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सांसदों के निलंबन पर विपक्षी नेताओं का प्रदर्शन, सरकार पर ‘लोकतंत्र ख़त्म करने’ के प्रयास का आरोप

घटक दलों के कई प्रमुख नेताओं ने हालिया शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों से 146 सांसदों के निलंबन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया और सरकार पर ‘लोकतंत्र ख़त्म करने’ के प्रयास का आरोप लगाया।
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विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के कई प्रमुख नेताओं ने हालिया शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों से 146 सांसदों के निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार पर ‘लोकतंत्र खत्म करने’ के प्रयास का आरोप लगाया।

उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी नेता एकजुट हैं तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब अकेले कुछ नहीं कर सकते।

जंतर-मतंर पर आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा, द्रमुक नेता तिरुची शिवा और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।

खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘ मुझे इस बात का बहुत धक्का लगा कि उच्च संवैधानिक पद पर बैठे लोग कहते हैं कि 'मैं इस जाति का आदमी हूं, इसलिए मुझे अपमानित कर रहे हैं। हमें सदन में नोटिस तक नहीं पढ़ने दिया जाता, तो क्या मैं ये कहूं कि मोदी सरकार दलित को बोलने भी नहीं देती! ’’

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘अगर आपकी यह हालत यह है तो मेरे जैसे दलित की क्या हालत होगी।’’

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद परिसर में उनकी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा नकल उतारे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च सदन में बुधवार को कहा था कि संसद परिसर में उनकी नकल उतारकर किसान समाज और उनकी जाति (जाट) का अपमान किया गया है।

खरगे ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी जी और अमित शाह जी ने देश के लोकतंत्र और संविधान को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। ये लोग दलितों, मजदूरों, महिलाओं और किसानों को कुचलने का काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने देश को बचाने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया है।’’

खरगे ने कहा, ‘‘सभी विपक्षी दलों के नेता एकजुट हो गए हैं। अब मोदी जी अकेले कुछ नहीं कर सकते।’’

उन्होंने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘हम मोदी सरकार से डरने वाले नहीं हैं। कितनी भी कोशिश करो हमें मिट्टी में दबाने की, हम बीज हैं, बार-बार उगने की आदत है हमको।’’

खरगे ने कहा, ‘‘संविधान में हमें बोलने की आजादी मिली है। ये आजादी हमें महात्मा गांधी जी, जवाहर लाल नेहरू जी और डॉ. आंबेडकर जी ने दी है। विपक्षी सांसदों को आपने सदन से बाहर निकाल दिया और सारे कानूनों को बिना किसी विरोध के पारित कर लिया। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि संसद के हालिया शीतकालीन सत्र में विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करके न सिर्फ उनका अपमान किया गया, बल्कि देश की 60 प्रतिशत जनता का मुंह बंद कर दिया गया।

उन्होंने यह भी कहा कि लड़ाई नफरत और मोहब्बत के बीच है तथा भारतीय जनता पार्टी जितनी नफरत फैलाएगी, ‘इंडिया’ गठबंधन उतनी ही मोहब्बत, भाईचारा और एकता फैलाएगा।

राहुल गांधी ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में दो युवकों का कूदना सुरक्षा में चूक जरूर है, लेकिन इसका कारण बेरोजगारी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने युवाओं से रोजगार छीन लिया है।

राहुल गांधी का कहना था, ‘‘निलंबित सांसद सिर्फ व्यक्ति नहीं, बल्कि वे हिंदुस्तान की जनता की आवाज हैं। आपने (सरकार) सिर्फ (लगभग) 150 सांसदों का अपमान नहीं किया है, बल्कि 60 प्रतिशत जनता का मुंह बंद किया है।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार अग्निवीरों की भर्ती की योजना लाई और हिंदुस्तान के युवाओं से उनकी देशभक्ति की भावना छीन ली। जब युवा खड़े हुए कि हमें अग्निवीर नहीं चाहिए तो आपने उन्हें डराना शुरू कर दिया। अगर आप सोचते हो कि आप युवा को डरा सकते हैं, तो आपमें हिंदुस्तान की समझ नहीं है।’’

विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश की संसद को, प्रजातंत्र को बचाने के लिए जो कुछ कीमत देनी पड़ेगी, वो कीमत चुकाने के लिए सभी विपक्षी दल तैयार हैं।

उन्होंने दावा किया कि दलित, आदिवासी, युवा और किसान सभी दुखी हैं तथा भारतीय जनता पार्टी सभी समस्याओं की जड़ है।

पवार ने कहा, ‘‘प्रजातंत्र पर हमला करने वाली सांप्रदायिक शक्ति को हम सत्ता से दूर करेंगे।’’

सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया, ‘‘पूरे देश में जनतंत्र का कत्ल हो रहा है।अगली बार भाजपा जीत कर आएगी तो पता नहीं संसद रहेगी भी या नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर देश में जनतंत्र और संविधान को बचाना है तो हमें मोदी सरकार को सत्ता से दूर करना होगा।’’

सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में शीतकालीन सत्र में कुछ दिनों के भीतर ही 146 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया । इनमें से ज्यादातर सदस्यों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया था और सत्र समाप्ति के बाद उनका निलंबन भी स्वत: ही समाप्त हो चुका है। लेकिन कुछ सदस्यों के मामले को विशेषाधिकार समिति के विचारार्थ भेजा गया था और समिति की रिपोर्ट आने तक उनका निलंबन जारी रहेगा।

शीतकालीन सत्र के लिए दोनों सदनों की बैठक बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

विपक्षी सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे थे।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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