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यूपी: बेमौसम बारिश से किसानों के हाल बेहाल, सरकार से मुआवजे का इंतज़ार

बारिश से सिर्फ धान ही नहीं उड़द, अगैती आलू और सरसों की फसल को भी भारी नुकसान की संभावना है। मौजूदा सब्जियों के साथ ही सर्दियों की फसल की नर्सरी भी बर्बाद होने से किसान लाचार महसूस कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा देने का फैसला किया गया है। हालांकि ये मुआवज़ा कब और कितना मिलेगा अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है।
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'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

उत्तर प्रदेश में रविवार से तेज बारिश का दौर शुरु हो गया है। मौसम विभाग ने तीन दिन का अलर्ट जारी किया है, जिसमें सोमवार यानी आज 18 तारीख को यूपी और उत्तराखंड के लिए रेड अलर्ट है। बारिश से खेती-किसानी को भारी नुकसान हो रहा है। अभी तक सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो चुकी है और दो मजदूरों के मौत की भी खबर है। प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा देने का फैसला किया गया है। हालांकि ये मुआवज़ा कब और कितना मिलेगा अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है।

बता दें कि मौसम विभाग ने कई दिन पहले ही 16 से 19 अक्टूबर के बीच कई राज्यों में भारी बारिश, तेज हवा, गरज और बिजली कड़कने की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया था। पूर्वानुमान के मुताबिक ही दिल्ली, यूपी समेत देश के कई राज्यों में बेमौसम बरसात ने भारी तबाही मचाई है। धान समेत खरीफ की दूसरी फसलों की कटाई कर रहे किसानों के लिए मौसम का बदला रुख आफत बन गया है। यूपी, बिहार में ज्यादातर किसानों का धान अभी खेत में लगा है। जबकि हरियाणा-पंजाब में कटाई आखिरी चरण में है। मौसम के जानकारों के मुताबिक 16 अक्टूबर से शुरु हुई बारिश से खेत में लगी फसल को भारी नुकसान हो सकता है।

सब्जियों की फसल को नुकसान तो सर्दियों की फसल की नर्सरी भी बर्बाद

धान खरीफ की मुख्य फसल है और यूपी में इस वक्त ज्यादातर किसानों का धान खेत में लगा है। प्रदेश में इस बार करीब 60 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। ऐसे में इस बारिश से उसे भारी नुकसान हो सकता है। किसानों की मानेंं तो अक्टूबर के पहले हफ्ते में हुई बारिश के चलते पहले ही फसल में देरी और नुकसान हुआ है अब रही सही कसर ये बारिश निकाल रही है। बारिश से सिर्फ धान ही नहीं उड़द की फसल को भी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा जिन किसानों ने अगैती आलू और सरसों की बुवाई की थी उन्हें भी भारी नुकसान हो सकता है। बीज खेत में ही सड़ सकते हैं। इतना ही नहीं आलू और सरसों की बुवाई भी पिछड़ेंगी। इसके साथ ही मौजूदा सब्जियों की फसल को तो नुकसान होगा ही सर्दियों की फसल की नर्सरी भी बर्बाद होगी।

बनारस से सटे बलिया जिले के धान किसान रामराज न्यूज़क्लिक से बातचीत में बताते है कि इस बार उनकी धान की फसल अच्छी थी, जो नुकसान हुआ था वो पिछली बारिश के चलते ही हुआ था। फिर भी फसल को देख कर मन में एक आस थी, अभी देर रात से लगातार पानी गिरने से धान की फसल खेत में ही तहस-नहस हो गई है। अगर ऐसे ही पानी गिरता रहा तो शायद कटाई करके खेतों से कुछ भी घर को नहीं जा पाएगा।

रामराज की तरह ही बैरिया की सब्जी किसान ललिता देवी कहती हैं, “ हम 1800 रुपए का लगभग 15 ग्राम बीज लगाकर 5 एकड़ में टमाटर की रोपाई की तैयारी में थे। इसके लिए अब हमारी नर्सरी और खेत दोनों तैयार थे। लेकिन बारिश से खेत में पानी भर गया है और तैयार बीज सड़ने की नौबत में हैं। खेत में लगी सब्जियों को भी बहुत भारी नुकसान हुआ है। अगर ज्यादा बारिश हुई तो तैयार सब्जियां और नर्सरी दोनों गल जाएगी। फिर हम कहीं के ना रहेंगे।

सरकार क्या कह रही है?

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बारिश और बाढ़ के कारण करीब 2 लाख किसानों की फसल को हुए नुकसान का मुआवजा देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को बारिश के कारण धान और गन्ना जैसी फसलों को हुए नुकसान का आवश्यक आकलन करने का निर्देश दिया है।

नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार, सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि जिस भी किसान की फसल खराब हुई है, उन्हें जल्द से जल्द नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। राजस्व और कृषि विभाग आपस में समन्वय बनाकर इस काम को प्राथमिकता से पूरा करेंगे। इसके अलावा राज्य सरकार बारिश प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक राहत और पुनर्वास के उपाय कर रही है। नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को 68 करोड़ रुपये दिये जाएंगे।

न उचित सिंचाई की व्यवस्था, न खेतों में पानी निकासी का सही इंतज़ाम

गौरतलब है कि प्रदेश के किसानों की खेती-किसानी 'राम भरोसे' यानी प्रकृति पर ही निर्भर है। पिछली बारिश यूपी के किसानों को लाखों का नुकसान देकर गई थी। कई जिलों में धान, केला, गोभी, पपीता, लौकी, तोरई, टमाटर, गन्ना की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। तब भी सबसे ज्यादा नुकसान सब्जियों की फसल को हुआ है। और अब भी सबसे ज्यादा प्रभावित छोटे और मझोले किसान ही हैं। तब से अब तक प्रभावित किसान सरकार से मुआवजे और बीमा की आस में हैं। सरकार द्वारा जल्द मुआवजा देने की बात भी सामने आई है लेकिन ये अभी कब तक किसानों तक पहुंचेगा, इसकी कोई खबर नहीं है।

वैसे बीते साल कोरोना महामारी के चलते किसानों के हाल बेहाल थे तो इस बार राज्य में पहले ही किसान बिजली और पानी की उचित व्यवस्था ना होने से परेशान हैं, वहीं अब बेमौसम की बारिश उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर रही है। विधानसभा के चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में सरकार की ओर से भी विशेष पैकेज और करोड़ों की राहत राशि दिए जाने का ऐलान किया जा रहा है, लेकिन सरकारी दावों और वादों से इतर हक़ीक़त यह भी है कि किसान एक ओर उचित सिंचाई की व्यवस्था न होने से परेशान है तो वहीं दूसरी ओर खेतों में पानी की सही निकासी न होने से बेमौसम बारिश से लाचार है। एक ओर बुंदेलखंड जैसे इलाके हैं जो सालों से सूखे की मार झेल रहे हैं, पानी के संकट से जूझ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अब धान, दाल और सब्जियों के लबालब खेत हैं जो अधिक पानी से सड़ने और गलने को मजबूर है।

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