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यूपी: 10वीं की छात्रा से रेप, आरोपी प्रिंसिपल अब भी आज़ाद

चित्रकूट में 10वीं की एक छात्रा ने स्कूल के प्रिंसिपल समेत चार शिक्षकों पर रेप के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में भाजपा के एक नेता का नाम भी सामने आ रहा है।
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फ़ोटो साभार : Feminism In India

मणिपुर की घटना के बाद महज़ तर्कों की बाहुबली बनकर रह गईं सत्ताधारी पार्टियां और सरकार हर राज्य में फेल हो रही है। डबल इंजन की सरकार के नाम पर बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ दिखावा रह गया है। यही कारण है कि अब तो बच्चियां वहां भी सुरक्षित नहीं है जहां वो शिक्षा लेने के लिए जाती हैं। नाबालिग पीड़ित छात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर है जिसमें उसने अपने साथ हुई दरिंदगी का जिक्र किया है।

10वीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 साल की ये छात्रा चार लोगों के नाम ले रही है, जिसमें इरशाद खान, मोईन खान, आदित्य और राकेश शामिल हैं।

हैरानी की बात ये है कि ये चारों उसी स्कूल के अध्यापक हैं जहां पीड़िता बच्ची पढ़ाई कर रही है, ये चित्रकूट के मानिकनगर का एक स्कूल है।

भास्कर की एक पड़ताल मुताबिक छात्रा का आरोप है कि इरशाद सर प्रोजेक्ट वर्क पूरा करवाने के लिए छुट्टी के बाद स्कूल में रोकते थे, फिर ऊपर की तरफ बनी सबसे किनारे वाली क्लास में ले जाते। जहां न तो कैमरा लगा था, न ही कोई चेकिंग के लिए आता था। वह मुझे गलत तरीके से छूते। जब मैंने उनसे कहा कि मैं अपने घरवालों को बता दूंगी तो उन्होंने मेरा वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

पीड़ित छात्रा कहती है कि गलत काम करने के बाद प्रिंसिपल सर पीछे के गेट से बाहर जाने के लिए बोलते थे, प्रेग्नेंट न हो जाऊं इसके लिए प्रिंसिपल सर मनिकनगर सीएचसी ले जाकर गर्भनिरोधक गोलियां दिलवाते थे। ज़्यादा गर्भनिरोधक गोलियां खाने के कारण मेरी तबीयत ज़्यादा बिगड़ गई और मम्मी को सब सच बता दिया।

पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने बाद जब बच्ची की जांच करवाई गई तब पता चला कि उसके पेट और यूट्रस में सूजन है।

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इस पूरे मामले में सबसे ज़्यादा चौंकाने वाला खुलासा पीड़िता की मां ने किया। उन्होंने बताया कि अरविंद मिश्रा नाम का शख्स हम पर दबाव बना रहा था कि प्रिसिंपल का नाम क्यों लिया। दरअसल अरविंद मिश्रा इलाके का जाना-माना भाजपा का नेता है और प्रिंसिपल राकेश प्रताप सिंह का खास भी।

यानी पहले पीड़िता को उसके बयान से पलटवा दिया गया था, लेकिन बाद में उसने अपने बयान में मीडिया के सामने खुलासा किया कि प्रिंसिपल भी इस घटना में शामिल है।

उधर पीड़िता के बयानों के आधार पर चित्रकूट की एसपी वृंदा शुक्ला ने एसआईटी गठित कर दी, और पड़ताल शुरु कर दी गई। इसमें पीड़िता के एक रिश्तेदार यानी उसके बुआ के लड़के का नाम भी सामने आया।

कुल पांच आरोपी हैं जिसमें से प्रिंसपल को छोड़कर चार लोगों को जेल भेज दिया गया है, लेकिन प्रिंसिपल पर आरोप नहीं सिद्ध हो सके हैं, जिसके कारण वो अभी तक गिरफ्तार भी नहीं किया गया है।

वहीं पीड़िता की बुआ के बेटे को गिरफ्तार करना मामले को पेंचीदा करता जा रहा है, क्योंकि पीड़िता के पिता का कहना है कि उनके भांजे को ज़बरदस्ती परेशान किया जा रहा है। जिसे गिरफ्तार करना है उसे नहीं कर रहे हैं।

इस मामले के सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी ने अपना एक डेलिगेशन चित्रकूट भेजा है, जिसमें शामिल पूर्व मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा ने पीड़िता के परिवार से बात की।

राम आसरे ने पुलिस पर इस घटना को गंभीरता से नहीं लिए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि "पीड़िता के पहले के बयान पर एफआईआर नहीं दर्ज की गई। यहां के एसएचओ ने उसके बयान में फेरबदल कर एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने मामले में लीपापोती करने के लिए दो फर्जी लोगों को जेल भेज दिया, यहां तक कि पीड़िता के सगे फुफेरे भाई के साथ मारपीट कर जबरन उसे कबूलवा कर उसे आरोपी बना कर जेल भेज दिया, जबकि मेन आरोपी अभी भी बाहर है। इतनी बड़ी वारदात होने के बावजूद पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए सत्ता पक्ष का कोई भी विधायक, सांसद, मंत्री, नेता नहीं आया है। सरकार में आए दिन गरीब, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासियों के ऊपर अत्याचार हो रहा है और इस सरकार की पुलिस बेलगाम होकर अत्याचार कर रही है। सरकार का कोई भी अंकुश पुलिस पर नहीं है, वरना अब तक जो लोग असली दोषी हैं उनको जेल जाना चाहिए था। लापरवाही करने वाले अधिकारियों को सस्पेंड करना चाहिए था।"

समाजवादी पार्टी के नेता सिद्धार्थ पांडे ने राज्यपाल को ख़त लिखकर पीड़िता के लिए 25 लाख रुपये मुआवज़े की मांग भी की।

सपा की ओर से भाजपा सरकार पर निशाना साधा गया, सपा के डेलिगेशन ने कहा कि "सरकार जो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है, वह नारा कहां है। भाजपा राज्य में सबसे ज्यादा बेटियों के साथ दुष्कर्म हुए हैं, बलात्कार हुए हैं और नाबालिग बच्चियों के साथ अपराध हुए हैं। न तो कहीं पुलिस दिखाई दे रही, न सरकार दिखाई दे रही। कैसे माने इनका नारा बेटी बचाओ का है।"

इस पूरे मामले पर अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी बताते हैं कि 26 जुलाई को एक छात्रा ने अपने ही स्कूल के टीचर पर रेप का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी, जिस पर धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है।

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