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यूपी: “जल्द पूरी नहीं हुई मांग तो तेज़ होगा आंदोलन”, नोएडा किसानों का धरना 22वें दिन भी जारी!

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सामने बीते कई दिनों से किसान लगातार दिन-रात धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन किसानों का आरोप है कि उनकी समस्याओं को लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों ने उपेक्षित रवैया अपनाया हुआ है।
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फ़ोटो साभार: फेसबुक/AIKS

पिछले 22 दिनों से उचित मुआवज़े और रोज़गार के सवाल को लेकर आंदोलनरत किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। किसानों के इस धरने को बड़े पैमाने पर समर्थन मिल रहा है। कल यानी 15 मई को अखिल भारतीय किसान सभा की अगुवाई में एक बड़ी किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं समेत 39 गांव के लोगों ने भारी संख्या में भाग लिया। इस किसान महापंचायत के लिए किसानों का जुलूस जैतपुर गोल चक्कर से इकट्ठा होकर विप्रो गोल चक्कर होते हुए धरना स्थल प्राधिकरण पर पहुंचा।

महापंचायत में पीड़ित किसान और उनके परिवार के अलावा तमाम राजनैतिक दल के लोग भी पहुंचे थे। नोएडा के इन किसानों के आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा ने भी अपना समर्थन दिया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता हन्नान मौल्ला ने किसानों के बीच पहुंच उन्हें अपना समर्थन देते हुए सरकार को चेतावनी दी की, "किसानों की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा।”

किसान क्यों कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन?

अखिल भारतीय किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि “हम 4 गुना सर्किल रेट मुआवज़ा, 10 फीसदी आबादी प्लॉट और बच्चों के लिए रोज़गार संबंधित पांच सूत्री मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “इससे पहले भी हमने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सामने अपनी बात रखी थी, लेकिन प्राधिकरण द्वारा लगातार हमारे अधिकारों से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय को अनदेखा किया जा रहा है। यह हमारे भविष्य से जुड़ा हुआ एक गंभीर विषय है और साथ ही प्राधिकरण द्वारा हमारी पूंजी और संपत्ति का दुरुपयोग है। एक बार फिर प्राधिकरण को हम कहना चाहेंगे की यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक हमारी मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता।”

महापंचायत को संबोधित करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय नेता एवं पूर्व सांसद वृंदा करात ने कहा कि "सरकार और प्राधिकरण ने स्थानीय किसानों के साथ विश्वासघात किया है और उनकी अधिकृत ज़मीन के बदले उनका वाजिब हक़ व बुनियादी सुविधाएं आज तक नहीं दिया है जिसके लिए किसान आंदोलनरत हैं। किसानों के हक़ की लड़ाई में हम और हमारी पार्टी सीपीआई(एम) किसानों के साथ है।”

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय महासचिव मरियम धवले ने अपने संबोधन में कहा कि "जनवादी महिला समिति किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों का पूर्ण रूप से समर्थन करती है और संघर्ष में उनके साथ खड़ी है।"

महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान सभा व संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेता व पूर्व सांसद हन्नान मौल्ला ने सरकार और प्राधिकरण की किसान विरोधी नीतियों को रेखांकित करते हुए किसानों को विश्वास दिलाया कि किसान सभा व संयुक्त किसान मोर्चा, ग्रेटर नोएडा के आंदोलनरत किसानों के साथ है।

किसान सभा के जिला प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा और संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि "जब तक किसानों की मांगों का सम्मानजनक समाधान नहीं होगा आंदोलन जारी रहेगा।" इसके अलावा सीटू दिल्ली एनसीआर राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र गौड़ व जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि "प्राधिकरण किसानों के साथ अन्याय कर रहा है। किसानों के हक़ की लड़ाई में मज़दूर संगठन सीटू किसानों के साथ है।"

प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सपा नेता इंद्र प्रधान, किसान नेता सुनील फौजी आदि नेताओं को नज़रबंद किया जिसकी कड़ी निंदा की गई। जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम सदर ने धरना स्थल पर आकर किसानों का ज्ञापन प्राप्त किया।

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सामने 25 अप्रैल 2023 से लगातार दिन-रात धरना देते हुए किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन आरोप है कि किसानों की समस्याओं को लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों ने उपेक्षित रवैया अपनाया हुआ है जबकि किसानों का कहना है कि उनकी समस्याओं का संबंध पहले से तय नियम-कानूनों का पालन करने को लेकर है।

किसानों की मांगे इस प्रकार हैं:

* वंचित किसानों को तुरंत 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट दिया जाए

* सर्किल रेट का 4 गुना मुआवज़ा, 24000 रुपये प्रति वर्ग मीटर, घोषित किया जाए

* आबादी के मामलों का निस्तारण करते हुए बैकलीज़ कराई जाए

* आवासीय योजनाओं में किसानों का दोनों तरह का कोटा बहाल किया जाए, रोज़गार नीति लागू कर स्थानीय युवाओं को कंपनियों में रोज़गार तय किए जाएं

* किसानों और उनके परिवार के लिए निःशुल्क शिक्षा व चिकित्सा की सुविधा नीति लागू की जाए

* भूमिहीन परिवारों को 40 वर्ग मीटर आबादी के प्लॉट दिए जाएं।

इसे भी देखें : यूपी : नोएडा प्राधिकरण पर आंदोलनरत किसानों की महापंचायत, जुटे हजारों लोग

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