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बांग्लादेश में भी ईंधन की क़ीमतों में बेतहाशा वृद्धि, विरोध में प्रदर्शन शुरू

सरकार वित्तीय दबाव में है और आईएमएफ से 450 मिलियन डॉलर का क़र्ज़ लेने की कोशिश कर रही है। इस ऋण की शर्तों में से एक ऊर्जा क्षेत्र में सब्सिडी की वापसी है। माना जा रहा है कि ईंधन की क़ीमतों में बढ़ोतरी से इस शर्त को पूरा किया गया है।
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बांग्लादेश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है साथ ही देश परिवहन संकट से जूझ रहा है।

डीजल और मिट्टी के तेल के दाम 80 रुपये से बढ़ाकर 114 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 86 रुपये से बढ़ाकर 130 रुपये हो गया है और ऑक्टेन की कीमत 89 रुपये से बढ़ाकर 135 रुपये हो गया है। डीजल की कीमतों में वृद्धि की दर लगभग 42% है जबकि पेट्रोल और ऑक्टेन की कीमत में 50% तक की वृद्धि हुई है। बढ़ी हुई कीमतें शनिवार 6 अगस्त से प्रभावी हो गई हैं। ईंधन की कीमतों में इस वृद्धि की घोषणा शुक्रवार को विद्युत, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन मंत्रालय द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में किया गया।

विद्युत, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन राज्य मंत्री नसरुल हामिद ने कहा, 'सरकार ने जब तक संभव हो पाया कीमतें बढ़ाने के बारे में नहीं सोचा था। लेकिन स्थिति को देखते हुए काफी अनिश्चितता है और कुछ समायोजन करने होंगे। अगर स्थिति सामान्य होती है, तो उसके अनुसार ईंधन तेल की कीमत में संशोधन किया जाएगा।

ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को लगता है कि कीमत बढ़ने के बाद ईंधन तेल क्षेत्र में सरकार की सब्सिडी फौरन कम हो जाएगी। सरकार वित्तीय दबाव में है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 450 मिलियन डॉलर का कर्ज लेने की कोशिश कर रही है। आईएमएफ ऋण के लिए कई शर्तों में से एक ऊर्जा क्षेत्र में सब्सिडी की वापसी है। माना जा रहा है कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से इस शर्त को पूरा किया गया है।

इस बीच, राजधानी ढाका शनिवार सुबह से ही सार्वजनिक परिवहन संकट से जूझ रहा है। देश के सबसे बड़े बंदरगाह शहर चटगांव में अब सार्वजनिक बसें नहीं चल रही हैं। लंबी दूरी की बसों के फेरे में वृद्धि हुई है। फिर भी, कई क्षेत्रों में परिवहन संकट बना हुआ है।

मंत्रालय द्वारा शुक्रवार रात ईंधन की कीमतों में वृद्धि की घोषणा के तुरंत बाद ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में तेल पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं। कई जगहों पर लोगों ने ईंधन नहीं मिलने पर कथित तौर पर पंप कर्मियों के साथ मारपीट की क्योंकि कई जिलों से तेल की कमी की सूचना मिली है।

शुक्रवार को कीमतों में वृद्धि की घोषणा के बाद गाजीपुर के श्रीपुर में पेट्रोल पंप पर ईंधन उपलब्ध न होने के कारण कई मोटरसाइकिल वालों ने ढाका-मायमनसिंह राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। हाईवे पर कई किलोमीटर तक ट्रैफिक जाम देखा गया।

ट्रांसपोर्ट मालिकों ने दावा किया है कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण मौजूदा निर्धारित किराए पर वाहन चलाना संभव नहीं है जिससे उन्हें बसों का संचालन बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग्स (सीपीडी) के शोध निदेशक खांडाकर गुलाम मोअज़्ज़म ने मीडिया को बताया कि हाल के दिनों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए जिस तरह से सरकार ने ईंधन तेल की कीमतों में वृद्धि की है इससे रोजमर्रा की जरूरतों का खर्च काफी हद तक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा, “मुख्य रूप से उन क्षेत्रों जैसे परिवहन, कृषि, बिजली उत्पादन और विनिर्माण क्षेत्र में जहां डीजल का उपयोग अधिक है वहां उत्पादन लागत में वृद्धि से उपभोक्ता को उत्पाद की कीमत में वृद्धि होगी।”

उन्होंने आगे कहा, "हमें लगता है कि ऋणदाताओं के साथ ऋण वार्ता के लिए एक शर्त को पूरा करने के लिए डीजल की कीमत बढ़ाने का निर्णय उचित नहीं है क्योंकि यह उपभोक्ताओं पर लागत को बढ़ाएगा"

इसको लेकर बांग्लादेश गारमेंट ओनर्स एसोसिएशन (बीजीएमईए) के अध्यक्ष फारूक हसन ने कीमतों में बढ़ोतरी के संभावित परिणामों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ''सरकार के आदेश पर लोड शेडिंग हो रही है जिसके चलते कारखानों में गैस की किल्लत से 5-6 घंटे बिजली नहीं आती है। नतीजा यह है कि दिन में छह घंटे जेनरेटर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। जैसे जेनरेटर का इस्तेमाल बढ़ता है, ज्यादा से ज्यादा तेल का इस्तेमाल करना पड़ता है। अब ईंधन तेल की कीमत में वृद्धि गार्मेंट क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। हमारे पास बहुत सारे ऑर्डर हैं। इन ऑर्डरों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त लागत लेगेगी।"

हसन के अनुसार, कई कारखानों के पास बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। वे आगे कहते हैं, “कई ऑर्डर ऐसे हैं जिन पर काम कर रहे हैं और वे दो या तीन महीने पहले लिए गए थे। नए ऑर्डरों के साथ साथ इन ऑर्डरों की उत्पादन लागत भी अब और बढ़ जाएगी। अगर ईंधन की कीमत बढ़ती है, तो परिवहन किराया भी बढ़ जाता है। वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी और महंगाई बढ़ेगी। साथ ही कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ाया जाएगा। ऐसे में बंद करने के अलावा नुकसान से बचने का और क्या उपाय हो सकता है?”

इस बीच, देश में इस फैसले के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। राजधानी के श्यामोली क्षेत्र में विरोध मार्च निकाला गया। इस दौरान पुलिस की एक गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोपहर दो बजे के बाद कुछ नाराज लोगों ने श्यामोली शिशु मेला के सामने ईंधन के दामों में वृद्धि को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़क से गुजर रही पुलिस की एक कार को घेर लिया और उसमें तोड़फोड़ की।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बांग्लादेश (सीपीबी), वर्कर्स पार्टी, बांग्लादेश समाजतांत्रिक दल (बीएसीएडी), गनो अधिकार परिषद और बीएनपी सहित अधिकांश विपक्षी राजनीतिक दलों ने शनिवार को देश के विभिन्न हिस्सों में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के विरोध में प्रदर्शन किया।

छात्र अधिकार परिषद ने अपना विरोध व्यक्त करने के लिए शुक्रवार रात मशाल मार्च निकाला। शनिवार सुबह से छात्र दल, छात्र संघ और समाजवादी छात्र मोर्चा समेत विभिन्न छात्र संगठन भी सड़कों पर उतर आए हैं। देश के मुख्य विपक्षी दल बीएनपी के महासचिव शनिवार को राजधानी के नया पलटन में केंद्रीय कार्यालय के सामने छात्र दल द्वारा आयोजित एक विरोध कार्यक्रम में शामिल हुए।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Bangladesh: Unprecedented Increase in Fuel Prices Affects Transport, Protesters Condemn Move

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