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मणिपुर: आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा; 8 ज़िलों में कर्फ्यू, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद!

आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर मणिपुर के आठ ज़िलों में बुधवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि "भाजपा की नफ़रत की राजनीति इसके लिए ज़िम्मेदार है।"
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फ़ोटो साभार: ट्विटर

इंफाल: मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है। सेना के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

आपको बता दें कि आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर मणिपुर के आठ ज़िलों में बुधवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।

गौरतलब है कि इंफाल घाटी में वर्चस्व रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर चुराचांदपुर ज़िले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई।

सेना के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 4,000 लोगों को सुरक्षाबलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

प्रवक्ता ने बताया कि रात में सेना और असम राइफल्स की मांग की गई थी और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया।

उन्होंने बताया, “स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है।”

इस मामले पर प्रसिद्ध महिला मुक्केबाज़ मैरी कॉम ने ट्वीट किया, “मेरा राज्य, मणिपुर जल रहा है”, मैरी कॉम ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह को टैग करते हुए मदद की अपील की।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मार्च में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया, जिसके दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़पें हुईं।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई बार आंसू गैस के गोले छोड़े।

उन्होंने बताया कि उत्तेजित युवकों को इंफाल पश्चिम ज़िले के कांचीपुर और घाटी में पूर्वी इंफाल के सोइबाम लीकाई इलाकों में इकट्ठा होते देखा गया।

उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और विष्णुपुर ज़िलों तथा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल ज़िलों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं पांच दिन के लिए निलंबित कर दी गईं हैं।

वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी की नफ़रत एवं विभाजन की राजनीति तथा सत्ता का उसका लोभ ज़िम्मेदार है।

उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए।

खरगे ने ट्वीट किया, "मणिपुर जल रहा है। भाजपा ने समुदायों के बीच दरार पैदा की है और इस खूबसूरत राज्य की शांति को भंग कर दिया है।''

उन्होंने आरोप लगाया, "भाजपा की नफ़रत और विभाजन की राजनीति तथा सत्ता का लोभ इस समस्या के लिए ज़िम्मेदार है।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हम सभी पक्षों के लोगों से संयम बरतने और शांति को एक मौका देने की अपील करते हैं।"

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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