Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया में ‘नींव दिल्ली फोर्सेस’ ने बाल देखरेख पर की चर्चा

चर्चा के दौरान कई महिलाओं ने बताया कि घर की स्थिति देखते हुए वे ख़ुद भी काम करना चाहती हैं लेकिन छोटे बच्चों के वजह से ये संभव नहीं हो पाता, इसलिए वे चाहती हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा शिशुगृह खोले जाएं।
Neenv-Delhi-Forces

बीते 12 अक्टूबर, 2023 को 'नींव दिल्ली फोर्सेस' ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में प्रारंभिक बाल देखरेख व विकास पर राज्य स्तरीय चर्चा का आयोजन किया गया। आपको बता दें, 'नींव दिल्ली फोर्सेस' दिल्ली के 45 गैर सरकारी संगठनों का एक फोरम है जो बाल अधिकारों के लिए काम करता है। नींव इस बैठक में अलग-अलग संगठनों के क़रीब 60 लोगों की भागीदारी रही। बैठक में विभिन्न संस्थाओं-समुदाय की महिलाओं समेत दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग से रंजना प्रसाद, अलाइंस ऑफ प्युपिल राइट (APR) से रीना बनर्जी, राइट ऑफ फूड कैम्पेन (RTF) से आयशा, माधवी (नेशनल एक्शन कोऑर्डिनेशन ग्रुप), कमल कंत पाठक (नेशनल कोऑर्डिनेटर, C20 – इंडिया), अशोक सिंह झा (एबी बालिका मेमोरियल ट्रस्ट), थानेश्वर दयाल अदिगौड़(NMAA) आदि शामिल रहे।

बैठक में चर्चा के दौरान मदनपुर खादर की निवासी कंचन (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उनके पति बेलदारी करते हैं, इस कारण से कभी काम लगता है कभी नहीं, जिससे घर खर्च चलाने मे काफी परेशानी आती है। कंचन खुद भी काम करना चाहती हैं लेकिन बच्चों के वजह से ये संभव नहीं हो पाता, इसलिए ये चाहती हैं कि क्रेच (माता-पिता की अनुपस्थिति में शिशुओं की देखभाल वाला स्‍थान; शिशुसदन या शिशुगृह) खोले जाएं जिससे ये कुछ काम कर सके। 

इसके अलावा शाहबाद डेरी में रहने वाली सीता (बदला हुआ नाम) ने बताया की "व्यवस्था कि बहुत कमी है। बड़े-बड़े नाले खुले हैं जिसमें बच्चे गिर जाते हैं। कुछ बच्चों की जान भी चली गई है।" ये चाहती हैं कि इनके इलाक़े में भी क्रेच खोले जाएं ताकि ये और इनके जैसी कई महिलाएं चिंता मुक्त हो कर काम करने जा सकें। 

इसके बाद नींव दिल्ली फोर्सेस के कन्वीनर अवधेश यादव ने बताया कि फोरम ने 11 जिले में 25 की संख्या में C-20 चौपाल कार्यक्रम किए जिसमें लगभग 1000 लोगों तक पहुंच बनी जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रारंभिक विकास की मांग रखी।

इसके साथ ही चर्चा में, C-20 चौपाल के दौरान किए गए कार्यो व महिलाओं की तरफ से आई मांगों को साझा किया गया जो इस प्रकार हैं:

* केंद्र मे स्टाफ की संख्या ज़्यादा हो और सरकार हर बस्ती मे पालना गृह शुरु करे

* बच्चों के लिए आउटडोर गेम की व्यवस्था हो, टीकाकारण एंव स्वास्थ्य जांच समय पर हो

* आगंनवाड़ी केंद्र मे बच्चों के लिय स्वच्छ पेजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा हो

* समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हो और गुणवत्तापूर्ण पोषणहार मिले। आंगनवाड़ी केंद्रो का समय समुदाय के काम के समय के अनुसार बढ़ाया जाए।

उपरोक्त सभी मांगों के संबंध में, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ भी बात की गई। इन मांगों पर रंजना प्रसाद (दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने कहा कि "मैं दिल्ली राज्य में पालना गृह खुलवाने के लिए प्रयास करूंगी और आगंनवाड़ी केंद्र में खेलकूद के स्थान के लिए नज़दीकी पार्क में व्यवस्था कराने की भी कोशिश करूंगी।"

नींव दिल्ली फोर्सेस की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज़ में, फोरम की समन्वयक कविता ने कार्यक्रम की सफलता के लिए संस्था के कार्य अध्यक्ष और सभी कार्यकारी अधिकारियों समेत चर्चा में शामिल लोगों और मीडिया को भी धन्यवाद कहा।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest