NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत
जबकि यूक्रेन ने वार्ता में शामिल होने से इनकार कर दिया है, रूसी सेना ने इस सप्ताह के शुरू में मारियुपोल के अज़ोवस्टल स्टील प्लांट में सैकड़ों यूक्रेनी सेनाओं के आत्मसमर्पण के बाद डोनबास में एक बड़ी जीत हासिल कर ली है।
पीपल्स डिस्पैच
20 May 2022
Translated by महेश कुमार
ukraine
फोटो: रूसी रक्षा मंत्रालय/TASS

इस सप्ताह की शुरुआत में मारियुपोल के पतन और यूक्रेन के रूसी नियंत्रण में आने वाले सभी क्षेत्रों को वापस लेने की नई प्रतिज्ञा ने इस क्षेत्र में एक "लंबे" परोक्षी युद्ध के डर को बढ़ा दिया है और साथ ही खाद्य असुरक्षा के बिगड़ने की वैश्विक चिंताओं को भी बढ़ा दिया है।

बुधवार, 18 मई को राष्ट्र के नाम दिए गए एक संबोधन में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने दावा किया कि उनका देश "कब्जे करने वालों को बाहर निकालकर" रूस द्वारा कब्ज़ा किए गए सभी शहरों को वापस ले लेगा। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव ने आशंका व्यक्त की है कि रूस यूक्रेन में अपने युद्ध में एक "लंबे चरण" में प्रवेश कर रहा है क्योंकि वह दक्षिण में अपनी तैनाती की रक्षा करना चाहता है और डोनबास क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करना चाहता है।

अतीत में वार्ता की जरूरत को स्वीकार करने के बावजूद, दोनों देशों ने गुरुवार को पुष्टि की कि वार्ता आधिकारिक रूप से ठप हो गई है। रूसी उप-विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने दावा किया है कि यूक्रेनियन "व्यावहारिक रूप से वार्ता प्रक्रिया से हट गए हैं।" दूसरी ओर, रूस ने यूक्रेन पर पश्चिम के दबाव के कारण वार्ता से हटाने और ठंडा रुख पर अपनाने का आरोप लगाया है, जो रूस से बदला लेने के लिए यूक्रेन का इस्तेमाल कर रहा है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति के सलाहकार मायखाइलो पोडॉलिक ने पुष्टि की है कि रूस के साथ बातचीत रुकी हुई है और इस समय बातचीत से कुछ हासिल भी नहीं होगा।

मारियुपोल का घुटने टेकना

इस बीच, अज़ोवस्टल स्टील प्लांट के अंतिम युद्ध मैदान में सैकड़ों यूक्रेनी लड़ाकों के आत्मसमर्पण के बाद रूस ने डोनबास क्षेत्र के बंदरगाह शहर मारियुपोल पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है। करीब तीन महीने तक चली इस लड़ाई को सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई माना गया।

रूसियों द्वारा किए गए दावों के अनुसार, नव-नाजी आज़ोव बटालियन के सैकड़ों सदस्यों सहित लगभग 1,700 यूक्रेनी सैनिकों ने सोमवार से आत्मसमर्पण कर दिया है। टास के अनुसार, इन सभी यूक्रेनी लड़ाकों को रूस ने अपने डिटेन्शन सेंटर में भेज दिया गया है।

रूसी सूत्रों ने दावा किया है कि इनमें से कुछ बंदियों पर युद्ध अपराधों के मामले में मुकदमा चलाया जाएगा क्योंकि उन पर स्टील प्लांट में नागरिकों को जबरन रखकर मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप है।

युद्ध और प्रतिबंध वैश्विक खाद्य संकट को गहरा कर रहे हैं

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने आशंका व्यक्त की है कि यूक्रेन में युद्ध और रूस पर पश्चिम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से "लाखों लोगों को खाद्य असुरक्षा, कुपोषण, बड़े पैमाने पर भूख और अकाल के बाद संकट में डाल देने का खतरा पैदा हो गया है जोकि ऐसा संकट है जो वर्षों तक चल सकता है।"

युद्ध की शुरुआत से ही दुनिया भर में खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ते रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनिया में 36 से अधिक ऐसे देश हैं, जिनमें सबसे गरीब देश भी शामिल हैं, जो अपने गेहूं के आधे से अधिक कोटे के लिए रूस और यूक्रेन से आयात पर भरोसा करते हैं। युद्ध और प्रतिबंधों ने बड़ी संख्या में इन देशों को पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति पूरा करने से रोक दिया है जिससे विश्व स्तर पर अधिक मूल्य वृद्धि हो सकती है।

पीपल्स डिस्पैच से बात करते हुए नो कोल्ड वॉर प्लेटफॉर्म के जॉन रॉस ने कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगाकर अमेरिका और उसके सहयोगियों ने पूरी दुनिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने दावा किया कि अगर प्रतिबंध जारी रहे और कीमतें बढ़ती रहेंगी, जिससे अरबों लोगों के जीवन स्तर में गिरावट आएगी और "यह ग्लोबल साउथ के कुछ करोड़ों लोगों के लिए जीवन के लिए खतरनाक स्थिति बनने जा रही है।" उन्होंने रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों को "लापरवाह और एकतरफा" बताया और कहा कि वे "दुनिया की आबादी पर युद्ध की लागत" थोप रहे हैं।

देशों को वार्ता शुरू करने पर ज़ोर देते हुए गुटेरेस ने कहा कि "जटिल सुरक्षा, आर्थिक और वित्तीय निहितार्थ [युद्ध और प्रतिबंधों के] सभी पक्षों पर सद्भावना की आवश्यकता है।"

रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन में अपना "विशेष अभियान" शुरू किया था और इसे "घना" और "विसैन्यीकरण" करने का दावा किया था। रूस ने यूक्रेन पर मिन्स्क समझौते को लागू करने में विफल होने और डोनबास क्षेत्र के लोगों के खिलाफ अत्याचार करने का आरोप लगाया था। रूस ने पश्चिम पर उक्रेन को नाटो में शामिल करने और देश में खुद के हथियारों को तैनात कर, सुरक्षा गठबंधन का विस्तार करने की कोशिश करके उसकी सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया था। 

यूक्रेन के अंदर रूसी ऑपरेशन के बाद, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और उनके सहयोगियों ने रूस पर कई कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। प्रतिबंधों में रूस के केंद्रीय बैंकों और निजी पूंजी पर आर्थिक प्रतिबंध के साथ-साथ रूसी तेल और गैस के आयात पर प्रतिबंध शामिल हैं। पश्चिम ने रूसी राज्य-संबद्ध मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और दुनिया भर में इसके सांस्कृतिक और राजनीतिक बहिष्कार को प्रोत्साहित कर रहा है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Russia
ukraine
Azovstal steel plant
Donbass
Food Crisis
John Ross
Mariupol
NATO
No Cold War
Sanctions on Russia
UN
US
War in Ukraine

Related Stories

दक्षिणी यूक्रेन नाटो योजना की प्राथमिकता में है

रूस के साथ चीन ने आपसी साझेदारी के विचार को मज़बूत किया

भुखमरी का तूफ़ान

बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में उलझ कर रह गया है नाटो 

भारत में जलवायु परिवर्तन और आपदाओं के कारण साल 2021 में करीब 50 लाख लोग विस्थापित हुए :संरा

वैश्विक खाद्य संकट : घरेलू आत्मनिर्भरता ही एकमात्र रास्ता

अफ़्रीका से बहुत दूर चल रहा युद्ध लेकिन अफ़्रीका ही भुक्तभोगी

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ


बाकी खबरें

  • बिहार में अग्निपथ योजना का विरोध तेज़, छात्र संगठनों ने किया विधानसभा घेराव का ऐलान
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में अग्निपथ योजना का विरोध तेज़, छात्र संगठनों ने किया विधानसभा घेराव का ऐलान
    25 Jun 2022
    अग्निपथ योजना को लेकर चल रहा विरोध बिहार में अभी थमा नहीं है। राज्य के छात्र व युवा संगठनों ने 29 जून को बिहार विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है।
  • Saare Sukhan Humare
    न्यूज़क्लिक टीम
    सारे सुख़न हमारे : बच्चों और बचपन की शायरी
    25 Jun 2022
    "मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा, बड़ों की देख कर दुनिया बड़ा होने से डरता है"
  • एपी
    नॉर्वे में गोलीबारी में दो लोगों की मौत, 10 घायल : आतंकवादी हमले की आशंका
    25 Jun 2022
    पुलिस अधिकारियों ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गोलीबारी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया 42 वर्षीय संदिग्ध व्यक्ति ईरानी मूल का नॉर्वे का नागरिक है, जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। पुलिस ने हमलावर…
  • भाषा
    राष्ट्रपति चुनाव में बसपा का द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला : मायावती
    25 Jun 2022
    बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में कहा, ‘‘राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में बसपा अपना फैसला लेने के लिए आजाद है। पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने आंदोलन का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने…
  • महेश कुमार
    कैसे भाजपा, शिवसेना के अस्तित्व के लिए बन गई खतरा?
    25 Jun 2022
    शिवसेना ने हमेशा कोशिश की है कि वह भाजपा के हिन्दुत्व से अपने को अलग करे। क्योंकि वर्षों से भाजपा का हिन्दुत्व, शिवसेना के हिंदुत्व पर हावी हो रहा था और इसका व्यापक फ़ायदा भाजपा को मिल रहा था।…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें