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पुलिस का दावा- साल 2022 में जम्मू-कश्मीर में 56 विदेशियों समेत 186 मिलिटेंट मारे गए

वर्ष 2022 में अल्पसंख्यक समुदायों, बाहरी लोगों और पंचायत समितियों के सदस्यों के ख़िलाफ़ हिंसा जारी रही।
jammu and kashmir
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : पीटीआई

 

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा कि घाटी में 93 मुठभेड़ों में 56 विदेशियों समेत 186 मिलिटेंट (Militants) मारे गए जबकि 93 एनकाउंटर में 42 विदेशियों समेत 172 मिलिटेंट मारे गए।

कश्मीर ज़ोन पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि उस क्षेत्र में 37% कम आतंकियों की भर्ती हुई है जहां सुरक्षा बलों ने आतंकवादी और उनके सहयोगियों से 360 हथियार बरामद करने का भी दावा किया है।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में वर्ष 2022 में सुरक्षा बलों को कम हताहतों का सामना करना पड़ा, गत वर्ष 14 पुलिसकर्मी और 17 सुरक्षा बल के जवान मारे गए।

कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) विजय कुमार के हवाले से एक ट्वीट में कहा गया कि मारे गए आतंकवादियों की सबसे अधिक संख्या लश्कर ए तैयबा और उसके सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़ी थी। इसके 108 आतंकी मारे गए थे। इसके बाद जैश ए मोहम्मद के 35, हिजबुल मुजाहिदीन के 22, अल-बद्र के चार और अंसार गजवत-उल-हिंद के तीन आतंकी मारे गए।

पुलिस ने कहा कि वर्ष 2022 में 100 नए आतंकियों की भर्ती हुई जो पिछले वर्ष की तुलना में 37% कम थी और नए भर्ती हुए आतंकियों में से 65 मारे गए, 17 को गिरफ़्तार किया गया, जबकि 18 अभी भी सक्रिय हैं।

कुमार के हवाले से कश्मीर पुलिस ज़ोन ने ट्वीट किया था कि, "इस वर्ष, आतंकियों में 100 नई भर्तियों में पिछले वर्ष की तुलना में 37% की कम दर्ज की गई। सबसे ज़्यादा (74) लश्कर में शामिल हुए। कुल भर्ती में से 65 आतंकी मुठभेड़ों में मारे गए, 17 गिरफ़्तार किए गए और 18 अभी भी सक्रिय हैं।"

कुमार ने आगे कहा कि मुठभेड़ों और छापेमारी के दौरान 360 हथियार बरामद किए गए जिनमें 121 एके सीरीज की राइफल, आठ एम4 कार्बाइन और 231 पिस्तौल शामिल हैं। पुलिस ने आईईडी, बम और ग्रेनेड बरामद करने का भी दावा किया, जिससे बड़ी घटनाएं टल गईं।

हालांकि, वर्ष 2022 में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों, बाहरी लोगों और पंचायत समितियों के सदस्यों के ख़िलाफ़ हिंसा जारी रही। लक्षित हिंसा ने कश्मीर पंडित समुदाय के कई बाहरी मज़दूरों और कर्मचारियों के पलायन और भय को भी बढ़ा दिया जो विरोध कर रहे हैं और घाटी के बाहर स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं। एडीजीपी ने कहा कि वर्ष 2022 में 29 नागरिकों को आतंकियों ने मार डाला और नागरिकों की हत्या में शामिल दो को छोड़कर सभी आतंकियों को मार गिराया गया है।

मारे गए 29 नागरिकों में से 21 स्थानीय थे जिनमें छह हिंदू, तीन कश्मीरी पंडित और 15 मुस्लिम शामिल थे। इनमें से आठ जम्मू-कश्मीर से बाहर के राज्यों के थे। एडीजीपी के अनुसार, बासित डार और आदिल वानी को छोड़कर इन "आतंकवादी घटनाओं" में शामिल सभी आतंकवादी मारे गए।

उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 14 जवानों सहित 26 सुरक्षाकर्मी मारे गए।

पुलिस ने भी ट्वीट में लिखा, " क़ानून व्यवस्था (एलएंडओ) के मामलों में पूरी सफलता मिली है। 2016 में एलएंडओ की घटनाओं के 2897 मामलों से लेकर 2022 में 26 मामूली मामलों तक। पिछले 3 से अधिक वर्षों में एलएंडओ की समस्याओं से निपटने के दौरान किसी भी नागरिक की जान नहीं गई।"

पुलिस ने इस क्षेत्र में सक्रिय मिलिटेंट की संख्या को कम करने में सफलता पाने का दावा किया और नशीले पदार्थों से संबंधित अपराधों में सफलता हासिल करने की भी बात कही है। साल 2014 और 2018 के बीच पिछले वर्षों के विपरीत, वर्तमान में इस क्षेत्र में कोई सक्रिय मिलिटेंट नहीं हैं, जिन्होंने हमलों और सोशल मीडिया पर मौजूदगी के ज़रिए अपना नाम फैलाया था। 2020 तक आतंकी गतिविधि में शामिल रहे हिज़्ब के अधिकांश कैडर मारे गए हैं। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, इस संगठन में भर्ती न के बराबर हुई है, जिसमें केवल फ़ारूक नल्ली प्रमुख चेहरा है। सुरक्षा एजेंसियां इसके अंतिम ज्ञात शीर्ष कमांडर जुबैर वानी के ठिकाने की भी जांच कर रही हैं, जो 2020 में रियाज नाइकू की जगह लेने के बाद से पूरी तरह से रडार से दूर है। सबसे पुराना जीवित मिलिटेंट रियाज डार उर्फ सेत्री सुरक्षा बलों के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है जो सुरक्षा बलों के निशाने पर है।

उन्होंने कहा, “सक्रिय आतंकवादियों की कुल संख्या को दो अंकों तक कम किया गया। एचएम के प्रमुख फारूक नल्ली और लश्कर कमांडर रियाज सेत्री को छोड़कर आतंकवादी संगठनों के सभी प्रमुख और शीर्ष कमांडरों को मार गिराया गया और इन दोनों को जल्द ही बेअसर कर दिया जाएगा।”

उन्होंने कहा, "इस साल कुल 946 मामले दर्ज किए गए और 1560 लोगों को गिरफ़्तार किया गया। इसके अलावा 132 ड्रग के तस्करों पर पीआईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। 11.8 किलो ग्राम ब्राउन शुगर, 46 किलो ग्राम हेरोइन और 200 किलो ग्राम चरस सहित भारी मात्रा में प्रतिबंधित सामग्री ज़ब्त की गई।"

कुमार के हवाले से कहा गया कि पिछले वर्ष में कोई बड़ी सड़क हिंसा या पथराव की घटना नहीं हुई। विशेष रूप से मुठभेड़ स्थलों या इंटरनेट बंद होने या अंतिम संस्कार के जुलूस के पास विरोध प्रदर्शन के दौरान भी ऐसी कोई घटनाएं नहीं हुईं।

कश्मीर पुलिस ने यह भी ट्वीट किया कि घाटी में साइबर पुलिस स्टेशन को 2022 में ऑनलाइन अपराधों जैसे वित्तीय धोखाधड़ी, सोशल मीडिया अपराध, मोबाइल ग़ायब होने, साइबरबुलिंग और सेक्सटॉर्शन के बारे में सैकड़ों शिकायतें मिलीं। ट्वीट में एडीजीपी के हवाले से कहा गया कि पुलिस ने विभिन्न वित्तीय घोटालों में फंसे लोगों के 3 करोड़ रुपये की वसूली की और क़रीब 500 मोबाइल भी बरामद किए।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित रिपोर्ट को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करेंः

186 Militants Including 56 Foreigners Killed in Jammu and Kashmir in 2022, Recruitments Fall

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