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दिवाली से पहले महंगाई बेकाबू , दाल-आटे से लेकर चीनी भी हुई कड़वी, महंगी LPG से बाहर खाना भी महंगा

"कांग्रेस ने त्योहारी सीजन के दौरान आसमान छूती कीमतों को लेकर चिंता जताते हुए, केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "यह आखिरी दिवाली है जब लोगों को ऐसी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है, 2024 में इंडिया अलायंस की सरकार ऐसी नीतियों में बदलाव करेगी, जिससे केवल प्रधानमंत्री के मित्र को फायदा हो रहा है व महंगाई बढ़ रही है।"
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प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : गूगल

दरअसल, दिवाली से पहले खाने-पीने के सामानों के रेट बेतहाशा बढ़ गए हैं। दाल चीनी आटा सहित लगभग सभी खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से किचन का बजट बिगड़ गया है। वहीं, एलपीजी महंगी होने से रेस्टोरेंट आदि में बाहर खाना भी महंगा हो गया है। ऐसे में आम आदमी क्या खाए और क्या खिलाए, दिवाली की खुशियां भी फीकी पड़ती दिख रही हैं। सरकार को इसका जवाब देना चाहिए कि इतनी महंगाई में आम आदमी अपने त्यौहार कैसे मनाए। त्योहार के लिए खरीदारी पर महिलाओं का कहना है कि महंगाई ने कमर तोड़ दी है। किलो की जगह पाव में काम चलाना पड़ रहा है। 

जी हां, दीपावली के पहले खाद्य सामग्रियों पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इस कारण आम आदमी की जेब ढीली हो रही है। माह के भीतर आई तेजी से 40 से 42 रुपये किलो बिकने वाली चीनी 48 रुपये तक पहुंच गई है तो जीरा भी हजारी होने की कगार पर है। इसके अलावा राजमा, बेसन व चना दाल में भी तेजी आई है। व्यापारियों की माने तो पिछले दो माह के अंदर दाल के भाव में 20 से 25 रुपये प्रति किलो की तेजी आई है। इसका प्रमुख कारण मांग के सापेक्ष आपूर्ति कम होना है। भाव में तेजी सिर्फ अरहर दाल में ही नहीं बल्कि चना दाल, बेसन, राजमा व सत्तू में भी देखी जा रही है। वहीं, नवरात्रि के बाद से प्याज की कीमतें भी आसमान छू रही हैं और देश के कई हिस्सों में प्याज का रेट 80 से 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।

एक महीने में ही 10 से 15 प्रतिशत की तेजी

किराना व्यवसायियों के अनुसार, बीते एक माह के भीतर ही प्रमुख खाद्य पदार्थों में 10 से 15 प्रतिशत तक की तेजी आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आटा, दाल के साथ ही चीनी के भाव भी छह से आठ रुपये प्रति किलो बढ़े हैं। दाल में तड़का लगाने के काम आने वाला जीरा तक 900 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गया है। चीनी में तेजी आने की वजह की बाबत, चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया ने बताया कि चीनी में तेजी का प्रमुख कारण एक तो सरकार की तरफ से चीनी का कोटा कम किया जाना है वहीं, नवंबर माह में दो बड़े त्योहार दीपावली व छठ हैं। दोनों में ही चीनी की खपत बढ़ जाती है। जिससे कीमतों में उछाल है। इसके अलावा आटे में भी प्रति कुंतल दो से तीन सौ रुपये की तेजी देखी जा रही है। त्योहार में खपत बढ़ने के कारण बेसन के भाव में प्रति किलो दस रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

माह भीतर ऐसे बढ़ा दाल चना व बेसन का भाव

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लगातार दूसरी बार LPG सिलेंडर के दाम बढ़ने से बाहर खाना पीना भी महंगा 

दिवाली से पहले लगातार दूसरे महीने  देश की तेल कंपनियों ने लोगों को महंगाई का झटका दिया है। दरअसल, बुधवार 1 नवंबर को तेल कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में फिर बढ़ोतरी कर दी है। इस बार तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 103 रुपये तक की बढ़ोतरी की है। इसके पहले महीने में भी 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल सिलेंडर पर 200 रूपये से ज्यादा दाम  बढ़े थे। सिलेंडर महंगा होने का सीधा असर खाने-पीने की इंडस्ट्री और रेस्टोरेंट कारोबार पर देखने को मिल रहा है। कमर्शियल सिलेंडर के दाम बढ़ने से बाहर भी खाना-पीना महंगा हो गया है।

राजधानी दिल्ली में एक नवंबर को कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 101.50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद दिल्ली में कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम बढ़कर 1833 रुपये प्रति सिलेंडर हो गए हैं। इससे पिछले महीने राजधानी कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1731.50 रुपये पर थी। वहीं कोलकाता में व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 103.50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद यहां 19 किग्रा वाला कमर्शियल गैस सिलेंडर 1943 रुपये का हो गया है। जो पहले 1839.50 रुपये में मिल रहा था। वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 101.50 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसके बाद यहां कमर्शियल गैस सिलेंडर 1785.50 रुपये हो गया है। जो अक्टूबर में 1684 रुपये में मिल रहा था। वहीं चेन्नई में 19 किलोग्राम वाला कमर्शियल गैस सिलेंडर 101.50 रुपये महंगा होकर 1999.50 यानी 2000 रुपये का हो गया है। यहां पिछले महीने कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम 1898 रुपये थे।

खास है कि तेल कंपनियां महीने की पहली तारीख को गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव करती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले महीने भी तेल कंपनियों ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में इजाफा किया था। तेल कंपनियों ने एक अक्टूबर को कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 209 रुपये की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद दिल्ली में 19 किग्रा वाला कमर्शियल गैस सिलेंडर 1731.50 रुपये का हो गया था। इस तरह लगातार दो महीने से कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में इजाफा हो रहा है।

आसमान छूती महंगाई में लोग कैसे मनाएंगे दिवाली- प्रियंका गांधी 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महंगाई को लेकर सवाल उठाते हुए, मोदी सरकार पर हमला बोला है। कहा कि आसमान छू रही महंगाई में लोग कैसे दिवाली मनाएंगे। शुक्रवार को महंगाई को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए प्रियंका ने कहा कि प्याज, चीनी और अन्य वस्तुओं सहित अधिकतर आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।

प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा, ”दीवाली सप्ताह भर दूर है, लेकिन खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर पहले से आग लगी हुई है। प्याज की कीमत अचानक बहुत तेज बढ़ने लगी है, जबकि भारत दूसरा सबसे बड़ा प्याज-उत्पादक देश है।” उन्होंने कहा कि पिछले साल हमारे किसान भाइयों ने 31 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन किया। वह कहां है? जगत सेठ के गोदाम में? या रखरखाव की लापरवाही के चलते सरकारी गोदाम में सड़ गया?”

”दूसरी ओर, चीनी के अलावा अरहर और उड़द की दालें भी नागरिक की पहुंच के बाहर चल रही हैं। आदमी क्या खायेगा और क्या खिलायेगा? त्योहार की खुशी कैसे मनायेगा? सरकार जवाब दे।” पिछले कुछ दिनों में कई जरूरी चीजों की आसमान छूती कीमतों को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। राष्ट्रीय राजधानी में स्थानीय बाजारों में प्याज की कीमतें पहले ही लगभग 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।

कांग्रेस बोली- अगली दिवाली नहीं होगी महंगाई, बदलेंगे नीतियां 

कांग्रेस ने त्योहारी सीजन के दौरान आसमान छूती कीमतों को लेकर बुधवार को केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "यह आखिरी दिवाली है जब लोगों को ऐसी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है, 2024 में इंडिया अलायंस की सरकार ऐसी नीतियों में बदलाव करेगी, जिससे केवल प्रधानमंत्री के मित्र को फायदा हो रहा है व महंगाई बढ़ रही है।"

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "जो त्योहार खुशियां लाते हैं, वे भी मोदी सरकार में लोगों की चिंताएं बढ़ा रहे हैं। क्योंकि हर जरूरी चीज की कीमतें आसमान छू रही हैं।" उन्होंने कहा कि प्याज की कीमतें 90 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई हैं और 100 रुपये प्रति किलो के करीब हैं। अरहर दाल की कीमत एक साल में 40 फीसदी बढ़कर 152 रुपये हो गई है।

रमेश ने कहा,"लेकिन अब यह आखिरी दिवाली है, जब लोगों को महंगाई के कारण इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जनता इस सरकार से तंग आ चुकी है और 2024 में बदलाव के लिए तैयार है। इंडिया अलांयस की सरकार उन नीतियों को तुरंत बदलेगी, जो महंगाई बढ़ा रही हैं और प्रधानमंत्री के मित्र फायदा पहुंचा रही हैं।"

साभार : सबरंग 

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