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यूपी : बेमौसम बारिश ने बुंदेलखंड के मूंगफली किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी

किसानों का आरोप है कि मंडी में जहां फ़सलें रखी जानी हैं वहां टिन शेडों पर व्यापारियों ने क़ब्ज़ा किया हुआ है।
Rain
केवल प्रतीकात्मक उपयोग के लिए। छवि सौजन्य: फ़्लिकर

लखनऊ: महोबा और बांदा समेत बुन्देलखंड इलाके के विभिन्न हिस्सों में मंडी में खुले में रखी लाखों रुपये की मूंगफली की फसल भारी बेमौसम बारिश के कारण भीग गई, जिससे कम से कम हजारों क्विंटल मूंगफली नष्ट हो गई है। अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश की भविष्यवाणी की वजह से  समस्या और भी बदतर हो सकती है।

बेमौसम बारिश ने उन मूंगफली उत्पादकों पर कहर बरपा दिया है जो अपनी फसल बेचने के लिए मंडी आए थे और उन किसानों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया जो इस साल बंपर फसल की उम्मीद कर रहे थे।

नुकसान की पुष्टि करते हुए, किसान नेता प्रेम सिंह ने कहा कि, "बुंदेलखंड इलाके में अचानक आई बारिश से किसान समुदाय को बहुत परेशानी हुई है, क्योंकि महोबा मंडी में खुले में रखी 60 लाख रुपये से अधिक कीमत की मूंगफली की हजारों बोरियां खराब हो गईं हैं।" बाजार में पहले से ही मूंगफली के दाम कम मिल रहे हैं और बारिश के बाद फसल सड़ने की आशंका भी बढ़ गई है।''

सिंह ने दावा किया है कि खराब और प्रतिकूल मौसम की वजह से किसानों के मूंगफली के स्टॉक को सुरक्षित रखने के लिए महोबा गल्ला मंडी में टिन शेड बनाए गए थे, लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों इन टिन शेड्स पर व्यापारियों ने साल भर स्टॉक रख कर इनपर कब्जा जमा लिया है। इसलिए किसानों को अपना स्टॉक खुले में रखना पड़ रहा है।

सिंह ने कहा कि, "हमारे नुकसान के लिए महोबा जिला प्रशासन भी जिम्मेदार है क्योंकि वे शेड्स पर कब्जा करने वाले व्यापारियों के खिलाफ समय पर कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। यदि ये टिन शेड फसलों के लिए उपलब्ध होते, तो किसानों का नुकसान कम होता।"

माल बेचने आए किसानों में किशोरी लाल, वृन्दावन शिवहरे, अमर सिंह ने बताया कि, ''मंडी में मूंगफली की हजारों बोरियां तुलाई के लिए की रखी हुई थीं, अचानक बारिश होने से बोरियां पूरी तरह भीग गईं हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।'' उन्होंने कर्ज लेकर फसल बोई थी, लेकिन अब भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।"

इन किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि ''मंडी में विशाल टिन शेड प्लेटफार्मों पर व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी उपज अक्सर बारिश में भीग जाती है।

उन्होंने कहा कि, ''सरकार किसानों के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचती है। गल्ला मंडी समिति ने उनके माल को बारिश से बचाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की है।'' 

इस बीच, विपक्ष की तरफ से समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्य सरकार से किसानों का बचाव करने का आग्रह किया है। इसमें सरकार से क्षतिग्रस्त फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने और किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने की अपील की गई है।

महोबा, कन्नौज और बांदा में किसानों ने बड़ी संख्या में मक्का और मूंगफली की फसल बोई थी। फसल से किसानों को अच्छे मुनाफे की उम्मीद थी, लेकिन लगातार बारिश ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 

किसानों ने कहा कि, "सरकार की दोषपूर्ण नीति के कारण हम मूंगफली को लगभग 200 से 600 रुपये प्रति क्विंटल कम कीमत पर फसल बेचने पर मजबूर हैं।" उन्होने आगे कहा कि,  जब फसल को बारिश की जरूरत होती है तब बारिश नहीं आती और जब बेचने के लिए फसल बाजार में आती है, तो वह बारिश में भीगी पड़ी रहती है।"

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

UP: Unseasonal Rains Dash Hopes of Groundnut Growers in Bundelkhand

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