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जुनैद की हत्या की जाँच में अनुचित हस्तक्षेप ?

कोर्ट के रिकॉर्ड के हिसाब से 24 और 25 अक्टूबर की सुनवाई के दौरान नवीन कौशिक, नरेश कुमार के वकील को सलाह दे रहे थे कि वे “गवाहों से कौन से सवाल करें’
जुनैद लिंचिग

जुनैद लिंचिंग केस की सुनवाई कर रहे ट्रायल कोर्ट जज ने सरकारी वकील पर केस के मुख्य आरोपी की मदद करने का आरोप लगाया है और इस मामले में जाँच की माँग की है. 25 अक्टूबर को अंतरिम कोर्ट में निर्णय सुनाते हुए जस्टिस राठौर ने कहा कि सरकारी वकील नवीन कौशिक, मुख्य आरोपी नरेश कुमार के वकील को क्रॉस एक्सज़ेमिनेशन में सहायता कर रहे थे. कोर्ट के रिकॉर्ड के हिसाब से 24 और 25 अक्टूबर की सुनवाई के दौरान नवीन कौशिक, नरेश कुमार के वकील को सलाह दे रहे थे कि वे “गवाहों से कौन से सवाल करें’’.

जज का कहना था कि सरकारी वकील नवीन कुमार ने जो किया वो व्यावसायिक दुराचार है और कानूनी नैतिकता के खिलाफ है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये केस बहुत संवेदनशील है क्योंकि प्रोसीक्यूशन के मुताबिक एक अल्पसंख्यक समुदाय के लड़के को सीट शेयरिंग के विवाद पर बहुसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा पीटकर मार दिया गया था. इस दौरान उसे संप्रदाय सूचक अपशब्द भी कहे गए, इसीलिए कौशिक के इस तरह के बर्ताव से पीड़ित पक्ष में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है और साथ ही कोर्ट की निष्पक्ष जाँच में भी ख़लल पड़ सकता है.

जज राठौर ने पंजाब और हरियाणा कोर्ट से माँग की है कि वो इस मामले की जाँच करें जिससे राज्य सरकार इस मामले का संज्ञान ले सकें. इसके आलावा उन्होंने पंजाब और हरियाणा की बार काउन्सिल से भी माँग की है कि वो इस मामले में कार्यवाही करें .कौशिक का कहना है कि ये आरोप गलत हैं कि उन्होंने आरोपी के वकील की मदद की, उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं है और वो किसी और काम से वहाँ गये थे .वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा है कि जज का कहना है कि हरियाणा AAG आरोपी की मदद कर रहे हैं. हर BJP शासित राज्य में पार्टी और सरकार सांप्रदायिक हत्याओं को बढ़ावा दे रही है .

16 साल के जुनैद और उनके दो भाइयों पर भीड़ ने तब हमला किया गया जब वे ट्रेन से मथुरा जा रहे थे. जुनैद पर चौकुओं से कई बार वार किया गया और लगातार सम्प्रदाय सूचक अपशब्द भी कहे गए. बाकी आरोपियों के आलावा इस मामले में नरेश कुमार के खिलाफ भी चार्जशीट दायर है.

गौरतलब है कि इससे पहले भी केंद्र और बीजेपी शासित राज्य सरकारों पर लिंचिंग के आरोपियों को बचाने के आरोप लगते रहे हैं . इसमें पहलु खान के केस का हवाला दिया जा सकता है. पहलू खान को अप्रैल में गाय तस्करी के आरोप में राजस्थान के अलवर जिले में भीड़ द्वारा क़त्ल कर दिया गया था . हाल में कोर्ट ने सबूतों के आभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया. इस मामले पर प्रकाशित एक स्वतंत्र रिपोर्ट के अनुसार इस केस में पुलिस ने आरोपियों को बचाने के प्रयास किये और जानबूझकर सबूतों की अनदेखी की गयी थी .

 

 

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