'राष्ट्रीय सामाजिक रजिस्ट्री जनता की निगरानी का उपकरण बन सकती है '
भारत के 1.2 बिलियन नागरिकों के जीवन के प्रत्येक पहलू को पकड़ने के लिए मोदी सरकार ऑटो अपडेटिंग, सर्चेबल डेटाबेस को बनाने के आखिरी चरण में है। अगर मोदी के अफसरों और परामर्शदाताओं की कल्पना को धरातल पर उतारा जाय, तो ये रजिस्ट्री नागरिकों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखेगी। हफिंगटन पोस्ट इंडिया के लिए स्वतन्त्र पत्रकार कुमार संभव श्रीवास्तव ने इस विषय पर कई एक्सक्लूसिव लेख लिखे हैं जो अन्य भाषाओं में भी आ चुके हैं। वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता, कुमार संभव श्रीवास्तव से इस बारे में चर्चा कर रहे हैं।
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