री महिला नेटवर्क ने ग़रीबी उन्मूलन से लेकर व्यवसायों और सामुदायिक सशक्तिकरण की अपनी यात्रा को पूरा किया है।
Kudumbashree
कार्यक्रम के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सीडीएस को नकद पुरस्कार और ट्राफियां प्रदान की गईं, चित्र सौजन्य: कुडुम्ब्श्री

कुडुम्ब्श्री, केरल स्थित महिलाओं का एशिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसने 17 मई को अपनी रजत जयंती मनाते हुए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर पार कर लिया है। साल भर चलने वाले उत्सव का समापन तिरुवनंतपुरम में एक शानदार तीन दिवसीय कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसमें एक विशाल सार्वजनिक सभा हुई।

संगठन ने अपनी 25 वर्षों की यात्रा में महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान में सुधार करने के साथ कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समूह की सफलता को इसकी विविध सदस्यता के लिए भी जिम्मेदार ठहराया गया है, जो धार्मिक और सांप्रदायिक सीमाओं को लांघते हुए आगे बढ़ी है।

ई के नयनार के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार ने राज्य में गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को सामने रखते हुए 17 मई, 1998 को कुडुम्ब्श्री की स्थापना की थी, जिसके डोमेन में विविध काम हुए। इसमें आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और महिला सशक्तिकरण के तीन मुख्य क्षेत्र शामिल हैं।

संगठन के योगदान और उपलब्धियों को सराहते हुए, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने संगठन के स्थापना दिवस को 'कुडुम्बश्री दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की है।

संगठन अगले 25 वर्षों के लिए तय नए लक्ष्यों के साथ, सुधार और पुनर्गठन की योजना बनाई गई है और युवा महिलाओं को अपने पाले में शामिल किया है। इसमें 3,09,667 पड़ोस समूहों (एनएचजी), 19,470 क्षेत्र विकास समितियों (एडीएस) और 1,070 सामुदायिक विकास समितियों (सीडीएस) के साथ त्रि-स्तरीय संरचना है।

कुडुम्ब्श्री की 76 वर्षीय वरिष्ठ सदस्य वसंती ने जनसभा में उपस्थित लोगों का स्वागत किया। (छवि सौजन्य: कुडुम्ब्श्री)

'एक वैश्विक मॉडल'

विभिन्न समूहों से जुड़े लगभग 50 लाख सदस्यों के साथ कुडुम्ब्श्री ने राज्य के 50 प्रतिशत  परिवारों के जीवन को छुआ है। संगठन महिलाओं और उनके परिवारों की आजीविका बढ़ाने, स्वास्थ्य, स्वच्छता, सामाजिक विकास और राजनीतिक क्षेत्र सहित विभिन्न कार्य करता है।

एनएचजी, कुडुम्ब्श्री संगठनात्मक संरचना का मौलिक समूह है, जिसमें पड़ोस की 10-20 महिलाएं शामिल होती हैं, जबकि स्थानीय स्वशासन (एलएसजी) के एक वार्ड में एनएचजी एडीएस बनाते हैं। सीडीएस एक विशेष एलएसजी में सभी एडीएस की पंजीकृत सोसाइटी है। एनएचजी में आय सृजन, सामुदायिक स्वास्थ्य-शिक्षा और बुनियादी ढांचे के लिए एक अध्यक्ष, सचिव और तीन सहयोगी होते हैं।

एडीएस की जनरल काउंसिल में इससे जुड़े विभिन्न एनएचजी के सभी पांच निर्वाचित सदस्य शामिल हैं। इसके संचालन की देखरेख के लिए जनरल काउंसिल से सात सदस्यीय जनरल बॉडी का चुनाव किया जाता है। सीडीएस की अपनी जनरल बॉडी और संलग्न एडीएस से चुनी गई जनरल काउंसिल होती है।

अलाप्पुझा नगर पालिका और मलप्पुरम जिले के सात वार्डों में लागू होने से लेकर, कुडुम्ब्श्री राज्य के सभी एलएसजी में फैल गया है।

कुडुम्ब्श्री के उद्देश्यों को सूक्ष्म उद्यमों, उत्पादक कंपनियों, कृषि और विपणन पहलों, निराश्रित मुक्त केरल पर जोर देने के साथ सामाजिक विकास, जनजातीय विकास और बालासभा गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय आर्थिक विकास तक विस्तारित किया गया था। इनमें लैंगिक कार्यक्रमों और महिला-केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से विकलांगों और महिला सशक्तिकरण के लिए बीयूडीएस स्कूल भी शामिल हैं।

इसके अलावा, संगठन विशेष परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें राज्य सरकार की अट्टापडी परियोजना और कोच्चि मेट्रो, और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) जैसी केंद्र प्रायोजित परियोजनाएँ शामिल हैं।

गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे के प्रबंधन से लेकर आस-पड़ोस में बच्चों की देखभाल और स्वच्छता सुनिश्चित करने से लेकर 'जनकीय होटल' चलाने तक, संगठन ने अपने काम में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

कुडुम्ब्श्री केरल में सफल 3 स्तरीय पंचायत राज प्रणाली के समान एनएचजी, प्राथमिक समूहों, एडीएस और सीडीएस से बने 3 स्तरीय ढांचे का अनुसरण करता है (स्रोत: कुडुम्ब्श्री) (ग्राफिक्स: आर प्रकाश)

उद्यमिता कार्यक्रम, जिसे एलडीएफ सरकार ने शुरू किया था, के परिणामस्वरूप कुडुम्ब्श्री के सदस्यों द्वारा 5,000 नए सूक्ष्म उद्यम शुरू किए गए हैं।

सीएम पिनाराई विजयन ने समापन समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि, “प्रत्येक केरलवासी कुडुम्ब्श्री की गतिविधियों और उपलब्धियों पर गर्व कर सकता है। यह वह मॉडल है जिसे केरल ने देश और दुनिया को अनुसरण करने के लिए प्रदान किया है”।

विविध क्षेत्रों में कुडुम्ब्श्री की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ। (स्रोत: कुडुम्ब्श्री द्वारा प्रकाशित तिथि) (ग्राफिक्स: आर प्रकाश)

सरकार ने अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के अपने तत्काल लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए संगठन को आमंत्रित किया है, जो कि 0.71 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 25 प्रतिशत है।

”पिनाराई विजयन ने आगे कहा कि, “एलडीएफ सरकार का लक्ष्य 1 नवंबर, 2025 से पहले 64,006 परिवारों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकालना है, जिसके लिए कुडुम्ब्श्री को सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है। इस बीच, सरकार नए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए संगठन को हर संभव समर्थन देगी”।

कोझिकोड निगम ने स्वास्थ्य पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरी सीडीएस का पुरस्कार जीता (छवि सौजन्य: कुडुम्ब्श्री)

संगठन की विभिन्न गतिविधियों की सराहना करते हुए, मुख्यमंत्री ने हर साल 17 मई को 'कुडुम्बश्री दिवस' के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा भी की है। संगठनों के सदस्यों ने उक्त घोषणा का सकारात्मक स्वागत किया। 

 'सभी महिला पैनल का चर्चा' 

15 मई से शुरू हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम में, सभी महिला पैनलिस्टों के साथ सात पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं। अन्य कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और कुडुम्ब्श्री सदस्यों द्वारा नुक्कड़ नाटक शामिल थे।

अरुणा रॉय, पूर्व सिविल सरवेंट और सामाजिक कार्यकर्ता ने 'जलवायु चुनौती: सामुदायिक संस्थानों के रूप में महिलाओं की सामूहिक भूमिका' पर पैनल चर्चा में आभासी रूप से भाग लिया (छवि सौजन्य: कुडुम्ब्श्री)

पैनल चर्चा में निम्नलिखित विषयों शामिल थे: i) आत्म-अभिव्यक्ति और सामाजिक बदलाव  के माध्यम के रूप में कला, ii) सामाजिक बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में महिला उद्यमी, iii) अपराध और हिंसा का मुकाबला, iv) जलवायु चुनौती, v) जीवन की परिकल्पना इसकी पूर्णता: करियर की सीमाओं से परे, vi) महिलाओं की कार्रवाई को सक्षम बनाना: सामाजिक परिप्रेक्ष्य और कानूनी ढांचा और vii) रास्ते और समावेशी समाज: महिला एजेंसी की संभावनाएं और दुविधाएं।

'एनविजनिंग लाइफ इन इट्स फुलेस्ट: बियॉन्ड द कॉन्फाइन्स ऑफ करियर' पर पैनल चर्चा (छवि सौजन्य: कुडुम्ब्श्री)

कुडुम्ब्श्री की कार्यक्रम प्रबंधक भावना ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि, "हमने यह सुनिश्चित किया कि पैनलिस्ट सभी महिलाएं हों और सभी सात चर्चाओं में संगठन के सदस्यों के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो। हमने समसामयिक मुद्दों और चुनौतियों और महिलाओं के समूह के लिए संभावित समाधानों पर ध्यान केंद्रित किया।”

भावना ने कहा के मुताबिक, “आम तौर पर, कुडुम्ब्श्री के कर्मचारियों को आबादी के कुछ वर्गों के लिए होटल संचालक या कचरा संग्रहकर्ता के रूप में जाना जाता है। लेकिन उन्होंने वास्तविकता में उससे अधिक हासिल किया है, और इसलिए हम उन्हें अपने विचार व्यक्त करने के लिए पैनल में शामिल किया ताकि उनकी विशेषज्ञों के सामने अधिक उपस्थिति नज़र आए।" 

कुडुम्ब्श्री के सदस्य कोच्चि मेट्रो के संचालन और हाल ही में शुरू की गई कोच्चि वाटर मेट्रो की टिकटिंग और हाउसकीपिंग में भी शामिल हैं। हाल के वर्षों में हासिल विविधता को उजागर करते हुए, संगठन में उद्यमियों की संख्या बढ़कर 1.87 लाख हो गई है।

संगठन के कुछ नामों के साथ; ऑर्गेनिक प्लांट नर्सरी, बायो फार्मेसी, एग्री-न्यूट्री गार्डन, ई-सेवा केंद्र, शहरी सब्जी कियोस्क और ग्रामीण क्षेत्र के बाजार में काम करते हैं। कुछ सीडीएस आईटी इकाइयां संचालित करते हैं और मांस और अंडे का निर्यात करते हैं।

'सफलता के पीछे सामाजिक जिम्मेदारी और सद्भाव'

कुडुम्ब्श्री की सफलता के लिए जिम्मेदार एक अन्य कारक संगठन के सदस्यों द्वारा निभाई जाने वाली सामाजिक जिम्मेदारी और सद्भाव है। संगठन धीरे-धीरे गरीबी उन्मूलन से सदस्यों की आय में सुधार और विविध संचालन के लिए आगे बढ़ा है।

स्थानीय स्वशासन विभाग (एलएसजीडी) के मंत्री एम बी राजेश ने कहा कि, संगठन ने उनके जीवन में इस तरह का प्रभाव पैदा किया गया है कि “केरल में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को कुडुम्ब्श्री से पहले और कुडुम्ब्श्री के बाद परिभाषित किया जाएगा।” 

सामाजिक उत्तरदायित्व के अन्य तरीकों का पता लगाने के लिए सहायक समूहों और बालासभाओं का उद्घाटन, संगठन में युवा महिलाओं और बच्चों को शामिल करने के लिए किया गया।

राजेश ने कहा कि, “जिन्होंने महिलाओं द्वारा उपलब्धियों को दजर करने की क्षमता पर सवाल उठाया था, वे अब उनकी विशेषज्ञता देख रहे हैं। अब, हम अगले 25 वर्षों में इसकी बेहतरी के लिए संगठन का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। 18-40 आयु वर्ग की युवा महिलाएं उत्साहपूर्वक सहायक समूहों में शामिल हो रही हैं।

सीएम पिनाराई विजयन ने संगठन की भारी सफलता के कारणों में से एक राज्य के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को श्रेय दिया। “विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग कुडुम्ब्श्री का हिस्सा हैं। एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के नाते हमें सफलता की ओर बढ़ने में मदद मिली है जो आने वाले वर्षों में जारी रहनी चाहिए और राज्य के खिलाफ नकली प्रचार को पराजित करना चाहिए।”

मूल रुप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित रिर्पोट को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Kudumbashree: Empowering Women, Transforming Lives in Kerala for 25 Years

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