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पटना: G-20 की बैठक से पहले स्‍कीम वर्कर्स के लिए न्‍यूनतम मज़दूरी की घोषणा करे सरकार 

''एक करोड़ स्कीम वर्कर्स को जीने लायक मज़दूरी देने से भाग रही है मोदी सरकार। विद्यालय रसोइयों से 1650 रुपए मासिक मानदेय पर काम लेना आर्थिक अपराध से कम नहीं।''   
Scheme workers
File Photo

पटना: आज एक संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक सह बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास आदि स्कीमों में तकरीबन 1 करोड़ लोग कार्यरत हैं जिनमें 98 फीसदी महिलाएं हैं जिन्हे यूपीए शासन के दरम्यान बहाल किया गया था। मोदी सरकार के शासन में इनके मानदेय में कोई बढ़ोत्तरी नही की गई है और स्कीम वर्कर्स का परिवार भयानक आर्थिक तबाही के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि स्कीम वर्कर्स आशा, रसोईया, आंगनबाड़ी, ममता आदि के मानदेय को लेकर मोदी सरकार की घेराबंदी तेज की जाएगी। G20 की बैठक से पहले सरकार को इस दिशा में अपेक्षित घोषणा करनी चाहिए।

बता दें कि आशा, विद्यालय रसोइया, आंगनबाड़ी, ममता आदि स्कीम वर्कर्स के ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन का प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन पटना में 9-10 सितंबर को होगा। सम्मेलन में पूरे देश से 500 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन का उदघाटन भाकपा (माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य करेंगे। ऐक्टू से संबंधित ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन(AISWF) के इस सम्मेलन में ऐक्टू के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी शंकर, महासचिव राजीव डिमरी सहित दर्जनों नेता भाग लेंगे।

स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की सहसंयोजक और बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ की महासचिव सरोज चौबे ने कहा कि 1650 रुपए में महीना भर रसोइयों से बिहार में काम लिया जाना आर्थिक अपराध से कम नहीं। राज्य सरकार को तत्काल न्यूनतम मजदूरी आधारित मानदेय की घोषणा करनी चाहिए।

ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ने कहा कि लंबे समय से आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं के मानदेय में कोई बढ़ोत्तरी नही हुई है। ऐक्टू और कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) की ओर से इस दिशा में अपेक्षित अभियान तेज किया जाएगा।

बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप गुट के अध्यक्ष रामबली प्रसाद ने कहा कि स्कीम वर्कर्स को कोई रिटायरमेंट लाभ नहीं देना नाइंसाफी है। केंद्र व राज्य सरकार को सम्मिलित रूप में स्कीम वर्कर्स को रिटायरमेंट लाभ और पेंशन की व्यवस्था करनी चाहिए। सम्मेलन से विभिन्न राज्यों में चल रहे स्कीम वर्कर्स आंदोलन के प्रति एकजुटता जाहिर की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त हड़ताल की रूपरेखा भी बनाई जाएगी।

सम्मेलन में महाराष्ट्र, उत्तराखंड, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, बंगाल, असम, झारखंड आदि राज्यों के स्कीम वर्कर्स के नेता व प्रतिनिधि भाग लेंगे। संवाददाता सम्मेलन में महासंघ (गोप गुट) महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा मौजूद थे।
 

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