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वाराणसी: रेलवे कर्मियों ने न्‍यू पेंशन स्‍कीम व निजीकरण के ख़िलाफ़ निकाला जुलूस, जाएंगे दिल्ली 

न्‍यू पेंशन स्‍कीम (एनपीएस) व निजीकरण/निगमीकरण के ख़िलाफ़ रेलवे कर्मचारियों का संघर्ष पुरानी पेंशन बहाली व भारतीय रेलवे के निजीकरण/निगमीकरण के पूरी तरह समाप्त होने तक रहेगा जारी।
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13 जुलाई गुरुवार को प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी डीआरएम ऑफिस, लहरतारा से लोकतांत्रिक तरीके से हजारों रेलवे कर्मचारियों ने एनपीएस व निजीकरण के खिलाफ मशाल जुलूस, वाराणसी कैन्ट रेलवे स्टेशन तक निकाला। जुलूस के दौरान 'पुरानी पेंशन बहाल करो’, 'जो पुरानी पेंशन बहाल करेगा, वही देश मे राज करेगा' आदि नारे लगाए गए।

मशाल जुलूस जब वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर पहुंचा औऱ जुलूस निकाल रहे रेलवे कर्मचारियों ने जब नारे बुलंद किए कि 'जनता की सवारी भारतीय रेल बेचना बंद करो’, 'देश बेचना बंद करो।' तो वहां उपस्थित हजारों यात्री पूरे ऊर्जा और उत्साह के साथ स्वतः रेलवे कर्मचारियों के साथ नारे दुहराते हुए जुलूस में शामिल होकर वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन का पूरा एक चक्कर लगाया।

कार्यक्रम को संबोधित करते फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे/एनएमओपीएस के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र पाल ने कहा कि एनपीएस व निजीकरण/निगमीकरण के खिलाफ जारी हमारा संघर्ष पुरानी पेंशन बहाली व जनता की सवारी भारतीय रेलवे के निजीकरण/निगमीकरण का पूरी तरह से समाप्ति तक जारी रहेगा।

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय आह्वान पर 1 अक्टूबर 2023 को रामलीला मैंदान, नई दिल्ली में होने वाली पेंशन शंखनाद रैली में वाराणसी से पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे और बनारस रेल कारखाने से हजारों रेलवे कर्मचारी भागीदारी करेंगे। आज के मशाल जुलूस में रेलवे में कार्यरत सभी कटेरिगल एसोसिएशन से जुड़े हजारों रेलवे कर्मचारियों की भागीदारी इस बात का प्रमाण है।

नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे के राष्ट्रीय प्रचार सचिव व एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो यात्रा के सहयात्री डॉ कमल उसरी ने कहा कि एनपीएस व निजीकरण भारत छोड़ो यात्रा जो 1 जून 2023 गांधी आश्रम, भितरहवा, चंपारण बिहार से शुरू होकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, नई दिल्ली, राजघाट पर 18 हजार किलोमीटर की यात्रा तय करते हुए 28 जून 2023 को पहला चरण पूरा की है। एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो यात्रा को देश भर में मिले अपार जनसमर्थन ने ओपीएस को खत्म कराने के गुनहगार, एनपीएस के ट्रस्टी रेलवे में मान्यता प्राप्त यूनियनों को पूरी तरह से बेकनाब कर दिया है,

आज पेंशन विहीन सरकारी कर्मचारी यूनियनों/ संगठनो के दबाव से मुक्त होकर स्वयं के विवेक से क्रांतिकारी पहलकदमी लेते हुए फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे/एनएमओपीएस द्वारा जारी पुरानी पेंशन बहाली के संघर्ष में हजारों- लाखों की संख्या में जगह जगह भागीदारी कर रहे हैं।

डॉ कमल उसरी ने कहा उड़ीसा के बालासोर में हुए रेल दुर्घटना का मुख्य कारण रेलवे का अंधाधुंध तरीके से हो रहा निजीकरण और रेलवे में लाखों कुशल और प्रशिक्षित रेलवे कर्मचारियों की कमी है। वर्तमान केंद्र सरकार अमीरों का लाभ और गरीबों का विनाश करते हुए पैंसेंजर ट्रेन का किराया एक्सप्रेस का कर दी है, वही वंदे भारत समेत सभी ट्रेनों के एसी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव श्रेणी के किराए में 25% तक कटौती कर रही है। आम आवाम की भागीदारी व सहयोग से रेलवे के निजीकरण और रेलवे यात्रियों की सुविधाओ में हो कटौती को रोका जायेगा।

एनई रेलवे मेंस कांग्रेस- ज़ोनल अध्यक्ष अखिलेश पाण्डेय ने कहा कि आज सरकारी कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा पुरानी पेंशन बहाली है। 2024 लोक सभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन बहाली कराना हमारा लक्ष्य है।

अटेवा प्रदेश उपाध्यक्ष सतेंद्र राय ने कहा कि सभी राजनीतिक दल के चुने हुए माननीय सांसदों के आवास की 1 अगस्त से 9 अगस्त तक घंटी बजाकर पुरानी पेंशन बहाली के लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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