Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

रूस-तुर्की ने क्षेत्रीय तनाव को कम करने के लिए उठाए कदम

तुर्की और ईरान के साथ समझ बनाने की पुतिन की पहल से संबंधों को मिल रहा नया आकार।
europ
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (दाएं) ने 5 अगस्त, 2022 को सोची, रूस में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन से मुलाकात की

रूस का सोची में शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगन के बीच चार घंटे की बैठक चली जो क्षेत्रीय राजनीति में एक निर्णायक पल होने का वादा करती नज़र आती है। सोची बैठक से सबसे बड़ा रास्ता, निश्चित रूप से, रूस और तुर्की के बीच की आपसी आर्थिक साझेदारी है, जो एक तरफ रूस को, पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए विश्व बाजार के साथ संबंध स्थापित करने में मदद करती है, और जो साथ ही तुर्की की अर्थव्यवस्था के लिए एक वरदान साबित होगी।

तुर्की यूरोपीयन यूनियन के सीमा शुल्क से जुड़े संघ का सदस्य है और यह कोई रहस्य नहीं है कि पश्चिमी प्रतिबंधों के मद्देनजर बहुत सारा रूसी धन हवा में तैर रहा है। अगर उस पैसे को पश्चिमी तकनीक और बाजार की पहुंच के साथ उत्पादन इकाइयां स्थापित करने, रोजगार पैदा करने और देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में तुर्की में निवेश में बदल दिया जाता है तो यह दोनों के लिए फायदे की स्थिती होगी। यह तो एक बात है।

सोची में, पुतिन और एर्दोगन अपने लेनदेन में डॉलर के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पर सहमत हुए हैं। रूसी गैस की तुर्की की खरीद का एक हिस्सा रूबल में तय किया जाएगा, जो निश्चित रूप से रूसी मुद्रा को मजबूत करेगा। समान रूप से, सोची बैठक ने पांच तुर्की बैंकों को रूस की मीर भुगतान प्रणाली को स्वीकार करने का काम सौंपा है, जिसे मॉस्को ने स्विफ्ट से रूस के बहिष्कार के बाद विकसित किया है।

अपने सबसे स्पष्ट स्तर पर, मीर प्रणाली रूसी नागरिकों, विशेष रूप से पर्यटकों को स्वतंत्र रूप से तुर्की की यात्रा करने में सक्षम बनाती है। दरअसल, इसके ज़रिए पश्चिम की चुभती निगाहों को भी दरकिनार किया जा सकता है। पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग न्यूज की एक रिपोर्ट बताती है कि संवेदनशील धन लेनदेन जो पश्चिमी जांच से परे हैं, पहले से ही हो रहे हैं। मूल रूप से, तुर्की रूस को पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने में मदद कर रहा है, जबकि वह यह भी ध्यान रख रहा है कि उसे किसी भी बरबादी भरे प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़े!

जाहिर है, यह सब राजनीतिक समझ के दायरे में ही संभव है। सोची में चार घंटे की बातचीत लगभग पूरी तरह से आमने सामने आयोजित की गई थी। एर्दोगन ने बाद में गुप्त रूप से टिप्पणी की कि पुतिन के साथ उनकी बातचीत से क्षेत्र को लाभ होगा। उन्होंने कुछ विस्तार से नहीं बताया।

निश्चित रूप से, ऐसे तीन प्रमुख क्षेत्र हैं जहां मैट्रिक्स को तत्काल महसूस किया जा सकेगा- वे हैं सीरिया, काला सागर और ट्रांसकॉकेशिया। तुर्की और रूसी हित यहां एक-दूसरे से टकराते हैं।

काला सागर में तुर्की, जलडमरूमध्य के निज़ाम के संबंध में मॉन्ट्रो कन्वेंशन के संरक्षक के रूप में (जो वह 1936 से है), युद्ध के समय में, युद्धपोतों को डार्डानेल्स जलडमरूमध्य, मरमारा सागर और बोस्पोरस जलडमरूमध्य के रास्ते से गुजरने के संबंध में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में इसका क्या प्रभाव होगा वह स्वयं स्पष्ट हैं।

फिर से ट्रांसकॉकेशिया में बाकू में अंकारा के प्रभाव को देखते हुए तुर्की एक स्थिर भूमिका निभा सकता है, जिसकी मास्को उससे अपेक्षा करता है। भले ही रूस नई भू-राजनीतिक परिस्थितियों का सामना कर रहा है, आर्मेनिया के साथ तुर्की का सामान्यीकरण अज़रबैजान और तुर्की के बीच संचार लिंक को खोलने में एक बड़ा उद्देश्य पेश करता है, जिससे बदले में रूस और तुर्की को जोड़ने वाला एक सीधा राजमार्ग लिंक खुल जाएगा। इसके आर्थिक निहितार्थ दूरगामी हैं, विशेष रूप से तुर्की के पास पहले से ही ईरान और पश्चिम एशियाई देशों के साथ खाड़ी क्षेत्र तक अच्छी तरह से विकसित सड़क संपर्क हैं।

हालाँकि जब सीरिया की बात आती है, तो एक जटिल तस्वीर दिखाई देती है। तुर्की प्रेस ने बताया है कि एर्दोगन सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को फोन करने की योजना बना रहे हैं। पुतिन, एर्दोगन को उत्तरी सीरिया में तुर्की की सीमा सुरक्षा के मुद्दों को संबोधित करने के सर्वोत्तम तरीके के रूप में सोचने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं - सैन्य घुसपैठ शुरू करने के बजाय असद के साथ सीधे संवाद करके ऐसा किया जा सकता है।

पुतिन की दृष्टि यह है कि मरणासन्न अदाना समझौते (1998) में अभी भी बहुत अधिक क्षमता है जिसे अभी तक इस्तेमाल नहीं किया गया है, जहां दमिश्क ने उग्रवादी सीरिया-आधारित कुर्द अलगाववादी समूहों पर नियंत्रण की गारंटी दी थी। एक बार जब ओबामा प्रशासन ने असद को उखाड़ फेंकने के लिए 2011 में अपने शासन परिवर्तन परियोजना में एर्दोगन को लालच दिया था तो "अदाना समझौते की भावना" को झटका लगा था। उस समय तक, एर्दोगन और असद, अपने परिवारों सहित, एक मधुर मित्रता का आनंद लेते थे।

हालाँकि, आज की परिस्थितियाँ एर्दोगन और असद के बीच मेल-मिलाप के मामले में अनुकूल हैं। सबसे पहले, असद ने सीरिया में अमेरिका के नेतृत्व वाली जिहादी परियोजना को सफलतापूर्वक पीछे छोड़ दिया है, इसके लिए, रूस और ईरान के समर्थन को धन्यवाद दिया जाना चाहिए। दमिश्क ने अधिकांश क्षेत्रों को जिहादी समूहों से मुक्त कर दिया है और शेष मुद्दा उत्तर और पूर्व में सीरियाई क्षेत्र के एक तिहाई हिस्से पर अमेरिकी कब्जे से संबंधित है।

असद ने आने वाले वर्षों के लिए भी सरकार में जमे रहने की अपनी ताक़त को मजबूत किया है। दूसरा, सीरिया के अरब पड़ोसियों के बीच भी असद लगातार क्षेत्रीय स्वीकृति हासिल कर रहे हैं। सीरिया मिस्र, सऊदी अरब, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के साथ एससीओ की सदस्यता चाहता है। तीसरा, 2016 में सीआईए समर्थित सैन्य तख्तापलट के बाद से एर्दोगन को उखाड़ फेंकने के लिए हाल के वर्षों में तुर्की-अमेरिकी संबंधों में खटास आ गई है।

आज का सबसे मुख्य कारक, उग्रवादी सीरियाई कुर्दों के साथ अमेरिका का राजनीतिक-सैन्य गठबंधन है जो इसके पैदल सैनिक हैं और अमेरिकी संरक्षण के तहत तुर्की की सीमा से लगे उत्तरी सीरिया में कुर्द मातृभूमि स्थापित करने की इच्छा रखते हैं। एर्दोगन को अमेरिका की मंशा पर गहरा शक है।

चौथा, ऊपर के कारकों से उपजी स्थिति, तुर्की सीरिया पर अमेरिकी कब्जे को हटाने की मांग में मास्को और तेहरान (और दमिश्क) के साथ हैं (जो न तो संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनिवार्य है और न ही सीरियाई निमंत्रण पर ऐसा किया गया है।)

पांचवां, रूस और ईरान, सीरियाई कुर्द समूहों के साथ संपर्क में हैं, लेकिन कुर्द और दमिश्क के बीच सुलह तब तक नहीं हो सकती, जब तक अमेरिकी सैन्य उपस्थिति जारी रहती है।

जाहिर है, इस जटिल गाँठ को काटने के किसी भी प्रयास की शुरुआत एर्दोगन और असद के बीच सुलह से होनी चाहिए। दमिश्क को मजबूत करना और सीरियाई समझौते को बढ़ावा देना तुर्की के हित में है, जो अंततः सीरिया पर अमेरिकी कब्जे को अस्थिर कर देगा और उत्तरी सीरिया में कुर्द क्षेत्रों को शांत करने का मार्ग खोल देगा।

इस बीच, सीरिया की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले घटनाक्रम में, रूस ने आज अपने बैकानूर कोस्मोड्रोम से एक ईरानी सैन्य उपग्रह लॉन्च किया है। यह एक रूसी निर्मित कनोपस-वी पृथ्वी-अवलोकन उपग्रह है जो इजरायल में सैन्य सुविधाओं सहित अपने चुने हुए स्थानों पर निरंतर निगरानी करने के लिए ईरान की क्षमता को बढ़ावा देगा।

मॉस्को ने ईरान के कुलीन इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (जो सीरिया में मौजूद हैं) के साथ गुप्त रूप से उपग्रह सौदे पर बातचीत की और मास्को के विशेषज्ञों ने उपग्रह के संचालन में आईआरजीसी के ग्राउंड क्रू को प्रशिक्षित किया है।

पेंटागन के "इच्छुकों के गठबंधन" में एक भागीदार के रूप में यूक्रेन में इज़राइल की भागीदारी के चलते इज़राइल के साथ रूस के संबंध तेजी से खराब हुए हैं। मॉस्को शायद बेहद प्रभावशाली यहूदी एजेंसी को निष्कासित करना चाह रहा है, जिसने गोर्बाचेव युग के बाद से मॉस्को में एक कार्यालय रखा है।

सीरिया के खिलाफ इजरायली मिसाइल हमलों की मास्को की आलोचना हाल ही में काफी तेज हो गई है। निकट भविष्य में रूसी-इजरायल संबंध कमजोर होंगे। इज़राइल अपने बढ़ते अलगाव के प्रति पूरी तरह सचेत है। राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने यहूदी एजेंसी को बंद करने के मामले में पर चर्चा करने के लिए आज पुतिन से संपर्क साधा है, लेकिन यह एक अनिर्णायक बातचीत साबित हुई। इजरायल के प्रधानमंत्री यायर लैपिड के साथ बाइडेन प्रशासन की मजबूत खुफिया सांठगांठ को देखते हुए मास्को अतिरिक्त सतर्क रहना चाहेगा। तथ्य यह है कि लैपिड ने पुतिन को फोन करने से परहेज किया, जिससे उक्त स्थिति का खुद ही अंदाज़ा लगया जा सकता है।

यह कहना प्रयाप्त होगा, कि मास्को और अंकारा के साथ इज़राइल के भयावह संबंधों और तेहरान के प्रति गहरी दुश्मनी के कारण, सीरिया में एक तुर्की-रूसी-ईरानी कॉन्डोमिनियम आखिरी चीज होगी जिसे इजरायल वर्तमान समय में हक़ीक़त बनते देखना चाहेगा। इज़राइल अजीब स्थिति में है, क्या वह अब्राहम समझौते के साथ अपना गौरव खो रहा है।
 
क्रमशः तुर्की और ईरान के साथ धुरी बनाने की पुतिन की पहल, क्षेत्र के व्यापक रुझान के खिलाफ जाती है जो संयुक्त राज्य अमेरिका की वापसी की पृष्ठभूमि के खिलाफ क्षेत्र के भीतर देशों के प्रभुत्व वाली प्रक्रियाओं के माध्यम से खुद को फिर से आकार देने के साथ मेल खाती है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Russia-Turkey Reset Eases Regional Tensions

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest