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'क्या बाहुबल वाले राष्ट्रवाद से दुनिया में किसी मुद्दे का हल निकला है?'

पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को अप्रभावी करने के केंद्र के फैसले का विरोध किया है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद-370 संबंधी आदेश के खिलाफ यचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया है।
jammu and kashmir

जम्मू-कश्मीर पर सरकार के कदम पर पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल के एक बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को सवाल किया कि क्या दुनिया में कहीं भी 'बलपूर्वक राष्ट्रवाद' से किसी समस्या का समाधान निकला है।

पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'शाह फैसल सिविल सेवा परीक्षा में पहले स्थान पर आए और भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़े। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर सरकार के कदम को सबसे बड़ा विश्वासघात बताया है।'

उन्होंने कहा, 'अगर शाह फैसल ऐसा सोचते हैं तो कल्पना कीजिये जम्मू-कश्मीर के लाखों आम लोग क्या सोचते होंगे।'

चिदंबरम ने सवाल किया, 'क्या बाहुबल वाले राष्ट्रवाद से दुनिया में किसी मुद्दे का हल निकला है?'

गौरतलब है कि संसद ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने की बुधवार को घोषणा की। 

सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर बृहस्पतिवार को तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख उसे तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए किया गया।

याचिका दायर करने वाले वकील एम एल शर्मा ने न्यायालय से अपील की कि उनकी याचिका को 12 या 13 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। पीठ ने शर्मा से कहा कि इस याचिका पर सुनवाई उचित समय पर होगी।

जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार के फ़ैसले के खिलाफ दिल्ली समेत देश भर में वाम दलों सहित नागरिक समाज इसकी आलोचना कर रहा है। इसके खिलाफ जगह जगह  पर विरोध प्रदर्शन किया  जा रहे और जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता और अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग की जा रही है ।
 
सभी कह रहे हैं कि सरकार के इस कदम ने लोकतंत्र और संविधान को एक बड़ा आघात पहुंचाया है। इनका मानना है कि पाकिस्तानी हमलावरों का मुकाबला करते हुए कश्मीर का अवाम भारत सरकार के इस पवित्र और स्पष्ट वचन के साथ भारत मे शामिल हुआ था कि उसे विशेष दर्जा और स्वायत्तता दी जाएगी। 

इसका ही बाद में आर्टिकल 370 के रूप में संविधान में प्रावधान किया गया। मोदी सरकार ने इस वचन से हटकर जम्मू और कश्मीर की जनता के साथ विश्वासघात किया है।

कश्मीर में डोभाल की तस्वीर पर बोले आजाद, 'पैसे देकर आप किसी को साथ ले सकते हो'

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाए जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की घाटी के कुछ लोगों के साथ बातचीत करते हुए तस्वीर सामने आने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बृहस्पतिवार को कहा 'पैसे देकर आप किसी को भी साथ ले सकते हो।'

डोभाल की इस तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने संवाददाताओं से कहा, 'पैसे देकर आप किसी को भी साथ ले सकते हो।'

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म किये जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का कदम उठाए जाने के बाद डोभाल की कश्मीर घाटी के शोपियां में कुछ लोगों के साथ बातचीत करते हुए तस्वीर सामने आई है।
  
          (भाषा इनपुट के साथ )

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