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अमेरिका के शिखर सम्मेलन का क्यों हो रहा है विरोध? 

इस सम्मेलन को लेकर लगभग 250 संगठनों द्वारा प्रायोजित पीपल्स समिट फॉर डेमोक्रेसी 10 जून को लॉस एंजिल्स की सड़कों पर मार्च कर रहा है।
Summit of the Americas
लॉस एंजिल्स में आयोजित अमेरिका का 9वां शिखर सम्मेलन। (सोर्स- ट्विटर)

अमेरिकी राज्यों के संगठन (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ स्टेट्स-ओएएस) के महासचिव लुइस अल्माग्रो के लिए 7 जून एक बुरा दिन था। अमेरिका के नौवें शिखर सम्मेलन के दौरान एक युवक ने उन्हें कुछ इस तरह कहा: व्हाइट हाउस का एक हत्यारा और कठपुतली, बोलीविया में तख्तापलट को भड़काने वाला। उसने कहा कि जब अल्माग्रो के हाथ खून से सने हैं तो वे लोकतंत्र का पाठ पढ़ा नहीं सकते।

लॉस एंजिल्स में शिखर सम्मेलन के एक अन्य कमरे में सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटनी ब्लिंकन कुछ बेहतर महसूस नहीं कर रहे थे: कई पत्रकारों ने पत्रकारों के हत्यारों को रक्षा प्रदान करने के लिए प्रेस की स्वतंत्रता का उपयोग करने और कुछ देशों को इस बैठक से बाहर करने को लेकर उनकी निंदा की। "लोकतंत्र या पाखंड?" उस दिन लाउडस्पीकर पर सुना जा सकता था।

वास्तव में, उथल पुथल से भरा यह शिखर सम्मेलन संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक बड़ी कूटनीतिक भूल चूक के साथ शुरू हुआ जब लैटिन अमेरिका के कई देशों के राष्ट्रपतियों ने घोषणा की कि वे क्यूबा, वेनेज़ुएला और निकारागुआ के बहिष्कार के कारण इस शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, जैसा कि व्हाइट हाउस द्वारा निर्देशित किया गया था, जबकि यूएस स्टेट डिपार्टमेंट अभी भी खुली और अप्रतिबंधित प्रकृति के बैठक के आह्वान का दावा करता है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, "हर जगह, अमेरिका ने साबित किया है, और साबित करता रहेगा, एक समावेशी प्रक्रिया के लिए हमारी प्रतिबद्धता जिसमें लोगों और संस्थानों से इनपुट शामिल है जो हमारे गोलार्ध की विशाल विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं, और इसमें स्वदेशी और अन्य ऐतिहासिक रूप से हाशिए की आवाजें शामिल हैं।"

पाखंड इस शिखर सम्मेलन की कड़ी जैसा लगता है और मुख्यधारा के अमेरिकी मीडिया और विश्लेषकों ने 6-10 जून की इस बैठक को शुरू होने से पहले ही विफल घोषित कर दिया। 7 जून को, वाशिंगटन पोस्ट ने पाठकों को आश्वासन दिया कि "लॉस एंजिल्स में अमेरिका के इस सप्ताह के शिखर सम्मेलन को इसके संभावित समझौतों के बजाय इसकी बेसुधी के लिए याद किया जाएगा।" गूगल ट्रेंड्स के आंकड़ों के मुताबिक, 7 और 8 जून को अमेरिकी नेटवर्क और मीडिया में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी ज्यादा सबसे चर्चित राजनीतिक चेहरा मैक्सिकन राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

रिचार्ड एन. हास, जो पूर्व सेक्रेटरी ऑफ स्टेट कॉलिन पॉवेल के सलाहकार और स्टेट डिपार्टमेंट के नीति नियोजन के निदेशक थे, उन्होंने एक ट्वीट में इस घटना को शानदार ढंग से व्यक्त किया: "अमेरिका का ये शिखर सम्मेलन एक असफलता की तरह दिखता है जो खुद का एक कूटनीतिक लक्ष्य है। अमेरिका के पास कोई व्यापार प्रस्ताव नहीं है, कोई आव्रजन नीति नहीं है और कोई बुनियादी ढांचा पैकेज नहीं है। इसके बजाय, ध्यान इस बात पर है कि कौन होगा और कौन नहीं होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि हमने ऐसा होने के लिए दबाव क्यों डाला।"

जैसा कि कोई बैठक से उम्मीद की जा सकती है, जिसके लिए निमंत्रण सूची शुरू होने से सिर्फ 72 घंटे पहले घोषित नहीं की गई थी ऐसे में गवाहों के अनुसार, वाद-विवाद कक्षों में उदासीनता हावी होती दिखती है, जिसमें लगभग कोई भी नहीं जाता है। फिर भी, संयुक्त राज्य सरकार ने नागरिक समाज समूहों द्वारा भागीदारी की उपस्थिति को सुरक्षित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ा जिस पर यह दांव लगाता है और यह मियामी के दूतों से मिला जिए यूएसएआईडी द्वारा भुगतान किया गया और उन्हें अधिक धन दिए गए।

शिखर सम्मेलन के दौरान ब्लिंकेन ने उन लोगों को "स्वतंत्र पत्रकारिता" का समर्थन करने के लिए 9 मिलियन डॉलर का एक नया फंड देने का वादा किया जो क्यूबा में "शासन परिवर्तन" को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही 20 मिलियन डॉलर प्रति वर्ष पाते हैं।

यह राजनीतिक आडंबर वास्तव में एक बंकर में हो रहा है क्योंकि लॉस एंजिल्स पुलिस ने इस शिखर सम्मेलन की पुलिस के लिए 15 मिलियन डॉलर से अधिक प्राप्त किया और बेघर तथा गरीबी की पट्टी के लिए प्रसिद्ध शहर में सेनाओं को तैनात कर दिया। इस बीच, अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी के अभिजात वर्ग अपने ही देश की वास्तविकता से दूर रहते हैं, रोजाना होने वाले नरसंहारों से विचलित होते हैं, नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए शक्तिहीन होते हैं और अधिकांश निर्णय और विधायी परियोजनाएं ठप हो जाती हैं। वे चलन से बाहर हुए वाक्य 'अमेरिकियों के लिए अमेरिका' के मोनरो सिद्धांत को दोहराते हैं और यह प्रदर्शित कर रहे हैं कि लैटिन अमेरिका के संबंध में अलगाववाद के प्रति प्रतिबद्धता क्या प्रतीत होती है।

संयुक्त राज्य अमेरिका शायद ही कभी अपने लैटिन अमेरिकी पड़ोसियों की विशिष्ट विशेषताओं जैसे सांस्कृतिक, भाषाई, धार्मिक और पारंपरिक रहन सहन को ध्यान में रखता है। संक्षेप में कहें तो शायद ही वह उनके जीवन और उनके चमत्कारों को समझने का एक वास्तविक तरीका प्रदान करे और बढ़ावा दे। यह इस बिंदु पर समझ से बाहर लग सकता है लेकिन सरल निर्णय के साथ लैटिन अमेरिका के प्रति अमेरिकी विदेश नीति को विशेष रूप से वैचारिक दृष्टिकोण से व्यक्त और कार्यान्वित किया जाता है जो सभी को नुकसान पहुंचाते हैं जिसमें और विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है।

इस सम्मेलन के विरोध में व्हाइट हाउस के मित्रों की बैठक के साथ साथ पीपल्स समिट फॉर डेमोक्रेसी की शुरूआत की गई। लगभग 250 संगठनों द्वारा प्रायोजित, जिनमें से अधिकांश स्थानीय यूनियन हैं, ये विरोधी-शिखर सम्मेलन 10 जून को लॉस एंजिल्स की सड़कों पर मार्च किया, चाहे उसे इसके लिए अधिकारियों द्वारा अनुमति मिले या नहीं, उन्होंने इस वैकल्पिक बैठक को शांत कराने के लिए हर संभव प्रयास किया है। लेकिन मीडिया की नाकेबंदी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है। अल्माग्रो और ब्लिंकेन इसके नियंत्रण से परे कारणों के चलते सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं और वे प्रत्यक्ष रुप से साबित करने वाले अंतिम व्यक्ति नहीं होंगे कि बहिष्कृत लोगों का आक्रोश इस तरह दिखता है।

रोजा मिरियम एलिजाल्डे क्यूबा की पत्रकार हैं और क्यूबडिबेट साइट की संस्थापक हैं। वह यूनियन ऑफ क्यूबन जर्नलिस्ट्स (यूपीईसी) और लैटिन अमेरिकन फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एफईएलएपी) दोनों की उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने जिनेटेरोस एन ला हबाना और आवर चावेज़ सहित कई किताबें अकेले व अन्य सहयोगियों के साथ लिखी हैं। उन्हें अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए कई मौकों पर पत्रकारिता के लिए जुआन गुआल्बर्टो गोमेज़ राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। वह वर्तमान में मेक्सिको सिटी के ला जोर्नाडा के लिए एक साप्ताहिक स्तंभ लिखती हैं।

यह लेख ग्लोबट्रॉटर द्वारा प्रस्तुत किया गया था और पहली बार ला जोर्नडा पर प्रकाशित हुआ था।

मूल रूप से अंग्रेज़ी में प्रकाशित इस लेख को नीचे की लिंक पर क्लिक कर पढ़ा जा सकता है:

Storms at the Summit of the Americas

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