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दिल्ली में हिंसा सोचा-समझा षड्यंत्र, इस्तीफा दें गृह मंत्री अमित शाह: सोनिया गांधी

दिल्ली में हिंसा की घटनाओं के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोगों से शांति एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील की।
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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को पहले से सुनियोजित षड्यंत्र का नतीजा करार दिया। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बनती है और ऐसे में उन्हें पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पारित प्रस्ताव पढ़ते हुए सोनिया ने संवाददाताओं से कहा, 'दिल्ली की हिंसा एक सोच-समझा षड्यंत्र है। भाजपा के कई नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर नफरत और भय का माहौल पैदा किया।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति सब परिवारों के साथ अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है, जिन्होंने परिवार के सदस्यों को खोया है और वह सब घायलों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना करती है। सोनिया ने कहा, 'पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार, खासतौर से गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। फौरन तौर से जिम्मेदारी लेते हुए गृहमंत्री को अपना इस्तीफा देना चाहिए।'

उन्होंने यह दावा भी किया, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार भी शांति तथा सद्भाव बनाए रखने में पूरी तरह से विफल होने के जिम्मेदार हैं। दोनों सरकारों की जिम्मेदारी निभाने में विफलता के कारण देश की राजधानी इस त्रासदी का शिकार बनी है।'

सोनिया ने सीडब्ल्यूसी से पारित प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए सवाल किया, 'पिछले रविवार से देश के गृहमंत्री कहां थे और वो क्या कर रहे थे? पिछले रविवार से दिल्ली के मुख्यमंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? दिल्ली चुनाव के बाद खुफिया एजेंसियों द्वारा क्या जानकारी दी गई और उन पर क्या कार्यवाही हुई?' उन्होंने यह पूछा, 'रविवार की रात से कितनी पुलिस फोर्स दंगों वाले इलाके में लगाई गई, जब यह साफ था कि दंगे और फैल रहे हैं? जब दिल्ली में हालात बेकाबू हो गए थे और पुलिस का नियंत्रण नहीं बचा था, तो ऐसे में और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को क्यों नहीं बुलाया गया?"

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सीडब्ल्यूसी लोगों से घृणा की राजनीति को अस्वीकार करने और दरारें भरने के लिए बेहतर कदम उठाने की अपील करती है। सोनिया ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को प्रभावित इलाकों में जाना चाहिए और लोगों के साथ लगातार संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया जाना चाहिए तथा मोहल्लों में शांति समितियों का गठन किया जाना चाहिए।

संवाददाता सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इससे पहले, सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल और कई अन्य नेता शामिल हुए।
 
प्रधानमंत्री ने शांति एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील की

दिल्ली में हिंसा की घटनाओं के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोगों से शांति एवं भाईचारा बनाये रखने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में वर्तमान स्थिति की गहन समीक्षा की है।

मोदी ने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जल्दी शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल हो। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में वर्तमान हालात की गहन समीक्षा की। पुलिस एवं अन्य एजेंसियां सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिये काम कर रही हैं।’

मोदी ने कहा, ‘हमारे संस्कार के मूल में शांति, सौहार्द है। मैं दिल्ली के बहनों, भाइयों से शांति और भाईचारा बनाये रखने की अपील करता हूं।’

दिल्ली हिंसा 2002 के गुजरात दंगों की याद दिलाई: येचुरी

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा कि दिल्ली हिंसा ने 2002 के गुजरात दंगों की ‘याद’ दिला दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सेना को बुलाने के सिवा कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि दिल्ली में हिंसा को पुलिस और उन ताकतों की शह थी जो उन्हें संचालित करते हैं। केंद्र और राज्य सरकार को हिंसा में मारे गए व्यक्तियों के आश्रितों एवं घायलों को पर्याप्त मुआवजा देना चाहिए।’ दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आती है।

हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना को तैनात करें: आप

आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह और गोपाल राय ने बुधवार को केंद्र से गुहार लगाई कि हालात को काबू में करने के लिए उत्तरपूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में वह सेना को तैनात करे। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुरोधों के बावजूद सीमावर्ती इलाकों को सील क्यों नहीं किया गया। संजय सिंह ने दावा किया कि हालात को काबू में करने के लिए आप सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, साथ ही कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महज ‘औपचारिकता’ के लिए बैठकें नहीं कर सकते।

सिंह ने कहा, ‘गृह मंत्री जाग जाईये, आप महज औपचारिकता के लिए बैठकें बुला रहे हैं, और आपकी पार्टी के सदस्य क्या कर रहे हैं। वे हिंसा भड़का रहे हैं। महज औपचारिकता के लिए बैठकें करने से समाधान निकलने वाला नहीं है।’ आप नेता सिंह ने आरोप लगाया कि एक ओर तो शाह बैठकें कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता उकसावे वाले बयान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हालात ‘डरावने’ हैं और यह सबकुछ दिल्ली में हो रहा है, जहां कानून-व्यवस्था पूरी तरह से केंद्र के हाथों में है। आप नेता ने कहा, ‘हिंसा भड़काने वाले लोगों का कोई धर्म नहीं है। हिंसा भड़काने के लिए बड़ी संख्या में बाहरी लोग दिल्ली में प्रवेश कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल के अनुरोधों के बावजूद सीमावर्ती इलाकों को सील क्यों नहीं किया गया?’

उन्होंने दावा किया कि जब से अमित शाह गृह मंत्री बने हैं तब से शहर में कानून-व्यवस्था के हालात ‘बदतर’ हो गए हैं। सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘लोगों को मारा जा रहा है, दुकानें और घर जलाए जा रहे हैं। कानून-व्यवस्था गृह मंत्रालय के अधीन आती है और जब से अमित शाह गृह मंत्री बने हैं तब से चीजें बदतर हो गई हैं।’ गोपाल राय ने कहा कि आप ने सभी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे हिंसाग्रस्त इलाकों के लोगों से बात करें और शांति के संदेश का प्रसार करें।

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली के उप राज्यपाल ने वादा किया था कि अतिरिक्त बल तैनात किया जाएगा, थोड़े बल को तैनात भी किया गया लेकिन उसके बावजूद गोलीबारी की घटनाएं रुकी नहीं।’ आप के दोनों नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के हिस्सों में सेना की तैनाती के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

दिल्ली में हालात पर नियंत्रण के लिए डोभाल को दी गयी जिम्मेदारी

राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति से चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को दंगा प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में हालात सामान्य बनाने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में बताया। अधिकारियों ने बताया कि जिम्मेदारी मिलने के तुरंत बाद डोभाल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक और नव नियुक्त विशेष आयुक्त एस एन श्रीवास्तव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ देर रात में दौरा किया।

उन्होंने जाफराबाद और सीलमपुर सहित उत्तर-पूर्वी दिल्ली के प्रभावित इलाकों का दौरा किया। वहां पर उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और जरूरी निर्देश दिए। इसके अलावा माहौल शांत करने के लिए अलग-अलग समुदायों के नेताओं से भी भेंट की।

अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे के समय ही राष्ट्रीय राजधानी में भड़की हिंसा पर लगाम लगाने में नाकामी पर पटनायक के आलोचनाओं में घिरने के बाद माना जा रहा है कि डोभाल ने श्रीवास्तव को खुद चुना है। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है।

हिंसा प्रभावित इलाकों में जमीनी हालात का मुआयना करने के बाद डोभाल ने बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) को सांप्रदायिक दंगे के शिकार हुए इलाकों की स्थिति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने सीसीएस को हिंसा को शांत करने और जल्द से जल्द हालात सामान्य बनाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया। प्रधानमंत्री के अलावा, सीसीएस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

 

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