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कर्नाटक के हैंडलूम बुनकरों ने 7 अगस्त को सत्याग्रह का आह्वान किया

राज्य में बुरे दौर से गुज़र रहे हैंडलूम बुनकर निगम के प्रबंधन को बुनकरों को सौंपने की माँग कर रहे हैं।
Karnataka Handloom

कर्नाटक हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (केएचडीसी) भारी घाटे में चल रही है, और पतन के कगार पर है। राज्य में बुरे दौर से गुज़र रहे हैंडलूम बुनकर निगम के प्रबंधन को बुनकरों को सौंपने की माँग कर रहे हैं। बुनकरों ने 7 अगस्त 2018 को सत्याग्रह का आह्वान किया है। ग्राम सेवा संघ "श्रम की गरिमा" को कायम रखने के लिए काम कर रहे एक सामाजिक संगठन ने 28 जुलाई 2018 को बेंगलुरू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाया था। प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया की "लाखों कर्नाटक के हैंडलूम बुनकर परेशान हैं। केएचडीसी, जिसने चालीस हज़ार से अधिक परिवारों के लिए रोजगार दिया है, अब अपने किसी भी कर्मचारी की देखभाल करने की स्थिति में नहीं है।"


तीसरी हैंडलूम जनगणना (2009 -10) के अनुसार राज्य में 40,488 हैंडलूम थे जो 89,256 श्रमिकों को रोज़गार देते थे। सामाजिक और थियेटर कार्यकर्त्ता प्रसन्ना ने उद्योग द्वारा नियोजित परिवारों की संख्या में गिरावट की ओर इशारा किया। राज्य में हैंडलूम उद्योगों को राष्ट्रीय हैंडलूम विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) का एक घटक, व्यापक हैंडलूम विकास योजना (सीएचडीएस) के तहत धन मिलना था। लेकिन यह केवल एक कागज़ी वायदा बनकर रह गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों के धन के आवंटन में भारी गिरावट आई है ।

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कर्नाटक के आर्थिक सर्वेक्षण 2015-2016  में  देखा गया है कि कर्नाटक राज्य कपड़ा नीति लॉन्च करने वाला देश का पहला राज्य था जिसे 'नुथाना जावली नेठी 2013-18' कहा जाता है। नीति का लक्ष्य 2018 तक 8000 करोड़ रुपये का निवेश और लगभग चार लाख श्रमिकों के लिए रोजगार पैदा करना था। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2015-16 में कर्नाटक में 38.68 मिलियन मीटर हैंडलूम वस्त्रों का उत्पादन हुआ और इसने 1.06 लाख तक रोज़गार दिया गया था, जबकि 2014-15 के दौरान कर्नाटक में 41.2 9 मिलियन मीटर हैंडलूम वस्त्रों का उत्पादन हुआ और इससे 0.84 लाख लोगों को रोज़गार मिला।

ऑल कर्नाटक हैंडलूम एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रसन्ना और विट्टप्पा गोरंतली ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि राज्य सरकार का ध्यान बुनकरों के कल्याण पर नही हैं, केवल निवेश पर है। प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि सरकार प्रभारी अधिकारियों के वेतन में अधिक रुचि रखती है, लेकिन बुनकरों की मज़दूरी में नहीं। गोरांतिली ने सरकार से 30 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज जारी करने की भी माँग की है। ग्राम सेवा संघ ने 7 अगस्त 2018 को सत्याग्रह का आह्वान किया हैं क्योंकि 7 अगस्त राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस होता है। 8 अगस्त को धारवाड़ में एक सत्याग्रह भी आयोजित किया जाएगा, और 9 अगस्त को हुब्बाल्ली में बुनकरों द्वारा भूख हड़ताल होगी।


अंत में, प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, "राज्य सरकार इस निगम को चलाने में असफल दिख रही है। हम माँग करते हैं कि वे  इसे बुनकरों को सौंप दें। हम बुनकर, देश के करोड़ों ग्वालों का ख़याल रखने वाले, अमूल की तर्ज़ पर एक संस्था विकसित करने का विश्वास दिलाते हैं।“

 

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