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यूपी चुनाव, चौथा चरण: केंद्रीय मंत्री समेत दांव पर कई नेताओं की प्रतिष्ठा

उत्तर प्रदेश चुनाव के चौथे चरण में 624 प्रत्याशियों का भाग्य तय होगा, साथ ही भारतीय जनता पार्टी समेत समाजवादी पार्टी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। एक ओर जहां भाजपा अपना पुराना प्रदर्शन दोहराना चाहेगी, तो सपा भी साल 2012 वाली आंधी के इंतज़ार में है।
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चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर इस बार कई केंद्रीय मंत्रियों समेत बड़े-बड़े प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, केंद्रीय मंत्रियों की बात करें तो ख़ुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद हैं, ऐसे में लखनऊ शहर के अंदर आने वाली पांच सीटें, उनके साथ-साथ भाजपा की भी प्रतिष्ठा बन गई है। सबसे पहले बात करते हैं।

लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट की।

राजधानी लखनऊ की लखनऊ पूर्व सीट से योगी सरकार के कद्दावर मंत्री आशुतोष टंडन मैदान में हैं। आशुतोष भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार रहे लालजी टंडन के बेटे हैं। आशुतोष के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने अनुराग भदौरिया को मैदान में उतारा है। अनुराग समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं, वहीं दूसरी ओर बसपा की तरफ से आशीष कुमार सिन्हा और कांग्रेस ने मनोज तिवारी को मैदान में उतारा है। पिछली बार ये सीट आशुतोष टंडन के नाम रही थी।

लखनऊ कैंट विधानसभा सीट

राजनाथ सिंह के ही संसदीय क्षेत्र लखनऊ में आने वाली सीट लखनऊ कैंट पर नज़र डालें तो ये सीट कानून मंत्री बृजेश पाठक के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है। भाजपा की ओर से योगी सकार में मंत्री बृजेश पाठक को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है। बृजेश ने पिछली बार लखनऊ मध्य से चुनाव जीता था। इस बार उनकी सीट भाजपा ने बदल दी है। बृजेश के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने सुरेंद्र सिंह गांधी, बसपा ने अनिल पांडेय और कांग्रेस ने दिलप्रीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। 2017 में यह सीट भाजपा के लिए डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने जीती थी। 2019 में रीता जोशी लोकसभा सांसद चुन ली गईं, इसके बाद हुए उपचुनाव में यहां से भाजपा के सुरेश तिवारी विधायक चुने गए थे।

सरोजनीनगर सीट

लखनऊ की सरोजनीनगर सीट भी इस बार बेहद चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि यहां से भाजपा ने ईडी के जॉइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है। राजेश्वर ने हाल ही में वीआरएस लेकर भाजपा जॉइन की है। राजेश्वर सिंह को टिकट देने के लिए भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह का टिकट काट दिया। राजेश्वर सिंह के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने अभिषेक मिश्र को मैदान में उतारा है। अभिषेक सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। बसपा ने मोहम्मद जलीस खान और कांग्रेस ने रुद्र दमन सिंह को मैदान में उतारा है।

लखनऊ की मोहनलालगंज विधानसभा सीट

राजनाथ सिंह के अलावा लखनऊ से ही सटे मोहनलाल गंज से कौशल किशोर सांसद हैं, जिन्हें मोदी मंत्रीमंडल विस्तार में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया था, ऐसे में अगर भाजपा प्रत्याशी अमरेश कुमार सपा के उम्मीदवार अम्ब्रीश पुष्कर को पटखनी दे देते हैं फिर तो ठीक है, लेकिन अगर अमरेश कुमार हार जाते हैं या कम वोटों के अंतर से जीतते हैं तो कौशल किशोर के नेतृत्व और प्रतिष्ठा पर बात आएगी।

अमेठी ज़िले की सभी विधानसभा सीटों पर रहेगी नज़र

राजधानी लखनऊ की विधानसभा सीटें तो बेहद महत्वपूर्ण हैं ही लेकिन अमेठी की एक-एक विधानसभा सीट को स्मृति ईरानी बेहद महत्वपूर्ण बना देती हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दिया था, जिसे कांग्रेस के गढ़ में एक बड़ी सेंध मानी गई थी, लेकिन प्रियंका और राहुल ने जिस तरह फिर से अमेठी को खुद का घर बताकर वहां के लोगों से वो की अपील की है, ऐसे में एक-एक सीट बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।

अजय मिश्र टेनी का संसदीय क्षेत्र लखीमपुर खीरी

लखनऊ और अमेठी के अलावा जिस विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा नज़र रहेगी वो है लखीमपुर... लखीमपुर में हुई हिंसा को भला कौन भूल सकता है, जहां कई किसानों को अपनी जीप से कुचलने के आरोपी आशीष   मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का रसूख दांव पर है। 

आशीष मिश्र को ज़मानत मिल जाने के बाद मामला और ज्यादा तूल पकड़ता दिख रहा है ऐसे में लखीमपुर खीरी की सभी विधानसभा सीटों पर भी खास नज़र रहेगी।

हरदोई सदर से नितिन अग्रवाल चुनाव मैदान में

हरदोई सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने नितिन अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है, उनका सीधा मुकाबला सपा के अनिल वर्मा से है। नितिन अग्रवाल नरेश अग्रवाल के बेटे हैं नितिन अग्रवाल 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते थे। लेकिन 2018 में नरेश अग्रवाल राज्यसभा का टिकट ना मिलने पर समाजवादी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। तब से नितिन भी बीजेपी में ही थे। नितिन अग्रवाल समाजवादी पार्टी सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री और स्वतंत्र प्रभार का लघु उद्योग विकास मंत्री रहे थे. इस सीट पर बसपा से शोभित पाठक उर्फ सनी और कांग्रेस से आशीष कुमार सिंह चुनाव मैदान में हैं.

संडीला से SBSP के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव मैदान में

हरदोई के संडीला सीट से ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव समाज पार्टी की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। सुभासपा और समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने यहां से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अर्कवंशी को उम्मीदवार बनाया गया है। बीजेपी से अलका सिंह चुनाव मैदान में हैं। वही बहुजन समाज पार्टी ने अपने पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान को उतारा है। ऐसे में बसपा और सुभासपा दोनों की प्रतिष्ठा यहां दांव पर लगी है।

उन्नाव की पुरवा विधानसभा सीट

उन्नाव की पुरवा सीट चर्चा में है। यहां से मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी उरूसा इमरान राणा को कांग्रेस ने टिकट दिया है। उरूसा के खिलाफ भाजपा ने अनिल सिंह, सपा ने उदय राज और बसपा ने विनोद कुमार को टिकट दिया है। उन्नाव की ही सदर सीट भी चर्चा में है। यहां से भाजपा ने मौजूदा विधायक पंकज गुप्ता पर फिर से भरोसा जताया है, जबकि सपा ने अभिनव कुमार और बसपा ने देवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है।

रायबरेली सदर सीट

चौथे चरण में सोनिया गांधी का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में भी मतदान होने जा रहा है, रायबरेली की सदर विधानसभा में बीजेपी की प्रत्याशी अदिति सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। अदिति सिंह के पिता कांग्रेस से 1993 से 2017 तक लगातार विधायक रहे और 17 में अदिति ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता। इस बार अदिति सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। हाल ही में अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन किया था। अदिति सिंह के पक्ष में अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ तक सभाएं कर चुके है। अदिति सिंह के सामने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आरपी यादव हैं, जो पहले भी 2012 का विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर मनीष सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने मोहम्मद अशरफ को चुनाव मैदान में उतारा है।

रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा सीट

रायबरेली की ऊंचाहार सीट भी चर्चा के केंद्र में है। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्या को टिकट दिया है, जबकि समाजवादी पार्टी ने 2017 में इस सीट पर जीत दिलाने वाले अपने विधायक मनोज कुमार पांडेय पर फिर भरोसा जताया है। बहुजन समाज पार्टी ने अंजली मौर्या और कांग्रेस ने अतुल सिंह को यहां से प्रत्याशी बनाया है।

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